Friday, April 19, 2024

राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट! मेयर के भतीजे ने 20 लाख में खरीदी ज़मीन, ट्रस्ट को 2.5 करोड़ में बेची

राम नाम की लूट मची है, लूट सके तो लूट। अयोध्या में फिलवक्त यही हो रहा है। भाजपा के लोग औने पौने दाम ज़मीन ख़रीद रहे हैं, या डरा धमका कर लिखवा ले रहे हैं और फिर वही ज़मीन 10 – 12 गुना क़ीमत पर राम जन्मभूमि ट्रस्ट को बेच दे रहे हैं। तो इस तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा गठित किया गया श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट भाजपा नेताओं को कमायी करवाने वाला उपक्रम बन गया है। अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीपनारायण उपाध्याय ने 20 फरवरी को एक ज़मीन 20 लाख की ख़रीदी और 11 मई को वही ज़मीन राम जन्मभूमि ट्रस्ट को 2.5 करोड़ में बेच दी।

नए दस्तावेज़ों के साथ आरोप लगाते हुये आम आदमी सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि अयोध्या के कोट रामचंदर इलाक़े में 14 लाख 80 हजार के मालियत की ज़मीन जगदीश प्रसाद को महंत देवेंद्र प्रसाद से 10 लाख रुपये में मिल जाती है। गाटा संख्या 135 (कुल 0.89 हेक्टेयर) इस साल के फरवरी महीने तक महंत देवेंद्र प्रसादाचार्या के नाम थी। 20 फरवरी, 2021 को मेयर के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय ने 20 लाख रुपए में उनसे यह ज़मीन ख़रीद लिया। और फिर दीप नारायण उपाध्याय ने तीन महीने बाद 11 मई, 2021 को वही ज़मीन राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 2 करोड़ 50 लाख रुपए में बेच दिया। यानी तीन महीने के भीतर 12 गुना से अधिक क़ीमत पर बेचा गया। जबकि उक्त ज़मीन की कीमत सर्किल रेट के मुताबिक 35.6 लाख रुपये है। इस तरह फरवरी महीने में मेयर के भतीजे दीप नारायण ने सर्किल रेट से 15 लाख रुपये कम में इस ज़मीन को ख़रीदा और तीन महीने बाद 2 करोड़ 50 लाख में बेच दिया। 

महासचिव चंपत राय की अगुवाई में राम मंदिर ट्रस्ट ने 20 फरवरी को ही दीप नारायण से एक और ज़मीन कोटा  रामचंद्र में ख़रीदी। जिसका गाटा संख्या 36 है। यह सौदा भी मोटी क़ीमत अदा करके हुआ है। 676.85 वर्गमीटर वाली इस ज़मीन का सर्किल रेट के मुताबिक़ क़ीमत 27 लाख आठ हज़ार रुपये है। इस ज़मीन को दीप नारायण उपाध्याय ने एक करोड़ रुपए में राम मंदिर ट्रस्ट को बेचा है। यानी 14,774 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से अशर्फी भवन के पास स्थित यह ज़मीन नवनिर्माण राम मंदिर से पांच सौ मीटर दूरी पर है। ऋषिकेश उपाध्याय ने मीडिया में बताया कि यह ज़मीन दीप नारायण उपाध्याय की पैतृक ज़मीन है। 

राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने 11 मई को दीप नारायण से ज़मीन ख़रीदी। इसमें दो गवाह हैं। एक गवाह राज कुमार दास हैं और दूसरे अनिल मिश्रा हैं। अनिल मिश्रा बाग़ बिजैसी इलाक़े में 18 मार्च को 2 करोड़ की ज़मीन राम जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा 18.5 करोड़ में ख़रीद में भी गवाह थे। बता दें कि हरीश पाठक और कुसुम पाठक ने 1.3 हेक्टेयर जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी को पहले 2 करोड़ में बेचा था और 5 मिनट बाद ही सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी ने उक्त ज़मीन को 18.5 करोड़ रुपए में राम जन्मभूमि ट्रस्ट को बेच दिया था। जबकि इस जमीन का सर्किल रेट 5 करोड़ 79 लाख रुपये था। बता दें कि रवि मोहन तिवारी अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के समधी शीतला पाठक का साला है। 

शनिवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस में आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह ने कहा कि ज़मीन ख़रीद का मामला उठाने के बाद भाजपा नेताओं ने मुझ पर राजनीति करने का आरोप लगाया। रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास, रामलला के पैरोकार रहे महंत धर्मदास और जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भी मामले की ईडी और सीबीआई से जांच कराने की मांग कर चुके हैं। भाजपा बताए क्या ये धर्मगुरु भी राजनीति कर रहे हैं?

उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर राम मंदिर के नाम पर हुई भूमि ख़रीद में धांधली की सुनवाई हो और चंदा चोरों को जेल भेजा जाए। साथ ही दो करोड़ की ज़मीन 18.50 करोड़ रुपये में ख़रीदने के मामले में छह दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर अफसोस जताया।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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