Tuesday, March 19, 2024

पश्चिम से इतर हमें एशिया का अपना मॉडल विकसित करना होगा: राहुल गांधी और नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस की वार्ता

(देश और दुनिया की प्रतिष्ठित शख्सियतों से बातचीत के क्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज अर्थशास्त्री और नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस से बात की। इसमें दोनों के बीच कोरोना और अर्थव्यवस्था समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। पेश है बातचीत के कुछ अंश-संपादक)

राहुल गांधी: आप गरीबों की अर्थव्यवस्था को जानते हैं, बताइए कोरोना का संकट कैसे लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है?

मुहम्मद यूनुस: मैं पहले से ही यह कह रहा हूं कि कोरोना संकट ने समाज की कुरीतियों को उजागर कर दिया है। गरीब, प्रवासी मजदूर हम सभी के बीच ही हैं, लेकिन कोरोना संकट ने इन सभी को सामने ला दिया है। इन्हें इन्फॉर्मल सेक्टर का हिस्सा माना जाता है, जो अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं हैं। अगर हम उनकी मदद करें तो पूरी अर्थव्यवस्था को आगे ले जा सकते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं कर रहे हैं। महिलाओं की बात करें तो उन्हें समाज में निचला दर्जा दिया गया, अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में उन्हें कोई पूछता ही नहीं है। महिलाओं ने समय समय पर खुद को साबित किया है।

राहुल गांधी: भारत और बांग्लादेश जैसे देशों के लिए मुश्किल है कि यह भविष्य हैं और छोटे कारोबारी ही भविष्य हैं, लेकिन सिस्टम नहीं देख रहा।

मुहम्मद यूनुस: आर्थिक मामले में हम लोग पश्चिमी देशों की तरह चलते हैं, इसलिए इनकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। छोटे मजदूरों और कारोबारियों के पास काफी टैलेंट है, लेकिन सरकार उन्हें अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं मानती है। पश्चिम के देशों में गांव के लोगों को शहर में नौकरी के लिए भेजा जाता है, वही अब भारत में हो रहा है। हम गांव में ही अर्थव्यवस्था क्यों नहीं खड़ी करते। पहले शहर के पास इन्फ्रास्ट्रक्चर था, गांव के पास नहीं लेकिन आज सभी तकनीक है तो फिर क्यों लोगों को शहर भेजा जा रहा है। जहां लोग हैं वहां पर सरकार को काम लाना चाहिए।

राहुल गांधी: पश्चिम के देशों से काफी कुछ लिया, लेकिन गांव को मजबूत बनाना भारत और बांग्लादेश का ही मॉडल है। महात्मा गांधी ने भी कहा था कि हमें अपनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना होगा।

मुहम्मद यूनुस: आर्थिक मशीन को कोरोना महामारी ने रोक दिया है, अब लोग सोच रहे हैं कि पहले जैसी स्थिति जल्द हो जाए। लेकिन ऐसी जल्दी क्या है, अगर ऐसा होता है तो बहुत बुरा होगा। हमें उसी दुनिया में वापस क्यों जाना है, जहां ग्लोबल वार्मिंग का मसला है और बाकी सभी तरह की दिक्कतें हैं। यह हानिकारक होगा, कोरोना ने आपको कुछ नया करने का मौका दिया है। आपको कुछ अलग करना होगा, ताकि समाज पूरी तरह से बदल सके।

राहुल गांधी: पश्चिम की नीतियों से बेहतर है कि एशिया के मॉडल पर काम किया जाए, क्या कोरोना वायरस ने हमें वो मौका दे दिया है?

मुहम्मद यूनुस: यह सिर्फ एशिया नहीं बल्कि दुनिया का मंत्र होना चाहिए। जब हमने ग्रामीण बैंक शुरू किया तो वो सिर्फ बांग्लादेश की बात लगी, लेकिन धीरे-धीरे वही मॉडल ग्लोबल हो गया।

राहुल गांधी: मुझे लगता है कि बांग्लादेश और भारत की समस्याएं काफी समान हैं, लेकिन सामाजिक स्तर पर कुछ बदलाव हैं। यहां जाति के आधार पर बंटवारा है, जो पश्चिम से पूरी तरह अलग है।

मुहम्मद यूनुस: हमारे यहां जाति का सिस्टम है तो अमेरिका में रंगभेद है। लेकिन हमें आज मानवता पर वापस लौटना होगा, कोरोना महामारी ने इन सबको पीछे छोड़ दिया है। अब नया सिस्टम बनाने का मौका है।

राहुल गांधी: असल बात तो यही है कि आपको अपने लोगों में विश्वास करना होगा, जिसके बाद आप आगे काम कर सकते हैं। गरीबों में विश्वास जताना जरूरी है। आप आगे बढ़ें हम आपका साथ देंगे।

मुहम्मद यूनुस: जब हमने ग्रामीण बैंक शुरू किया तो लोग हैरान थे कि हम उनके हाथ में इतना पैसे क्यों दे रहे हैं, उन गरीबों लिए 1000-2000 रुपया ही ज्यादा था। अब हर साल अरबों डॉलर का लोन दिया जाता है। अब नए सिस्टम की शुरुआत करना जरूरी है। हमने किसी से कागज नहीं मांगे, सिर्फ जरूरत के हिसाब से मदद की।

राहुल गांधी: भारत में प्रवासी मजदूरों का संकट था, कोरोना ने उनकी दुनिया को तबाह कर दिया। मैंने कई से बात की, पहला लक्ष्य था कि उन्हें जल्द खाना मिले, नगदी मिले। लेकिन सरकार की सोच अलग थी, जिसके बाद लाखों लोगों को अपने घर वापस जाना पड़ा। ऐसे में कोरोना के बाद अगर दुनिया नई नीति के साथ नहीं आती है, कोरोना ने दुनिया को बताया है कि आप कुछ नई सोच के साथ सामने आइए। मुझे लगता है कि हमारे जैसे देशों के पास अधिक मौके हैं, पश्चिम देशों के मुकाबले।

मुहम्मद यूनुस: आप भारत की अगली पीढ़ी में क्या देखते हैं और आने वाली पीढ़ी को क्या देना चाहते हैं। क्या चाहते हैं कि यही आगे बढ़े या फिर कुछ और भी आगे बढ़े। आज युवा दुनिया भर में सड़कों पर आ गए हैं। चाहे नौकरी का संकट हो या फिर ग्लोबल वार्मिंग का, इस पर आपका क्या विचार है।

राहुल गांधी: हमने उत्तर प्रदेश में एक संस्था बनाई, जिसके बाद हमने लाखों महिलाओं को मजबूत होते देखा। लेकिन राजनीति की वजह से एक सरकार ने उस पर हमला कर दिया। ऐसे माहौल में किस तरह काम किया जाए, जिस पर राजनीतिक खतरा है?

मुहम्मद यूनुस: सरकारें काफी चीजों को खत्म कर सकती हैं, उनके पास ताकत है। लेकिन अगर आप लोगों के लिए कुछ कर रहे हो, लेकिन आप व्यवस्था नहीं हो। इसलिए सरकार के हाथ में अधिकतर चीज़ें रहती हैं, आप जितना कोशिश करोगे उतनी ज्यादा शक्ति से वापस आएगा। अगर आप गरीबों की आर्थिक मदद कर रहे हैं तो उद्योगपतियों से बात भी जरूरी है।

(नवजीवन से साभार।)

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