नई दिल्ली। कर्नाटक की नई कांग्रेस सरकार ने संघ से जुड़े जनसेवा ट्रस्ट को बेंगलुरु में 35 एकड़ से अधिक जमीन का आवंटन रोक दिया है। राज्य सरकार ने ट्रस्ट पर भूमि आवंटन नियमों के कथित उल्लंघन को आधार बनाकर ऐसा किया है। ट्रस्ट की तरफ से वर्तमान में बेंगलुरु के पश्चिमी बाहरी इलाके में मगदी रोड पर 50 एकड़ की संपत्ति पर एक स्कूल चलाया जा रहा था। ट्रस्ट को पिछली भाजपा सरकार की तरफ से बेंगलुरु दक्षिण तालुक के तवरेकेरे होबली के कुरुबरहल्ली गांव में 35.33 एकड़ जमीन दी गई थी।
इस साल 13 मई को विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सत्ता में आई नई कांग्रेस सरकार ने पिछली भाजपा सरकार की ओर से किए गए सभी भूमि आवंटन की वैधता की जांच करने के लिए आवंटन पर रोक लगा दी है। जिसमें जनसेवा ट्रस्ट को दी गई 35.33 एकड़ जमीन भी शामिल है।
कानून विभाग के सूत्रों ने जनसेवा ट्रस्ट को भूमि आवंटन पर रोक लगाने के बारे में कहा कि “पिछली भाजपा सरकार की तरफ से आरएसएस संगठनों सहित निजी संगठनों को दिए गए सभी भूमि अनुदान की जांच की जा रही है। कई मामलों में, भूमि किसी औपचारिक आवेदन के अभाव में ही दे दी गई। कई आवंटन कानून की जांच में टिक नहीं पाएंगे।”
यह मुद्दा इस सप्ताह राज्य विधान परिषद में उठाया गया था। जहां भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी ने कांग्रेस पर शिक्षा के उद्देश्य से संघ से जुड़े ट्रस्ट को जमीन देने पर नफरत की राजनीति करने का आरोप लगाया था। उन्होंने सोमवार को परिषद में शून्यकाल के दौरान कहा “जनसेवा ट्रस्ट पिछड़े समुदायों के बच्चों को शिक्षा देने के इरादे से बनाया गया था।
ट्रस्ट को पिछली सरकार की तरफ से बेंगलुरु दक्षिण तालुक के तवरेकेरे होबली के कुरुबाराहल्ली गांव में 35.33 एकड़ जमीन दी गई थी। जब से नई सरकार सत्ता में आई है, जमीन देने का आदेश रोक दिया गया है।“ उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रस्ट को भूमि आवंटन करने से सिर्फ इसलिए रोका गया है क्योंकि ट्रस्ट संघ से जुड़ा हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार के आदेश को निंदनीय बताया।
भाजपा नेता ने कहा कि जनसेवा ट्रस्ट को आवंटित भूमि के हस्तांतरण के लिए सरकार के पास पैसा जमा कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “सरकार को भूमि आवंटन रोकने का अपना फैसला वापस लेना चाहिए।” कांग्रेस सरकार को औपचारिक जवाब देना है लेकिन कांग्रेस नेताओं ने पहले ही संकेत दे दिया है कि पिछली भाजपा सरकार की ओर से संघ और संघ के अन्य आनुषांगिक संगठनों को लिए गए भूमि आवंटन निर्णयों की वैधता की समीक्षा की जाएगी।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले महीने ही कहा था कि नई कांग्रेस सरकार संघ संगठनों को दी गई सैकड़ों एकड़ जमीन की समीक्षा करेगी। जनसेवा ट्रस्ट को वर्ष 1971 में शुरू किया गया था। ट्रस्ट पिछले 51 वर्षों से बेंगलुरु से लगभग 20 किमी दूर दी गई 50 एकड़ जमीन पर एक स्कूल चला रहा है।
( द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट पर आधारित।)
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