भारत जोड़ो यात्रा: वे तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं हम जोड़ने की-राहुल गांधी

नई दिल्ली/नूंह। राजस्थान के अलवर से हरियाणा के फिरोजपुर झिरका में भारत जोड़ो यात्रा के प्रवेश करने के साथ ही यात्रा की धमक केंद्रीय सत्ता के आंख-कान को दिखाई और सुनाई देने लगी है। सुदूर दक्षिण के कन्याकुमरी से शुरू हुई यात्रा को शुरुआत में संघ-भाजपा ने ज्यादा महत्व नहीं दिया। लेकिन अब सरकार को लगने लगाकि ‘खतरा’ नजदीक पहुंच चुका है तो कोरोना बढ़ने का दांव चलकर यात्रा को रोकने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तथाकथित नोटिस पर राहुल गांधी ने कहा कि हम यात्रा जारी रखेंगे।

कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा को लेकर संघ-भाजपा के सत्ताधीशों को यह विश्वास था कि यह फ्लॉप शो साबित होगा। उनको लगता था कि यात्रा न तो अपने मकसद में कामयाब होगी और न ही अपने लक्ष्य तक पहुंचेगी। लेकिन मोदी सरकार के हर अवरोध को पार करते हुए य़ात्रा अपने मकसद में कामयाब होती दिख रही है। मीडिया के अघोषित वॉयकाट की स्थिति में भी यात्रा की गूंज दूर-दराज के गांवों तक पहुंच रही है। तभी तो इस कड़कड़ाती ठंड में सुबह 6 बजे से लेकर रात 8 बजे तक दिल्ली अलवर राजमार्ग पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। सड़क किनारे चलते हुए राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रियों से हर कोई मिलकर अपनी समस्या बताना चाह रहा था।

नूंह के ऐतिहासिक गांधी ग्राम घासेड़ा में राहुल गांधी ने कहा कि हम भारत जोड़ो यात्रा को रोक नहीं सकते। घासेड़ा में सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, वे तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं हम देश को तोड़ने नहीं देंगे। संघ-भाजपा की सरकार चाहे जितनी कोशिश कर ले। लेकिन वे अपने मकसद में कामयाब नहीं होंगे। उन्होंने गांधी को डराने की कोशिश की, गांधी जी नहीं माने तो गोली मार कर उनकी हत्या कर दी। लेकिन गांधी शरीर से जाने के बाद विचाररूप में जिंदा हैं। गांधी के इस रूप से संघ-भाजपा के लोग और डरते हैं। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि हम नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने आए हैं। केवल हम नहीं आप सबको मोहब्बत की दुकान खोलना होगा।

राहुल गांधी को मेवाती पगड़ी पहना कर किया सम्मान।

गांधी ग्राम घासेड़ा में राहुल गांधी ने कहा कि, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबको डरा कर रखना चाहते हैं। लेकिन वह खुद इतने डरपोक हैं कि अगर आप तन कर खड़े हो गए तो वे भाग लेते हैं। काले कृषि कानूनों के विरोध में चले आंदोलन के समय वह किसानों को बहुत डराने की कोशिश की, लेकिन जब देश का किसान डट गया तो उन्हें काले कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा।”

यात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है राहुल गांधी में आत्मविश्वास और उत्साह बढ़ता जा रहा है। केंद्र की संघ-भाजपा सरकार की नीतियों पर प्रहार करने का एक भी मौका वह छोड़ना नहीं चाहते हैं। उन्होंने तीन कृषि कानूनों के अलावा नोटबंदी और जीएसटी की कमियों को रेखांकित करते हुए कहा कि, “मोदीजी ने ऐसा कानून बना दिया है कि जो 25 किलो आटा बेचेगा उसे टैक्स देना पड़ेगा और जो 25 क्विंटल आटा बेचेगा, उसका टैक्स माफ है। मोदी सरकार ने किसानों को तबाह करने के लिए कृषि कानून और छोटे व्यापारियों को तबाह करने के लिए नोटबंदी-जीएसटी लाए थे।”

उन्होंने कहाकि मोदी सरकार कानून नहीं बनाती, लोगों को मारने का हथियार बनाती है। कृषि कानून किसानों को मारने का हथियार था तो नोटबंदी-जीएसटी छोटे व्यापारियों को मारने का हथियार है। छोटे व्यापारियों और व्यापार को खत्म कर वे अपने दो-तीन दोस्तों को बड़ा बना रहे हैं।

राहुल गांधी ने मोदी सरकार द्वारा मीडिया पर नियंत्रण करने पर चुटकी लेते हुए कहा कि, “मीडिया के साथियों आप लोग यहां आए हैं बहुत शुक्रिया! लेकिन आप लोग खबर नहीं चलाएंगे। यह आपकी गलती नहीं है। आपके ऊपर बैठे हुए लोगों (संपादक/मालिक) को नियंत्रित किया जा रहा है। आपकी गलती नहीं है।”

नूंह के गांधी ग्राम में गांधी को याद करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गांधी जी शरीर से बहुत कमजोर थे। लेकिन विचार और नीति से मजबूत थे। ईमानदार और सत्यवादी किसी से डरता नहीं। लेकिन मोदीजी पत्रकारों से डरते हैं। मैं हर जगह पत्रकारों से बात करता हूं। लेकिन आठ सालों में याद नहीं आता कि मोदीजी कभी प्रेस कांफ्रेंस कर पत्रकारों से बात किया हो। वे सवालों से डरते हैं। पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग मोदी जी प्रेस कांफ्रेस करने को क्यों नहीं कहते।

तैयारी का जायजा लेते कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा।

कन्याकुमारी से कश्मीर के लिए शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा 3700 किमी की है। यात्रा 2800 किमी दूरी तय करते हुए अब दिल्ली के करीब पहुंच गई है। कल भारत जोड़ो यात्रा दिल्ली में प्रवेश कर जाएगी। राजस्थान से हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा के प्रवेश करने के साथ ही राहुल गांधी को देखने-सुनने के लिए युवाओं की भारी भीड़ सड़कों पर उमड़ पड़ी। भारत जोड़ो यात्रा तीन दिन मेवात क्षेत्र में रही। हरियाणा के मेवात क्षेत्र में यात्रा का माहौल बदला हुआ था। मेवात क्षेत्र आज भी गरीबी, अशिक्षा और पिछड़ेपन से जूझ रहा है।

फिरजोपुर झिरका से लेकर नूंह, सोहना और बल्लभगढ़ में युवाओं और किसानों की भारी भीड़ देखने को मिली। हर कोई राहुल गांधी की एक झलक पाना चाह रहा था। नूंह का घासेड़ा गांव ऐतिहासिक महत्व का है। क्षेत्र में मेव मुसलमानों का बाहुल्य है, जो खेती-किसानी से जुड़े हैं। 1857 से लेकर आजादी की लड़ाई में यहां के सपूतों ने बड़ी कुर्बानियां दी हैं। देश बंटवारे के समय मेव मुसलमानों के पाकिस्तान पलायन करने की खबर पर महात्मा गांधी 19 दिसंबर, 1947 को घासेड़ा आए थे। मेव समुदाय से बात करके उन्होंने कहा कि अगर मेव समाज पाकिस्तान नहीं जाना चाहता तो उनकी रक्षा का दायित्व भारत सरकार और स्थानीय हिंदुओं का है।

नूंह में मेवात के किसान प्रतिनिधि और एक स्थानीय सरकारी मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्र यात्रियों के साथ मॉर्निंग वॉक किया। शाम के सत्र में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के फेलो डॉ. सैफ महमूद और एयर कमोडोर (सेवानिवृत्त) प्रशांत दीक्षित यात्रियों के साथ चले।

मेव समुदाय की बच्चियों के साथ राहुल गांधी।

घासेड़ा गांव से सोहना तक की यात्रा के दौरान आर्थिक विषमताओं को साफ देखा जा सकता है, जो भाजपा सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप और बढ़ गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मेवात के लोग भारत के परिवहन उद्योग की रीढ़ हैं, क्योंकि सभी बड़े ट्रक चालक जो अंतरराज्यीय ड्राइव करते हैं, आमतौर पर मेवात से आते हैं। ज्यादातर मेवाती गांवों में रहते हैं और उनकी दयनीय सामाजिक-आर्थिक स्थिति उनके अस्तित्व पर संकट की तरह मंडरा रहा है।

घासेड़ा के निवासी और कांग्रेस कार्यकर्ता मोहम्मद ओसामा ने कहाकि, “हमारे पूर्वजों ने गांधी के कहने पर पाकिस्तान जाने का विचार छोड़ दिया। हमारे पूर्वज मुगलों से पहले हिंदुस्तान आए थे। मेवात के लोगों ने राणा सांगा के साथ मिलकर बाबर से तो स्वतंत्रता संग्राम में राव तुलाराम के साथ मिलकर अंग्रेजों से जंग लड़ा। हम हर दौर में जालिम सत्ता के विरोधी रहे। इसीलिए मेवात विकास के नक्शे से गायब है।”

भारत जोड़ो यात्रा का एक साइकिल यात्री।

राहुल गांधी ने मेवात के विकास से संदर्भ में बात करते हुए कहाकि मेवात के पिछड़ेपन का अब तक चाहे जो कारण रहा हो लेकिन मेरी सरकार आयेगी तो हम मेवात का विकास करेंगे। सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने बड़ी साफगोई से कहा कि हम सरकार बनते ही तुरंत या रातोंरात कुछ नहीं कर सकते, लेकिन हम भरोसा दिलाते हैं कि अतीत में मेवात के साथ हुए भेद-भाव को दूर किया जायेगा।

घासेड़ा गांव के 91 वर्षीय बुजुर्ग ईसा खान ने राहुल गांधी की यात्रा से बदलाव की संभावना के सवाल पर कहाकि हमने1947 में यहीं पर गांधी और उनके 103 साथियों को देखा था। गांधी के कहने पर मेवातियों के साथ मैं और मेरा परिवार पाकिस्तान नहीं गया। जबकि मेरे चचेरे भाई पाकिस्तान चले गए थे और मेरे ऊपर दबाव बना रहे थे। हमने गांधी पर विश्वास किया। अब राहुल गांधी पर विश्वास है।

घासेड़ा के ही रहने वाले सुरेंद्र ने कहाकि आज जब पूरे देश में सांप्रदायिक उन्माद चरम पर है औऱ हर जगह हिंदू-मुसलमानों में टकराव की स्थिति है ऐसे में भी मेवात क्षेत्र में आपसी भाईचारा बरकरार है।

प्रदीप सिंह
Published by
प्रदीप सिंह