लखीमपुर खीरी कांड में सामने आ गयी भाजपा की असलियत: सोनिया गांधी

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“हाल ही में, लखीमपुर-खीरी की भयावह घटना ने भाजपाई मानसिकता को उजागार किया है कि वो किसान आंदोलन को कैसे देखती है, किसानों द्वारा अपने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए इस दृढ़ संघर्ष से कैसे निपटती है।”- उपरोक्त बातें सोनिया गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC)की बैठक में कही है।

उन्होंने जम्मू-कश्मरीर में पिछले दिनों हिंदू अल्पसंख्यकों की हत्या की निंदा करते हुये कहा कि “दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने और इस केंद्र शासित प्रदेश में शांति एवं सौहार्द बहाल करने की जिम्मेदारी केंद्र की है”। उन्होंने आगे कहा कि हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में हत्याओं के मामलों में अचानक उछाल आया है। अल्पसंख्यकों को स्पष्ट रूप से निशाना बनाया गया है। इसकी कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए।

एलएसी के मुद्दे को उठाते हुये उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री ने पिछले साल विपक्ष को बताया था कि चीन ने हमारे क्षेत्र पर कोई क़ब्ज़ा नहीं किया है और तब से उनकी चुप्पी हमारे देश को महंगी पड़ रही है।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि “सहकारी संघवाद केवल एक नारा बनकर रह गया है और केंद्र गैर-भाजपाई शासित राज्यों को नुकसान में रखने का कोई मौका नहीं छोड़ता है”।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के न केवल सामरिक और आर्थिक उद्देश्य रहे हैं बल्कि इसके सामाजिक लक्ष्य भी हैं। लेकिन ये सब मोदी सरकार के बेचो, बेचो, बेचो के सिंगल-पॉइंट एजेंडे के चलते ख़तरे में हैं।

मुझसे मन की बात करने के लिये मीडिया की ज़रूरत नहीं

इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में बताया कि अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी की जानी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण ही इसे टालना पड़ा तथा अब इसकी रूपरेखा पेश की जाएगी।

कांग्रेस अध्यक्ष ने पांच राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के बाबत कहा कि ‘उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। हमारे सामने कई चुनौतियां आएंगी, लेकिन अगर हम एकजुट रहते एवं अनुशासित रहते हैं और सिर्फ पार्टी के हित पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि हम अच्छा करेंगे’।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC)की बैठक में भाजपा की केंद्र सरकार को निशाने पर लेने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने कपिल सिब्बल समेत ‘ G 23’ के सभी नेताओं को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि वह पार्टी की पूर्णकालिक अध्यक्ष हैं। और उनसे मन की बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेने की ज़रूरत नहीं हैं’। कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि पार्टी का पुनरुद्धार होना चाहिए लेकिन इसके लिए अनुशासन और स्वयं पर नियंत्रण आवश्यक है।

उन्होंने संगठानात्मक चुनाव का हवाला देते हुए कहा, ‘‘पूरा संगठन चाहता है कि कांग्रेस फिर से मजबूत हो। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि एकजुटता हो और पार्टी के हित को सर्वोच्च रखा जाए। इन सबसे ऊपर आत्मनियंत्रण और अनुशासन की ज़रूरत है। सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना संकट के कारण अध्यक्ष के चुनाव को लेकर समय सीमा बढ़ानी पड़ी थी”।

कांग्रेस अध्यक्ष ने ज़ोर देकर कहा, ‘‘अगर आप मुझे बोलने की इज़ाज़त दें तो मैं पूर्णकालिक और सक्रिय अध्यक्ष हूं…..पिछले दो वर्षों में कई साथियों और खासकर युवा नेताओं ने नेतृत्व करने की जिम्मेदारी उठाई है और पार्टी की नीतियों को लोगों तक लेकर गए हैं।’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कांग्रेस ‘G 23’ नेताओं को नसीहत देते हुए कहा, ‘‘मैंने सदा स्पष्टवादिता की सराहना की है। मुझसे मीडिया के जरिये बात करने की ज़रूरत नहीं है। इसलिए हम सभी यहां खुली और ईमानदार चर्चा करते हैं। लेकिन इस चाहरदीवारी से बाहर जो बात जाए वो सीडब्ल्यूसी का सामूहिक फैसला होना चाहिए।’’

गौरतलब है कि पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की थी। आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पार्टी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए। जबकि कपिल सिब्बल ने भी पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान के बीच पिछले दिनों पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराए जाने चाहिए।

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