Saturday, April 20, 2024

केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का निधन, दिल की बीमारी से पीड़ित थे

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और एलजेपी मुखिया राम विलास पासवान का निधन हो गया है। वह दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे जहां उनके दिल का इलाज चल रहा था। पासवान 74 साल के थे। पांच दशकों राजनीति में सक्रिय पासवान देश के दलित राजनीति के बड़े चेहरों में शुमार किए जाते थे। उन्होंने बिहार से अपनी राजनीति की शुरुआत की। और कई बार लोकसभा चुनाव में जीत का रिकार्ड दर्ज किया।

खबर की सूचना देते हुए उनके बेटे चिराग पासवान ने ट्विटर पर लिखा कि “पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। आपको मिस करूंगा।”

पासवान पहली बार 1969 में विधायक चुने गए थे। इस तरह से 2019 में उन्होंने अपनी राजनीति के 50 साल पूरे कर लिए थे। 

राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राम विलास पासवान के असमय निधन पर उन्हें गहरी श्रद्धांजलि। परिवार को ईश्वर इस दुख को सहने की शक्ति दे। उनकी आत्मा को शांति मिले।

इसके पहले पासवान ने खुद ही अस्पताल में अपनी भर्ती के बारे में बताया था। उन्होंने अपने बेटे चिराग पासवान का हवाला देते हुए कहा था कि उसने मेरी बीमारी को महसूस किया और अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी। हालांकि इस मौके पर उन्होंने बीमारी के बारे में कुछ नहीं बताया था। कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया था कि उन्हें ढेर सारी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हैं। जिसमें पहले से चली आ रही हृदय संबंधी बीमारी भी शामिल है। क्योंकि पहले दिल से जुड़ी उनकी बीमारी का इलाज हो चुका है। ट्विटर पर उन्होंने लिखा था कि “मैं इस बात से खुश हूं कि मेरा बेटा चिराग इस समय मेरे साथ है और हर संभव सेवा कर रहा है। मेरा ख्याल रखने के साथ ही वह पार्टी के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी पूरा कर रहा है।”

पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि “मेरा दुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। पूरे देश में एक रिक्तता पैदा हो गयी है जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा। राम विलास पासवान का निधन एक निजी क्षति है। मैंने एक मित्र, महत्वपूर्ण सहयोगी और कोई एक ऐसा शख्स जो एक गरीब के सम्मानपूर्ण जीवन को सुनिश्चित करने वाला था”।

इसी तरह से पिछले सप्ताह चिराग पासवान ने अपने पिता की बीमारी और इलाज के संबंध में एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि “पिछले बहुत दिनों से पाप का अस्पताल में इलाज चल रहा है। शनिवार को कुछ अचानक घटित होने से उनका देर रात को हृदय का आपरेशन होना है। और अगर जरूरत पड़ती है तो फिर कुछ सप्ताह बाद उनका एक और आपरेशन करना पड़ सकता है। इस संघर्ष के समय में मेरे और परिवार के साथ खड़ा होने के लिए सभी का धन्यवाद।”

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है।

बिहार में सीटों के तालमेल संबंधी बातचीत में भी पासवान की कोई भूमिका नहीं थी। और सारा काम अकेले चिराग पासवान देख रहे थे। और बताया जा रहा है कि चुनाव में अकेले जाने का फैसला भी चिराग पासवान का ही था। हालांकि इसमें उनके पिता की सहमति थी या नहीं इसके बारे में कुछ भी आधिकारिक तौर पर नहीं पता है।

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