राहुल गांधी को आतंकी कहना भी गंभीर अपराध !

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राहुल गांधी के अमरीका में दिए भाषण को तोड़-मरोड़ कर कांग्रेस से कुछ समय पूर्व भाजपा में गए एक केन्द्रीय मंत्री ने आतंकी नंबर वन कहकर भारतीय संविधान के तहत नियुक्त प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी को असम्मानजनक शब्द कहे हैं उससे संविधान और जनता का अपमान हुआ है। सम्बंधित मंत्री पर सदन को कार्रवाई करना चाहिए।

विदित हो, बिहार के भागलपुर में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर विवादित बयान दिया है। बिट्टू ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को देश का नंबर वन आतंकी बता दिया और कहा कि उन पर सबसे बड़ा इनाम होना चाहिए। बिट्टू ने कहाा कि राहुल गांधी पर सिखों के बीच फूट डालने की कोशिश की है, वो अलगाववादी जैसी बातें कर रहे हैं।

भागलपुर रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन के अवसर पर पहुंचे केंद्रीय रेल राज्य मंत्री बिट्टू ने आगे कहा कि देश की सुरक्षा एजेंसी को सबसे पहला नाम राहुल गांधी का लिखना चाहिए और उन पर कार्रवाई करनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के सबसे बड़े दुश्मन राहुल गांधी हैं और सुरक्षा एजेंसी को ना सिर्फ सबसे पहले उनका नाम लाना चाहिए, बल्कि ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे भेजा जाना चाहिए।

उधर मुम्बई के एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी राहुल पर निशाना साधा है उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की आरक्षण़ ख़त्म करने वाली टिप्पणी संविधान विरोधी मानसिकता दर्शाती है।

दरअसल राहुल गांधी ने कहा था कि अभी आरक्षण खत्म करने का समय नहीं है। भारत में जातिगत जनगणना होना जरूरी है।भारत में सिख समुदाय के बीच इस बात की चिंता है कि उन्हें पगड़ी, कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या नहीं।

इसे कहते हैं चोर की दाढ़ी में तिनका। यदि राहुल आरक्षण खत्म करने की चिंता को अभिव्यक्त करते हुए आगत की चिंताओं से अवगत करा रहे हैं तो ग़लत क्या है। चोर का मन यूं ही उद्वेलित नहीं होता। मानसिकता तो बिट्टू का वह वक्तव्य दर्शाती है जो सोच समझकर दिलाया गया प्रतीत होता है। जो सिख समाज को सन् 84 के 40 वर्ष पुराने घटनाक्रम की ओर ले जाकर देश को फिर अलगाव की आग में झोंकना चाहता है। जबकि राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी पीएम की हैसियत से कांग्रेस की इस गलती की माफ़ी मांग चुके हैं और इस वक्त तमाम सिख समुदाय राहुल के साथ है।

जहां तक विदेश में देश की कहीं बात का सवाल है तो इस सरकार के उपराष्ट्रपति और मंत्री को यह हक कतई नहीं बनता कि वे इस तरह की अनर्गल टीका टिप्पणी करें यकीन ना हो तो अपने प्रधानमंत्री मोदी जी की उस बात को याद करें जब एशिया लीडरशिप समिट 2015 में कोरिया की राजधानी सियोल में वे बोले थे-“पता नहीं क्या पाप किया होगा कि भारत में जन्म हुआ।” इससे बढ़कर देश का अपमान करने वाला क्या आतंकी नहीं।

सोवियत रूस में विदेशी धरती पर हमारे पीएम राष्ट्रगान की धुन की उपेक्षा करते हैं वो चलते रहते हैं वहां के राष्ट्रपति पुतिन खींचकर उन्हें राष्ट्रगान के वक्त खड़े होने रोक देते हैं। ये सब क्या है? हाल ही में देश के सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल पुतिन से जिस तरह गुपचुप मोदीजी की ओर से माफी मांगते हैं। इससे देश का अपमान नहीं होता। देश का सिर नहीं झुकता।

बुंदेलखंड में एक कहावत है अंधा अपना टेंट ना देखे दूसर देखन जाए। वाकई इसीलिए पीएम हिम्मत नहीं जुटा पाते उपराष्ट्रपति और मंत्रियों को दम देकर कहलवाते हैं। लेकिन इससे उनका कद नहीं बढ़ने वाला। आजकल दुनिया में कोई चीज़ मिनटों में एक छोर से दूसरे छोर पहुंच जाती है ऐसी परिस्थितियों में कुछ भी छिपाना मुश्किल है इसलिए ही तो पीएम के ये कारनामे भी सामने आए हैं।

राहुल के विचार भी सामने आए। उनमें ऐसा कुछ नहीं है जो कहा जा रहा है। वस्तुत: सत्य ये है कि विदेशों और देश में राहुल की तूती बोल रही है। तो झूठ के दम पर जन्मनी और चल रही सरकार और उसके नमक अदा करने वाले लोग मनगढ़ंत किस्सा बना देश में फैलाने में जुट जाते हैं।

इस तरह का अनर्गल प्रलाप ज़्यादा दिन नहीं टिकता। उसका भंडाफोड़ हो ही जाता है। इसे दुर्योग ही कहिए कि आजकल भाजपा जिस भी एजेंडा पर काम कर रही है वह फ्लाप हो रहे हैं। सिख क़ौम इन्हें भली-भांति पहचान चुकी है इसका कोई असर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा या देश के किसी छोर में नहीं पड़ने वाला।

(सुसंस्कृति परिहार लेखिका और स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)

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