Friday, April 19, 2024

सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के घर और ठिकानों पर सीबीआई के छापे

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह और उनके पति और वकील आनंद ग्रोवर के घर और ठिकानों पर सीबीआई का छापा पड़ रहा है। इसके पहले इंदिरा जयसिंह के एनजीओ पर फेरा के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सरकार ने कार्रवाई की थी। इस सिलसिले में फंड के बेजा इस्तेमाल का आरोप में आनंद ग्रोवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी।

बताया जा रहा है कि ये छापा उनके निजामुद्दीन स्थित घर पर पड़ रहा है। मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने बताया कि ये छापे इंदिरा जयसिंह के दिल्ली और मुंबई स्थिति ठिकानों पर पड़े हैं। सुबह करीब 8.15 पर इन छापों की शुरुआत हुई है। तीस्ता ने बताया कि उन्होंने दोनों स्थानों पर अपने वकील भेज दिए हैं और वह छापों से संबंधित कानूनी प्रक्रिया का जायजा ले रहे हैं। तीस्ता ने इन छापों की कड़ी निंदा की है और इसे केंद्र सरकार की बदले की कार्रवाई बताया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस छापे की निंदा की है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल के जरिये कहा है कि “मैं जाने माने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह और श्री आनंद ग्रोवर के घरों पर सीबीआई छापे की कड़ी निंदा करता हूं। कानून को अपना काम करने दीजिए। लेकिन जिन वरिष्ठों ने जीवन भर कानून और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने की लड़ाई लड़ी उन्हें निशाना बनाना साफ-साफ बदले की कार्रवाई है। “

इंदिरा जयसिंह तभी से निशाने पर आ गयी थीं जब उन्होंने जज लोया मामले में फिर से जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के पक्ष में जिरह की थी। गौरतलब है कि इस मामले में सत्ता से जुड़े कई लोगों पर शक की सुई है। लिहाजा इसकी जांच शुरू होने से उनके ऊपर खतरा था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका रद्द कर दी।

इसके पहले भी इंदिरा जयसिंह गुजरात सरकार की कई ज्यादतियों के खिलाफ मोर्चा ले चुकी हैं।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।

केरल में ईवीएम के मॉक ड्रिल के दौरान बीजेपी को अतिरिक्त वोट की मछली चुनाव आयोग के गले में फंसी 

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग को केरल के कासरगोड में मॉक ड्रिल दौरान ईवीएम में खराबी के चलते भाजपा को गलत तरीके से मिले वोटों की जांच के निर्देश दिए हैं। मामले को प्रशांत भूषण ने उठाया, जिसपर कोर्ट ने विस्तार से सुनवाई की और भविष्य में ईवीएम के साथ किसी भी छेड़छाड़ को रोकने हेतु कदमों की जानकारी मांगी।

Related Articles

शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।

केरल में ईवीएम के मॉक ड्रिल के दौरान बीजेपी को अतिरिक्त वोट की मछली चुनाव आयोग के गले में फंसी 

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग को केरल के कासरगोड में मॉक ड्रिल दौरान ईवीएम में खराबी के चलते भाजपा को गलत तरीके से मिले वोटों की जांच के निर्देश दिए हैं। मामले को प्रशांत भूषण ने उठाया, जिसपर कोर्ट ने विस्तार से सुनवाई की और भविष्य में ईवीएम के साथ किसी भी छेड़छाड़ को रोकने हेतु कदमों की जानकारी मांगी।