Saturday, April 20, 2024

केंद्र सरकार ने ममता बनर्जी को विदेश जाने से रोका


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बढ़ते कद से भयभीत केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मदर टेरेसा पर केंद्रित दो दिवसीय ‘विश्व शांति सम्मेलन’में शामिल होने के लिये उनको रोम जाने की इज़ाज़त देने से इन्कार कर दिया है ।
शुक्रवार को ममता बनर्जी को इज़ाज़त देने से इन्कार करते हुये केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह बैठक जिस स्तर की है, उस लेवल पर एक मुख्‍यमंत्री का जाना उचित नहीं होगा। साथ ही विदेश मंत्रालय ने यह दलील भी दिया है कि मंजूरी को ‘राजनीतिक कोण’से अस्वीकार कर दिया गया है क्योंकि “घटना किसी राज्य के मुख्यमंत्री की भागीदारी के लिए स्थिति के अनुरूप नहीं है”।


जबकि इटली ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मदर टेरेसा पर केंद्रित ‘विश्व शांति सम्मेलन’में शामिल होने के लिये इटली आने के न्‍योते के साथ यह भी कहा था कि वे किसी प्रतिनिधि मंडल के साथ न आयें। बता दें कि इटली की राजधानी रोम में 6 और 7 अक्टूबर 2021 को होने वाले इस दो दिवसीय ‘विश्व शांति सम्मेलन’ के लिए पोप फ्रांसिस से लेकर जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल समेत दुनिया की तमाम हस्तियां शामिल होंगी। इस साल अगस्त में कैथोलिक एसोसिएशन, सेंट एगिडियो के समुदाय की तरफ से कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए ममता बनर्जी को आमंत्रित किया गया था। भारत की तरफ से वह इकलौती मेहमान हैं।

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के विद्वेषपूर्ण रवैये पर नाराज़गी जाहिर करते हुये कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जलते हैं और उनका यह फैसला मेरी पार्टी के प्रति ईर्ष्या के भाव को जाहिर करता है।

उन्होंने आगे कहा कि मैं विदेशों में जाने के लिए भूखी नहीं हूं, लेकिन यह राष्ट्र के सम्मान की बात थी। यह सरकार हिंदू हितों की बात करती रहती है। लेकिन अगर इसके दिल में वास्तव में हिंदू हित हैं, तो भारत की एकमात्र हिंदू महिला प्रतिनिधि को (वहां जाने की अनुमति) क्यों नहीं दी जाती?” गौरतलब है कि उनके अलावा कार्यक्रम में आमंत्रित अन्य सभी ईसाई और मुसलमान हैं। अपने उपचुनाव अभियान के दौरान भवानीपुर में उन्होंने कहा कि मैं भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही थी, वहां कोई छुट्टी मनाने नहीं जा रही थी।

ममता बनर्जी ने आगे सवाल उठाया है कि उन्हें विदेश में होने वाले कार्यक्रमों में जाने से क्यों रोक दिया जाता है, जबकि मैं जाना चाहती हूं लेकिन आप सभी (भाजपा नेतृत्व) अपनी इच्छानुसार जहां चाहें वहां यात्रा कर सकते हैं।”
गौरतलब है कि साल 2018 में, ममता बनर्जी को शिकागो के एक कार्यक्रम में शामिल होने की मंजूरी देने से भी केंद्र सरकार द्वारा इन्कार कर दिया गया था। जोकि विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण के 125 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित किया गया था। इससे पहले ममता बनर्जी की एक चीन की प्रस्तावित यात्रा को केंद्र सरकार ने अनुमति नहीं दी थी। बता दें कि मुख्यमंत्रियों द्वारा सभी आधिकारिक विदेश यात्राओं के लिए विदेश मंत्रालय की अनुमति की आवश्यकता होती है।

टीएमसी प्रवक्ता देबांग्शु भट्टाचार्य देव ने ममता बनर्जी को अनुमति नहीं दिए जाने पर अपनी राय ट्विटर पर दी और लिखा है कि, “केंद्र सरकार ने दीदी की रोम यात्रा की अनुमति नहीं दी! पहले उन्होंने चीन यात्रा की अनुमति भी रद्द कर दी थी। हमने अंतरराष्ट्रीय संबंधों और भारत के हितों को ध्यान में रखते हुए उस फैसले को स्वीकार कर लिया था। अब इटली मोदी जी क्यों? बंगाल के साथ आपकी समस्या क्या है?


वहीं भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार से पूछा है कि आखिर किस वजह से ममता बनर्जी को रोका गया है।


सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि ‘गृह मंत्रालय ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रोम में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने से क्यों रोका? उन्होंने पूछा कि आखिर कौन सा क़ानून उन्हें जाने से रोकता है?’
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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