सोची-समझी साजिश के तहत पुलिसकर्मियों ने दिया चंदौली की घटना को अंजाम: जांच दल

ककरही (चंदौली)। चंदौली के ककरही में पुलिस के हाथों हुई लड़की की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना को लेकर योगी सरकार की घेरेबंदी शुरू हो गयी है। और जिस बेरहमी से निशा की हत्या की गयी उसका कोई जवाब प्रशासन के पास नहीं है। इन्हीं स्थितियों के बीच सीपीआई एमएल, ऐपवा और इनौस की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया। और उसने पूरे मामले की जांच की।

टीम के हवाले से आयी रिपोर्ट में बताया गया है कि चन्दौली के ककरही में कन्हैया यादव और चंदा यादव का परिवार अपनी दो बेटियों और दो बेटों के साथ रहता था (उनके दो अन्य बेटे बाहर रहते हैं) कन्हैया यादव की बिल्डिंग मैटिरियल की  दुकान है जो उनके घर के सामने ही है। कन्हैया यादव को पिछले क़ई महीनोंन से सैयद राजा थाने की पुलिस परेशान कर रही थी और वसूली के लिए भी दबाव डाल रही थी। कभी उनका ट्रैक्टर जब्त करने के नाम पर तो कभी दुकान के लिए क़ई हजार रंगदारी देने के नाम पर। जब कन्हैया यादव ने वसूली और रंगदारी देने से इनकार किया तो उन पर क़ई फर्जी धाराएं लगाकर उन्हें गुंडाएक्ट में फंसाकर जिला बदर कर दिया गया। जिसके चलते वह पिछले क़ई महीने से चन्दौली जिले के बाहर ही रह रहे थे। उनकी गैर मौजूदगी में भी पुलिस उनके घर दबिश दे रही थी उनके बेटों से भी रंगदारी का पैसा देने का दबाव बना रही थी। बेटे अपने पिता की दुकान देखते थे।

निशा का शव और परिजन

आपको बता दें कि पुलिस ने कन्हैया के एक बेटे पर भी गैंगस्टर लगाया था लेकिन कोर्ट से यह मामला अब साफ हो चुका है और गैंगस्टर की धारायें भी खत्म हो चुकी हैं। कन्हैया के पुत्र विजय यादव का कहना है कि पुलिस लगातार पिछले एक साल से उनके परिवार को डरा धमका रही है। कन्हैया यादव के परिजनों ने बताया कि बिल्डिंग मैटिरियल का ही व्यवसाय करने वाले उनके पड़ोसी से व्यापार को लेकर अनबन रहती थी और पड़ोसी स्थानीय विधायक का नाम लेकर कन्हैया यादव और उसके परिवार को धमकाता रहता था। परिजनों का यह भी कहना था कि पुलिस द्वारा निशा और गुंजा के साथ मारपीट और हत्या की कार्रवाई पड़ोसी ने भाजपा विधायक के इशारे पर कराई है।

घटनाक्रम कुछ इस प्रकार है

30 अप्रैल को कन्हैया का बेटा विजय जब अपनी छोटी बहन गुंजा( स्नातक की छात्रा) को इम्तहान दिलाने ले जा रहा था तब रास्ते में पुलिस ने उसे पकड़ लिया और फर्जी धाराएं लगाकर थाने में बंद कर दिया। 1 मई को दोपहर में विजय का छोटा भाई विशाल उसकी जमानत कराने कचहरी गया था और घर पर सिर्फ बहने ही अकेली थीं।

जांच दल के सदस्य

1 मई को शाम 5 बजे निशा की शादी जो इसी माह तय थी की खरीदारी करने के लिए निशा की मां चंदा बनारस गई थीं। घर पर सिर्फ दोनों बेटियां निशा एवं गुंजा अकेली थीं। शाम 5 बजे थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह के साथ कई पुलिसकर्मी जिसमें महिला कांस्टेबल भी शामिल थीं घर में घुस गईं। घुसते ही दोनों बहनों को बेरहमी से लात घूंसे और बेल्ट से मारने लगीं। इसी मारपीट में छोटी बेटी गुंजा गम्भीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गई और बड़ी बेटी निशा की मौत हो गई। 22 वर्षीय निशा की मौत को आत्महत्या दिखाने के लिये पुलिस ने बक्से से साड़ी निकालकर उसे पंखे से लटका दिया। जमानत प्रक्रिया पूरी करके लौटे दोनों बेटे घर का नजारा देख दंग रह गए और होश में आने के बाद घायल गुंजा ने पूरा घटनाक्रम अपने भाइयों को बताया। उसने बताया कि दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घर में घुसे और कहने लगे कि “तुम्हारा बाप गुंडा है इसलिए तुम लोगों को हम देख लेंगे”। गुंजा चन्दौली अस्पताल में भर्ती है जहां उसका इलाज चल रहा है। कन्हैया यादव भी न्याय न मिलने तक उपवास पर हैं।

कहां पहुंची प्रशासनिक कार्रवाई

• अभी तक थानाध्यक्ष  उदय प्रताप सिंह को सस्पेंड कर 6 पुकिसकर्मियों पर  धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) का मुकदमा दर्ज हुआ है।

जांच टीम का नजरिया

मृत निशा की माँ, भाई, पिता और परिवार के अन्य सदस्यों एवं आस पास रहने वाले कुछ लोगों से बातचीत से यह तथ्य सामने आया है कि कन्हैया और चंदा यादव के घर दोनों बहनों पर हमला पुलिस की सुनियोजित कार्रवाई है।

जांच टीम में गए भाकपा माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश में योगी-2 का शासन अपराध के मामले में पिछले सारे रिकार्ड तोड़ रहा है। यूपी पुलिस कानून और संविधान की अवेहलना करते हुए निरंकुश हो चुकी है।  उन्होंने कहा कि पिछले दिनों प्रयागराज, ललितपुर और अब चंदौली की बर्बर घटनाएं दर्शाती हैं कि मुख्यमंत्री लोकतंत्र को ध्वस्त करके यूपी को पुलिस स्टेट में तब्दील कर देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हाल में यूपी के क़ई जिलों में पुलिस की बढ़ती अराजकता और भाजपा की गरीबों और महिलाओं का दमन करने वाली बुलडोज़र राजनीति के विरोध में आगामी 10 मई को प्रदेश स्तर पर भाकपा माले और अन्य जनसंगठन मिलकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

ऐपवा राज्य सचिव कुसुम वर्मा ने कहा की उत्तर प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, पुलिस घरों के अंदर घुसकर बेटियों को मार रही है उनकी हत्या कर रही है क्योंकि  सरकार का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार का असली चेहरा यह है कि यूपी में उसकी पुलिस को बेटियों के साथ हिंसा, हत्या और बलात्कार करने की खुली छूट मिली है और कोई सुनवाई भी नहीं है। कुसुम वर्मा ने कहा कि गुंडों की बेटियों को सबक सिखाने के नाम पर बेटियों की बेरहमी से पिटाई और हत्या का हक पुलिस को कैसे हो सकता है? यह पुलिस का पुरुषसत्तात्मक सामंती घटिया मानसिकता की अमानवीय कार्रवाई है जिसमें आपसी रंजिश- पारिवारिक झगड़े और गुस्से का हल महिलाओं के ऊपर हिंसा करके निकाला जाता है- और यही यूपी में योगी सरकार की महिलाओं के प्रति न्याय की मानसिकता को दर्शाता है।

भाकपा माले के चन्दौली जिला सचिव अनिल पासवान ने बताया कि चन्दौली की घटना में परिवार को न्याय दिलाने और दोषी पुलिस पर कार्रवाई करने के लिए आगामी 6 मई को चन्दौली के डीएम कार्यालय के सामने भाकपा माले का प्रदर्शन है।

जांच दल की मांगें

★ निशा की पीट-पीट कर हत्या करने और गुंजा को घायल करने वाले सैयद राजा थाना प्रभारी समेत दोषी पुलिसकर्मियों पर 302 का मुकदमा दर्ज कर उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।

 ★ दहशत में जी रहे कन्हैया और चंदा यादव के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

 ★ थाना प्रभारी और दोषी पुकिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई न कर सकने पर जिले के डीएम और एसपी के ऊपर उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।

 ★परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।

जांच दल में भाकपा माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव, राज्य कमेटी सदस्य अनिल पासवान( चन्दौली जिला सचिव) श्रवण मौर्य, शशिकांत सिंह के अतिरिक्त क़िस्मत यादव, ऐपवा राज्य सचिव कुसुम वर्मा, वाराणसी ऐपवा जिला कमेटी सदस्य विभा वाही, इंकलाबी नौजवान सभा के चन्दौली जिला सचिव ठाकुर प्रसाद एवं जिला कौंसिल सदस्य योगेंद्र प्रसाद शामिल थे।

(चंदौली घटनास्थल से फैक्ट फाइंडिंग की रिपोर्ट।)

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