Sunday, April 2, 2023

कई बीमारियों से पीड़ित जीएन साईबाबा की हालत बेहद खराब, परिजनों ने की तत्काल अस्पताल में शिफ्ट करने की मांग

Janchowk
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आजीवन कारावास की सजा काट रहे डॉ. जीएन साईबाबा के परिवार को 23 फरवरी की शाम नागपुर सेंट्रल जेल से फोन कॉल आया। फोन कॉल पर परिवार को सूचित किया गया कि साईबाबा गंभीर खांसी से पीड़ित हैं। रक्तचाप में अप्रत्याशित गिरावट खतरनाक रूप से 90/50 तक आ गयी है। उन्हें लगातार खांसी बनी रहती है, और बलगम के साथ गले का संक्रमण उसकी नाक को जाम कर दिया है। वह बहुत कमजोर हैं और बोलने में असमर्थ हैं। वह प्रचंड गले और फेफड़ों के संक्रमण से पीड़ित हैं। उन्हें भूख नहीं लग रही है। न ही स्वाद और गंध का पता चल रहा है। उन्हें भोजन निगलने में बड़ी कठिनाई होती है। 18 फरवरी को निम्न रक्तचाप (BP) के कारण वह जेल में अपनी खाट से गिर गये। 

बता दें कि जीएन साईबाबा पिछले महीने कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे। साई बाबा को कोरस (CORADS) स्तर के संक्रमण का निदान सीटी स्कैन माध्यम से करके वापस अंडा सेल भेज दिया गया था। वो कई गंभीर सहरुग्णता (comorbidities) से ग्रस्त थे जो बाद में कोविड-19 संक्रमण के रूप में सामने आया।

जीएन साईबाबा के परिजनों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा है कि कोमोर्बिडिटीज प्रभावित मरीजों को घातक परिणामों का सामना करना पड़ता है। फेफड़े में कॉराड्स लेवल-5 संक्रमण गंभीर चिंता का विषय है। उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी दिक्कतों के चलते डॉ. जीएन साई बाबा बीपी रेगुलेटिंग मशीन पर हैं। हालांकि, उनको उचित चिकित्सीय सलाह नहीं मिल रही कि बीपी को नियंत्रित कैसे किया जाए। गिरते रक्तचाप के कारण दवा को कुछ दिनों के लिए रोका जा सकता है।

   परिजनों ने आगे कहा  है कि  उन्हें डर है कि अगर कोविड-19 ​​के परिणाम के रूप में उनकी सह-रुग्णताओं में से कोई भी सक्रिय हो जाता है, तो डॉ.साई बाबा का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। ऐसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के तहत डॉ. साईबाबा को जल्द से जल्द एक अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए।  कोविड से जुड़ी आगे की दिक्कतों जो खतरनाक साबित हो सकता है के उपचार के लिए उन्हें  तत्काल चिकित्सा निगरानी की आवश्यकता है। 

कोविड-19 विशेषज्ञों की राय का हवाला देते हुए परिजनों ने कहा है कि कोविड-19 के पहले और बाद में कॉमरेडिटी से निपटने वाले चिकित्सा विशेषज्ञ इस बात की पुष्टि करते हैं कि पोलियो के बाद के पक्षाघात वाले व्यक्तियों को गंभीर कॉमरेडिटी का ख़तरा होता है। 

परिजनों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि साई बाबा की अनिश्चित स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए वे संबंधित अथॉरिटी को निर्देश दें कि साई बाबा को फौरन एक मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल में भर्ती करवायें। जहां पर उनके विविध सहरुग्णता (co-morbidities) संबंधित बीमारियों की उचित देखभाल की जा सके। 

     परिजनों ने आगे कहा है कि हम, माननीय मुख्यमंत्री से अपील करते हैं जीएन साईबाबा को कोविड क्वारंटीन के बाद साई बाबा पैरोल पर रिहा किया जाये ताकि शारीरिक कमजोरी से उबरने के लिए वो आराम, अच्छी चिकित्सा उपचार, परिवार के भावनात्मक समर्थन और पोषक तत्वों को हासिल कर सकें। 

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