नई दिल्ली। कर्नाटक के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को मनी लांडरिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। आज दिनभर पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई।
ईडी के अधिकारी पिछले चार दिनों से शिवकुमार से पूछताछ कर रहे थे। उन्हें शुक्रवार को मनी लांडरिंग केस में पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया था।
टाइम्स आफ इंडिया के मुताबिक ईडी के अधिकारी उनसे 2017 में इनकम टैक्स रेड के दौरान उनके घर में मिले 10 करोड़ रुपये कैश के अलावा दिल्ली और कर्नाटक में कुछ संपत्तियों के स्रोतों को जानने की कोशिश कर रहे थे। इसके अलावा कुछ शेल कंपनियों को लेकर भी उनसे पूछताछ की गयी। साथ ही दिल्ली के उनके मकान से बरामद हुए कुछ पैसों के बारे में भी उनसे पूछताछ हुई।
2017 में गुजरात में राज्यसभा चुनाव के दौरान हुए ड्रामे में शिवकुमार ने वहां के 44 विधायकों को बेंगलुरु-मैसूर हाईवे पर स्थित अपने रेसार्ट पर ठहराया था।
गौरतलब है कि उस चुनाव में कांग्रेस नेता अहमद पटेल प्रत्याशी थे और कांग्रेस विधायकों के बीजेपी द्वारा खरीदे जाने की आशंका थी। उससे बचने के लिए उन्हें शिवकुमार के रेसार्ट पर भेज दिया गया था। उसी दौरान इनकम टैक्स के अधिकारियों ने दिल्ली स्थित शिवकुमार के रेजिडेंस पर छापा मारा था जिसमें पैसों के अलावा कुछ ज्वेलरी भी बरामद होने की बात कही गयी थी।
इन मामलों के लेकर आईटी डिपार्टमेंट ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। उसके बाद उसने कई दूसरे मामले ईडी को बताए जिस पर ईडी ने आगे की कार्रवाई शुरू की।
आज गिरफ्तारी के बाद पहली प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग अब संतुष्ट हो गए होंगे क्योंकि गिरफ्तारी के साथ उनकी मंशा पूरी हो गयी। उन्होंने इसे साफ-साफ राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि शिवकुमार को राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तहत गिरफ्तार किया गया है।
दरअसल शिवकुमार उसी दिन से बीजेपी की आंखों में गड़ रहे थे जब से उन्होंने पटेल को जिताने के लिए गुजरात के विधायकों के रक्षा कवच का काम किया था। उसके बाद जितनी बार भी कर्नाटक में कांग्रेस औऱ जेडीएस सरकार संकट में आयी शिवकुमार हमेशा हनुमान की भूमिका में खड़े मिले। वह विधायकों को अपने पाले में रखने का मामला हो या फिर विरोधियों को उनकी जगह बताने की बात वह हमेशा मोर्चे पर आगे रहते थे। यही बात बीजेपी के लिए नागवार गुजर रही थी। अब जबकि सूबे में बीजेपी की सत्ता आ गयी है औऱ केंद्र पहले से ही उसके हाथ में है तब लगता है उसने शिवकुमार को सबक सिखाने का मन बना लिया है।