नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान- ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने उन्हें बताया है कि उनके खिलाफ छापे की तैयारी की जा रही है, के कुछ घंटे बाद ही कांग्रेस ने लोकसभा में केंद्रीय एजेंसियों के बेजा इस्तेमाल पर बहस को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव पेश कर दिया।
एक्स पर अपनी एक पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा था कि ईडी रेड की प्लानिंग की जा रही है क्योंकि ऐसा लगता है कि दो में से एक को बजट पर दिया गया मेरा भाषण पसंद नहीं आया। विपक्ष के नेता सोमवार को दिये गए अपने भाषण की तरफ इशारा कर रहे थे जिसमें उन्होंने केंद्रीय बजट पर तीखा हमला बोला था। और बजट की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की थी जिसमें अभिमन्यु को घेर कर मार दिया गया था।
उन्होंने कहा था कि केंद्रीय बजट में किसानों, युवाओं, मध्य वर्ग और अग्निवीरों के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने इस बात का भी वादा किया था कि इंडिया ब्लाक सरकार के इस चक्रव्यूह को तोड़ देगा और किसानों के लिए एमएसपी और देश के लिए जाति जनगणना को सुनिश्चित करेगा।
गांधी ने देर रात जारी अपनी पोस्ट में कहा था कि ऐसा लगता है कि दो में से एक ने मेरे चक्रव्यूह वाले भाषण को पसंद नहीं किया। ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया कि एक छापे की तैयारी की जा रही है…..ईडी की खुली बाहों से प्रतीक्षा कर रहा हूं….चाय और बिस्कुट मेरी तरफ से।
शुक्रवार की सुबह कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर तत्काल बहस के लिए लोकसभा में एक स्थगन प्रस्ताव पेश किया। स्पीकर ओम बिड़ला को लिखे गए अपने एक पत्र में टैगोर ने कहा कि विपक्ष ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों के बीजेपी सरकार द्वारा बेजा इस्तेमाल की निंदा करता है।
तमिलनाडु के विरुद्धनगर से तीन बार के लोकसभा सांसद टैगोर ने ओम बिड़ला को लिखे पत्र में आगे बताया कि 303 सीटों से घटकर 240 के नंबर और टीडीपी तथा जेडीयू पर अपनी निर्भरता के बावजूद विपक्षी नेताओं को डराने के लिए सरकार लगातार इन एजेंसियों को लगा रही है। और यह सब कुछ लोकतांत्रिक सिद्धांतों को दरकिनार कर किया जा रहा है।
लोकसभा में पार्टी के ह्विप टैगोर ने कहा कि स्टेट पावर के बेजा इस्तेमाल को स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह चीज हमारी संस्थाओं की अखंडता को खतरा पैदा करती है। हम सरकार से इस तरह के आचरण से खुद को तत्काल अलग करने की मांग करते हैं। और उससे लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करने तथा एजेंसियों की स्वायत्तता को बहाल करने की अपील करते हैं। हमारे लोकतंत्र का स्वास्थ्य निष्पक्ष शासन और साफ सुथरे राजनीतिक विमर्श पर निर्भर करता है।
आपको बता दें कि जून 2022 में ईडी ने राहुल गांधी से नेशनल हेरल्ड से जुड़े मनी लांडरिंग के एक केस में पांच दिनों तक पूछताछ की थी। कांग्रेस सांसद ने तब कहा था कि उन्होंने मुझसे कुर्सी नहीं छोड़ने के लिए कहा था और घंटों तक बैठाए रखा था…..क्या आप थकते नहीं हैं। हम लोग थक गए। वो लोग मेरी ऊर्जा के पीछे छुपे रहस्य के बारे में जानना चाहते थे।
(जनचौक की रिपोर्ट।)