Friday, April 19, 2024

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष लल्लू घर में नजरबंद किए गए, राहुल गांधी ने कहा-पीड़ित परिवार से मिलने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी के हाथरस जाने की खबर आने के बाद ही यूपी में विपक्षी नेताओं की घेरेबंदी तेज हो गयी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू एक बार फिर प्रशासन के निशाने पर हैं। पुलिस ने उन्हें उनके घर में नजरबंद कर दिया है और उनके घर के सामने भारी तादाद में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। 

बताया जा रहा है कि लल्लू भी आज हाथरस जाने वाले थे। लेकिन उससे पहले ही प्रशासन ने उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया। उधर, उनको कैसे शांत किया जाए इसके लिहाज से भी प्रशासन सक्रिय हो गया है। उनके खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में दर्ज मुकदमे में 9 अक्तूबर को उन्हें समन किया गया है।

इस बीच, राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर कहा है कि “दुनिया की कोई भी ताकत मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती।”

प्रियंका गांधी ने भी एक और ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि “यूपी सरकार नैतिक रूप से भ्रष्ट है। पीड़िता को इलाज नहीं मिला, समय पर शिकायत नहीं लिखी, शव को जबरदस्ती जलाया, परिवार कैद में है, उन्हें दबाया जा रहा है – अब उन्हें धमकी दी जा रही कि नार्को टेस्ट होगा। ये व्यवहार देश को मँजूर नहीं।पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद कीजिए।”  

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।

शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।

Related Articles

वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।

शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।