Thursday, April 25, 2024

महाराष्ट्र में आग के रूप में आई मौत, 13 कोविड मरीजों का दर्दनाक अंत

यह सिस्टम की ही नाकामी है कि मौत हर तरफ से बरस रही है। कहीं इलाज न मिल पाने से लोग मर रहे हैं तो कहीं अस्पताल के आईसीयू में ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाने से। आज महाराष्ट्र के पालघर में कोरोना मरीजों के लिए मौत एक दूसरे और ज़्यादा वीभत्स रूप में आई।

दरअसल आज सुबह महाराष्ट्र के पालघर जिले में विरार के विजय वल्लभ कोविड अस्पताल में आग लग गई, जिसमें 13 मरीजों की मौत हो गई। समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से सूचना दी है। अभी तक प्राप्त सूचना के मुताबिक विरार के इस विजय वल्लभ कोविड केयर अस्पताल में यह आग शॉर्ट-सर्किट की वजह से लगी। डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर कंट्रोल सेल के प्रमुख विवेकानंद कदम ने पीटीआई को बताया कि आईसीयू के एसी यूनिट में एक धमाके की वजह से आग लगी। वसाई विरार नगर निगम के फायर फाइटरों ने एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया।

महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने विजय वल्लभ COVID अस्पताल में आग लगने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उधर, पुलिस अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के आईसीयू में सुबह करीब तीन बजे यह आग लगी। फिलहाल, कई मरीजों को अस्पताल से रेस्क्यू किया गया है। इस अस्पताल में 16 मरीजों का इलाज चल रहा था। मौके पर पुलिस से लेकर दमकलकर्मियों की टीम मौजूद है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

वहीं बुधवार 21 अप्रैल को नासिक के जाकिर हुसैन अस्पताल में ऑक्सीजन के रिसाव और आपूर्ति में व्यवधान के कारण 24 कोविड मरीजों की मौत के मामले में सात सदस्यीय समिति से जांच कराने की घोषणा की गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि समिति का नेतृत्व नासिक के संभागीय आयुक्त राधाकृष्ण गामे करेंगे। उन्होंने कहा कि समिति मौजूदा सुरक्षा मानदंडों को अद्यतन बनाने के संबंध में भी सिफारिशें देगी। मंत्री ने कहा, अगर कोई इन मौतों के लिए जिम्मेदार है, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

गौरतलब है कि दो दिन पहले महाराष्ट्र के नासिक में एक अस्पताल में भंडारण संयंत्र से लीकेज के बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाने की घटना में 24 मरीजों की मौत हो गई थी। दिन में टैंक में रिसाव से आपूर्ति बंद हो जाने के कारण उन्हें उचित मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल सकी। महाराष्ट्र के नासिक में नगर निगम द्वारा संचालित डॉ. जाकिर हुसैन अस्ताल में भंडारण संयंत्र से लीकेज के बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाने से 24 मरीजों की मृत्यु हो गई थी। उस वक़्त अस्पताल में कुल 150 मरीज थे।

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