Thursday, June 1, 2023

इब्राहिम अलकाज़ी: एक युग का अंत

भारतीय रंगमंच के दिग्गज निर्देशक इब्राहिम अलकाज़ी का आज 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे 1962 से 1977 तक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) के निदेशक रहे। ख़ुद जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का निदेशक बनने का प्रस्ताव दिया था। एनएसडी का निदेशक बनने के बाद इब्राहिम अलकाज़ी ने आधुनिक भारतीय रंगमंच को उसका वर्तमान स्वरूप देने में, आधुनिकता और परंपरा के बीच संवाद संभव बनाने में अहम भूमिका निभाई।

साथ ही, रंगमंच से जुड़ी युवा प्रतिभाओं को आकार देने, प्रशिक्षित करने और उन्हें सँवारने में उन्होंने बड़ा योगदान दिया। उनके नाटकों के मंचन को देखने के लिए अपनी तमाम व्यस्तताओं के बावजूद प्रधानमंत्री नेहरू भी वक़्त निकालते थे।

alkazi Twitter featured

वर्ष 1925 में पैदा हुए इब्राहिम अलकाज़ी एक अरबी पिता और कुवैती माँ की संतान थे। उनका बचपन पुणे में गुजरा। बंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ते हुए वे सुल्तान ‘बॉबी’ पद्मसी के थिएटर ग्रुप से जुड़ गए। लंदन के प्रसिद्ध रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रमैटिक आर्ट्स (राडा) से पढ़ाई करते समय ही वे रोशन अलकाजी, एफ़एन सूज़ा और निसीम एज़किल के संपर्क में आए।   

इंग्लैंड से पढ़ाई कर जब इब्राहिम अलकाज़ी बंबई लौटे। तो 1951 में उन्होंने रोशन अलकाजी और निसीम एज़किल के साथ ‘थिएटर यूनिट’ की स्थापना की। ग्रीक नाटकों, शेक्सपियर, इब्सन, चेखव के साथ-साथ उन्होंने धर्मवीर भारती की ‘अंधा युग’ जैसी कृतियों का भी मंचन किया। 

alkaji

अप्रतिम निर्देशक होने के साथ-साथ वे चित्रकार, कला-पारखी और कला-संग्राहक भी थे। जहाँगीर आर्ट गैलरी में उन्होंने आधुनिक कला से जुड़ी कई प्रदर्शनियाँ भी आयोजित की थीं। कला के संरक्षण और युवा कलाकारों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अपनी पत्नी रोशन अलकाजी के साथ उन्होंने वर्ष 1977 में दिल्ली में ‘आर्ट हेरिटेज गैलरी’ की स्थापना भी की। 

एमएफ़ हुसैन, एफ़एन सूज़ा, अकबर पद्मसी जैसे दिग्गज भारतीय चित्रकारों से भी वे लगातार संवादरत रहे। इब्राहिम अलकाज़ी के बनाए चित्रों की एक प्रदर्शनी उनकी बेटी आमाल अल्लाना के सहयोग से रंजीत होसकोटे के निर्देशन में त्रिवेणी कला संगम में पिछले ही वर्ष आयोजित हुई थी। इस प्रदर्शनी का शीर्षक था : ‘ओपेनिंग लाइन्स’। इसमें इब्राहिम अलकाज़ी के चित्रों के साथ एमएफ़ हुसैन, एफ़एन सूज़ा, अकबर पद्मसी, निसीम एज़किल के साथ उनके पत्राचार भी प्रदर्शित किए गए थे। भारतीय रंगमंच के दिग्गज इब्राहिम अलकाज़ी को सादर नमन!

(शुभनीत कौशिक बीएचयू के शोध छात्र हैं। यह श्रद्धांजलि उनके फेसबुक पेज से साभार लिया गया है।)

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