नई दिल्ली। जब विपक्ष एकजुट होकर अडानी और मोदी के बीच के नापाक गठजोड़ को उजागर करने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में विपक्ष के एक कद्दावर नेता शरद पवार लगातार अडानी के प्रति नरम रूख अख्तियार किए हुए हैं। उन्होंने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने अडानी की कारगुजारियों को उजागर करने के लिए विपक्ष की जेपीसी की मांग से भी खुद की पार्टी को अलग कर लिया। अडानी-मोदी के रिश्ते की जांच के संदर्भ में उन्होंने विपक्ष के साथ स्वर में स्वर नहीं मिलाया।
इससे भी आगे बढ़कर उन्होंने अडानी से 20 अप्रैल को व्यक्तिगत मुलाकात की। ऐसे समय में जब अडानी चारो तरफ से घिरे हुए हैं, नरेंद्र मोदी भी सीधे उनके बचाव में उतरने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। ऐसे में शरद पवार की तरफ से अडानी को सहारा देने की कोशिश पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने तीखी टिप्पणी की है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया है कि कारोबारी गौतम अडानी ने उनसे मिलने की हर संभव कोशिशें कीं। अडानी कुछ और राज नेताओं से भी मिलने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने अडानी से मुलाकात को लेकर एनसीपी नेता शरद पवार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार अडानी के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर कार्रवाई नहीं करती, तब तक किसी भी राजनेता को अडानी के साथ नहीं जुड़ना चाहिए। उन्होंने शरद पवार का नाम लिए बिना कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एनसीपी के अध्यक्ष देश को पहले रखेंगे न कि अपने पुराने रिश्तों को।
महुआ मोइत्रा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘अडानी ने अपने दोस्तों/व्हीलर डीलरों के जरिये मुझ तक और कुछ लोगों तक पहुंचने की पूरी कोशिश की। लेकिन उन्हें दरवाजा तक नहीं मिला, तो मुझ तक पहुंचना दूर की बात है। मेरे पास अडानी के साथ 1:1 के आधार पर चर्चा करने के लिए कुछ भी नहीं है। जबतक सरकार कार्रवाई नहीं करती है किसी भी राजनेता को इस आदमी के साथ नहीं जुड़ना चाहिए।’
(कुमुद प्रसाद जनचौक में सब एडिटर हैं।)