विशेष रिपोर्ट: झारखंड में थमने का नाम नहीं ले रहा मनरेगा में फर्जीवाड़ा

रांची। झारखंड में जिस तरह मनरेगा की योजनाओं के क्रियान्वयन में आए दिन, व्यापक पैमाने पर अनियमितताओं की शिकायतें मिलती रही हैं और मनरेगा कानून के अनुसार योजनाओं में ठेकेदारों से कार्य कराया जाना प्रतिबंधित किया गया है, बावजूद इसके ठेकेदारों के माध्यम से कार्य कराया जाना, जाहिर है प्रखण्ड के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना ऐसा संभव नहीं है। 

बता दें कि झारखंड के गढ़वा जिला अंतर्गत बड़गढ़ प्रखण्ड में मनरेगा योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार व फर्जीवाड़ा के तीन मामले उस वक्त सामने आये जब 06 मई 2022 को प्रखण्ड के परसवार में मनरेगा संचालित योजनाओं का झारखण्ड नरेगा वाच की एक टीम ने सोशल ऑडिट किया। 

इस बाबत नरेगा वॉच के झारखण्ड राज्य संयोजक जेम्स हेरेंज ने 11-05-2022 को एक पत्र उप विकास आयुक्त सह जिला कार्यक्रम समन्वयक, जिला गढ़वा (झारखण्ड) को भेजकर गढ़वा जिलान्तर्गत बडगढ़ प्रखण्ड के परसवार पंचायत में 3 मनरेगा योजनाओं में वास्तविक कार्य मूल्यांकन से अधिक कार्य दिवस का फर्जी मस्टर रोल संधारित कर सरकारी राशि का गबन किए जाने की शिकायत की है।

बता दें कि परसवार में मनरेगा संचालित योजनाओं का सोशल ऑडिट की टीम में झारखण्ड सोशल ऑडिट स्टीयरिंग कमेटी सदस्य सह झारखण्ड नरेगा वाच के संयोजक जेम्स हेरेंज सहित नरेगा सहायता केंद्र बड़गढ़ के टीम लीडर सह ग्राम कलाखजुरी के ग्राम प्रधान विश्राम बाखला, फिरोज मिंज, अरगेन केरकेट्टा एवं पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता सुनील मिंज शामिल थे। 

बताना जरूरी होगा कि जिले के बड़गढ़ प्रखण्ड के पंचायत परसवार में मनरेगा कानून के अधीन 3 योजनायें स्वीकृत हैं। 

जिनमें –

1. योजना का नाम : मेन रोड से मनवार तक मिट्टी मोरम पथ निर्माण,

वर्क कोड:- 3407009009/RC/7080901090955,

योजना वर्ष : 2021-22, कार्य की स्थिति: Ongoing (चल रही है), प्राक्कलित राशि – 3.72 लाख (मजदूरी 2.0205 लाख सामग्री मद – 1.7038 लाख) है,

एमआईएस के अनुसार खर्च राशि 0.98100 रुपये है।  

योजना स्थल निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि योजना में काम करने वालों में शिकारी कच्छप (जॉब कार्ड संख्या 166/11), मार्सेल खलखो, (जॉब कार्ड संख्या 166/14), सुनीत बाखला (जॉब कार्ड संख्या 166/12202), पेत्रुस खलखो (जॉब कार्ड संख्या 166/39), रुपकलिया खलखो, किरण खलखो, सुधू भुईहर, (जॉब कार्ड संख्या 167/145), महावीर किण्डो (जॉब कार्ड संख्या 166 / 4), कंचन नगेसिया, धनुकधारी नगेसिया (जॉब कार्ड संख्या 160/12633) सहित कुल 20 से 25 मजदूर ही सिर्फ 3 दिन काम किये हैं। लेकिन इनमें से किसी भी मजदूर के नाम से मस्टर रोल संधारित नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि इस योजना में इस वर्ष होली के समय सिर्फ 3 दिन ही काम चला है, जिसमें पहला दिन घास को छीलकर साफ सुथरा किया गया। दूसरे दिन ठेकेदारों ने उस पर बाहर से ट्रैक्टर द्वारा ईंट भट्टे की मिट्टी लाकर गिराया और तीसरे दिन गिराए गए मिट्टी को मजदूरों ने ड्रेसिंग कर समतल किया।

ऑनलाइन रिकॉर्ड के अवलोकन से स्पष्ट हुआ कि मस्टर रोल में ऐसे मजदूरों के नाम से फर्जी मस्टर रोल संधारित कर पैसे की निकासी की गई है, जिन्होंने योजना में कार्य किया ही नहीं है। ऑनलाइन रिकॉर्ड में परसवार गांव के 4 मजदूर, टेंगारी गांव के 6 मजदूर, गोठानी गांव के 11 मजदूर एवं बॉडी खजुरी गांव के 6 मजदूरों के नाम से 12-12 दिनों की हाजिरी बनाकर कुल 98, 100 रूपये की फर्जी निकासी कर ली गई है।

योजना में काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि परसवार के ठेकेदार भगवान यादव (महतो), देवकी सिंह और बॉडी खजुरी के लुईस किण्डो के द्वारा काम कराया गया है। इस बात की पुष्टि मस्टर रोलों पर मेट के तौर पर हस्ताक्षर करने वाली मधुरिता बाखला के बयान से भी हुई। उनके पास भगवान यादव ही मस्टर रोल लेकर आये थे। उन्होंने मस्टर रोलों पर हस्ताक्षर किये हैं, जबकि वो मनरेगा मेट के तौर पर अधिकृत नहीं हैं। मधुरिता ने भी 3 दिन ही काम होने की पुष्टि की है। 

ठेकेदार भगवान यादव (जॉब कार्ड संख्या 160/12633) ने इस योजना में अपने नाम से 24 दिनों का फर्जी कार्य दिवस दिखाकर पैसे लिए, जबकि वे ट्रैक्टर और JCB के मालिक हैं।

2. योजना का नाम : बाड़ी खजूरी में हरमन तिग्गा के घर से जोड़ा इमली पेड़ तक मिट्टी मोरम पथ निर्माण,

वर्क कोड – 3407009009/RC/7080901090956, 

योजना वर्ष 2021-22, 

कार्य की स्थिति – Ongoing (चल रही है)

प्राक्कलित राशि 3.72 लाख (मजदूरी 2.0205 लाख सामाग्री मद 1.7038 लाख) 

एमआईएस के अनुसार खर्च राशि 0.432 रूपये है।

योजना निरीक्षण के दौरान बॉडी खजुरी इमली के पास ग्रामीणों की एक बैठक में उक्त योजना में कार्य करने वाले मजदूर उपस्थित थे। वास्तविक कार्य करने वाले मजदूरों में शिकारी कच्छप (जॉब कार्ड संख्या 166 / 11 ), बूटन नगेसिया, रंजन नगेसिया, मेनप्रकाश नगेसिया, सुबेन भुईहर, कंचन नगेसिया, लोरेन्स तिर्की और किलु मुण्डा। इनमें से किलु मुण्डा को छोड़कर सभी ने योजना में साढ़े चार (4.5 दिन) दिन काम किया है। किलु मुण्डा ने डेढ़ दिन काम किया है। यह काम इस वर्ष फरवरी महीने में किया गया था। बात करने पर इन मजदूरों ने बताया कि उन्होंने 4 दिनों तक सिर्फ रास्ते पर घास को कुदाल से साफ सुथरा करने का कार्य किया था। जबकि वास्तविक कार्य किये इन सभी मजदूरों की मजदूरी अब तक बकाया है।

दूसरी तरफ ऑनलाइन रिकॉर्ड के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि परसवार गांव के एक मजदूर अफसाना बीबी, टेंगारी गांव के 5 मजदूर, गोठानी गांव के 3 मजदूर और बॉडी खजुरी गांव के 7 मजदूरों के नाम से 12-12 दिनों का फर्जी मस्टर रोल संधारित किया गया है। अब तक इस योजना में 192 कार्य दिवस दिखाकर कुल 43,200 रुपये की निकासी कर ली गई। इस योजना के सूचना बोर्ड में बतौर मेट मधुरिता बखला का नाम अंकित है। जबकि मधुरिता ने लिखित शिकायत दी है कि इस योजना के सम्बन्ध में उनको कोई जानकारी नहीं है और न ही इस योजना के किसी मस्टर रोल में उन्होंने हस्ताक्षर किया है।

इस योजना को बतौर ठेकेदार बड़गढ़ निवासी अनिल प्रसाद (हलवाई) पिता राजेंद्र प्रसाद द्वारा किया गया है।

3. योजना का नाम : बाड़ी खजूरी में शिव मंदिर से कुलदीप यादव के घर तक मिट्टी मोरम पथ निर्माण,

वर्क कोड:- 3407009009/RC 7080901084779

योजना वर्ष 2021-22, कार्य की स्थिति –  Ongoing (चल रही है),  प्राक्कलित राशि 3.8 लाख (मजदूरी 1.94194 लाख सामग्री मद 1.85767 लाख),

एमआईएस के अनुसार खर्च राशि-1.548 रूपये है।

इस योजना सर्वे के दौरान बॉडी खजुरी के ग्रामीणों ने बैठक में बताया कि पिछले वर्ष काम शुरू होने के समय रास्ते को ठेकेदार कमलेश कुमार के द्वारा ट्रैक्टर से जुतवा दिया गया था। अतः बरसात में काफी कीचड़ हो गया था। उस रास्ते गांव वालों का निकलना काफी मुश्किल हो रहा था। बरसात के बाद नवम्बर महीने में थोडी मिट्टी काटकर डाला गया है और उसके ऊपर आधे हिस्से में मामूली मोरम छींटा गया है। इस योजना में भी गगन यादव पिता स्व० भुखल यादव, सहेंद्र यादव पिता कृष्णा यादव और चिंता देवी पति भुनेश्वर भुईहर सरीखे कई ऐसे मजदूर हैं जो योजना में वास्तविक रूप में काम किये हैं,  परन्तु मस्टर रोलों में उनका नाम दर्ज नहीं है।

कहना ना होगा कि ऐसी अनियमितताओं के आधार पर सरकारी राशि की लूट में केवल ठेकेदार ही दोषी हैं, ऐसा नहीं है। इसमें ग्राम पंचायत और पूरी प्रखण्ड मशीनरी भी शामिल है। निरीक्षण में 14 जॉब कार्ड ऐसे मिले जो पति और पत्नी अथवा बेटा-बेटी, सबों के नाम से मनरेगा अधिनियम के प्रावधानों को दरकिनार कर अलग – अलग जॉबकार्ड निर्गत किये गए हैं। ग्राम पंचायतों द्वारा मेटों को बगैर अधिकृत किये सिर्फ उनका हस्ताक्षर करवाया जा रहा है। कार्य प्रारंभ करते वक्त प्रखण्ड से कोई कनीय अभियंता ले आउट कर मेट और मजदूरों को नहीं बता रहा कि काम किस तरीके से करना है और न ही भुगतान के पूर्व कनीय अभियंता द्वारा मजदूरों द्वारा कार्य की माप ली जा रही है।

उपरोक्त तीनों ही योजनाओं में क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा व्यापक पैमाने पर अनियमिततायें बरती गई हैं। तीनों ही योजनाओं में अलग-अलग ठेकेदारों के माध्यम से कार्य कराया गया है। जबकि अधिनियम के अनुसार मनरेगा योजनाओं में ठेकेदारों को प्रतिबंधित किया गया है।

पहली योजना में वास्तविक मजदूरों द्वारा सिर्फ 3 दिन कार्य किया गया है। लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा ठेकेदारों की मिलीभगत से वास्तविक मजदूरों के हाजिरी न बनाकर फर्जी मजदूरों के नाम से 12-12 दिनों का मस्टर रोल तैयार कर कुल 98,100 रुपये की फर्जी निकासी कर ली गई है।

ठीक उसी प्रकार दूसरी योजना में ठेकेदार बड़गढ़ ग्राम निवासी अनिल प्रसाद (हलवाई) पिता राजेंद्र प्रसाद द्वारा कार्य कराया गया है। इसमें भी वास्तविक मजदूरों ने सिर्फ साढ़े चार दिन कार्य किया है। लेकिन मस्टर रोलों में उनके नाम दर्ज नहीं हैं। बल्कि फर्जी मजदूरों के नाम से 12-12 दिनों की हाजरी संधारित कर कुल 43,200 रूपये की निकासी कर ली गई है।

तीसरी योजना में भी प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं किया गया है। इसमें ठेकेदार कमलेश कुमार ने काम कराया है। इसमें भी कई वास्तविक मजदूरों के नाम मस्टर रोल में नहीं हैं। महिला मजदूर चिंता देवी पति भुनेश्वर भुईहर का रोजगार कार्ड नहीं है, परन्तु कमलेश कुमार ने इनसे भी काम करवाया है। निरीक्षण में 14 जॉब कार्ड ऐसे मिले जो पति और पत्नी अथवा बेटा-बेटी, सबों के नाम से मनरेगा अधिनियम के प्रावधानों को दरकिनार कर अलग-अलग जॉब कार्ड निर्गत किये गए हैं। ग्राम पंचायतों द्वारा मेटों को बगैर अधिकृत किये सिर्फ उनका हस्ताक्षर करवाया जा रहा है।

इस बाबत नरेगा वॉच के झारखण्ड राज्य संयोजक जेम्स हेरेंज ने 11-05-2022 को जो पत्र उप विकास आयुक्त सह जिला कार्यक्रम समन्वयक, जिला गढ़वा को भेजकर प्रखण्ड के परसवार पंचायत में 3 मनरेगा योजनाओं में वास्तविक कार्य मूल्यांकन से अधिक कार्य दिवस का फर्जी मस्टर रोल संधारित कर सरकारी राशि का गबन किए जाने की शिकायत की है।

उन्होंने अपने पत्र में जिले के बड़गढ़ प्रखण्ड के पंचायत परसवार पंचायत में मनरेगा कानून के अधीन स्वीकृत तीनों योजनाओं में की गई तमाम अनियमितताओं जिक्र किया है।

जेम्स हेरेंज द्वारा लिखे गए पत्र की प्रतिलिपि को प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, बड़गढ़/ उपायुक्त गढ़वा/मनरेगा आयुक्त, झारखंड सरकार/प्रधान सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड सरकार को भी भेजा गया है।

(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

विशद कुमार
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