केंद्र सरकार के साथ किसान नेताओं की बैठक बेनतीजा खत्म हो गई। आज की बैठक में सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच महज 15 से 20 मिनट बात हुई। बैठक में सरकार ने किसान नेताओं से उनके प्रस्ताव पर पुनर्विचार के लिए कहा। वहीं किसान नेताओं ने एमएसपी पर खरीद की गारंटी क़ानून और कृषि क़ानूनों को रिपील करने की अपनी मांगें दोहराईं। इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क़ानूनों में कोई कमी नहीं है। आप लोग सरकार के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करें। इतना कहकर वो बैठक छोड़कर चले गए। कृषि मंत्री द्वारा साढ़े तीन घंटे बाद बैठक में लौटने पर जब किसानों ने अपनी मांगें दोहराईं तो उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है, और इसके साथ ही आज की बैठक बेनतीजा खत्म हो गई।
इस बैठक में कृषि मंत्री की ओर से कड़ा रुख दिखाया गया और अब की बार बैठक खत्म करने की घोषणा के साथ अगली बैठक के लिए कोई तारीख नहीं मुकर्रर की गई।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, “आज की बैठक में लंच ब्रेक से पहले, किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग दोहराई और सरकार ने कहा कि वे संशोधन के लिए तैयार हैं। कृषि मंत्री ने हमें सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा और हमने उन्हें हमारे प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा। उसके बाद, मंत्री ने बैठक छोड़ दी। तब से, किसान नेता मंत्री की सभा में लौटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “सरकार ने बैठक में डेढ़ साल कृषि कानूनों को होल्ड पर रखने के प्रस्ताव पर किसानों को दोबारा सोचने का प्रस्ताव दिया। सरकार ने किसानों के सम्मान में प्रस्ताव दिया था। इससे अच्छा प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती।” इसके अलावा नरेंद्र तोमर ने कहा कि कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि किसानों ने सकरात्मक जवाब नहीं दिया।
बैठक बेनतीजा खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकेत ने मीडिया से कहा, “आंदोलन अभी लंबा चलेगा। सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। न तो वो एमएसपी पर गारंटी देने को तैयार है न कृषि क़ानूनों को रद्द करने पर। 26 जनवरी को हम ट्रैक्टर परेड निकालेंगे।”
अगली बैठक की तारीख के बाबत पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर किसान नेता ने कहा कि सरकार ने कहा है कि आप लोग सरकार के प्रस्ताव (डेढ़ साल तक कृषि क़ानून होल्ड रखने और संशोधन के लिए कमेटी गठित करने) पर आपस में बातचीत कर लीजिए और कल ही आ जाइए हमसे बात करने।”
वहीं किसान नेताओं ने सरकार द्वारा आज फिर कृषि क़ानूनों को डेढ़ साल के लिए होल्ड रखने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार के प्रस्ताव को नकार दिया है। बैठक के बाद किसान नेता सरवण सिंह पंढेर ने मीडिया से कहा, “बैठक में कृषि मंत्री सरकार के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने की बात कहकर चले गए। वो साढ़े तीन घंटे मीटिंग में नहीं आए। साढ़े तीन घंटे बाद आए तो कहा कि मीटिंग खत्म। ये किसानों का अपमान है। हमने साढ़े तीन घंटे इंतजार किया उनका बातचीत के लिए और वो आकर इस तरह से मीटिंग खत्म करके चले जाते हैं और कहते हैं कि आप लोग सरकार के प्रस्ताव पर बात करना चाहते हैं तो सोचकर बता दीजिएगा। आगे उन्होंने कहा कि 26 जनवरी के लिए विज्ञान भवन बंद हो रहा है। ये इस देश के किसानों का अपमान है।”