Thursday, April 25, 2024

तय रूट तोड़कर किसानों ने लाल किले पर फहराया झंडा, कई जगह हुई पुलिस के साथ झड़प

किसान लाल किले तक गए हैं। वहां तैनात पुलिस कर्मी भाग गए हैं। किसानों ने लाल किले पर झंडा फहरा दिया है। आईटीओ से निकल कर किसान हजारों की संख्या में लाल किले पर पहुंच गए। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि उपद्रव करने वाले लोग उनके आंदोलन में शामिल किसान नहीं हैं। वहीं दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हिंसा के लिए सतनाम सिंह पन्नू ग्रुप को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

बता दें कि सतनाम सिंह पन्नू ग्रुप ने परेड मार्च की शुरुआत से ही अग्रेसिव रुख अपनाया था। इस ग्रुप ने न सिर्फ़ तय समय से पहले ट्रैक्टर परेड शुरू कर दी, बल्कि तय रूट से अलग रास्ता अपनाते हुए आईटीओ की ओर बढ़ गए। आईटीओ पर रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती के बाद वहां पर हालात कंट्रोल में आ गए हैं। किसानों की संख्या लाल किले पर बढ़ने और लाल किले में घुसने की कोशिश के बीच वहां के हालात बिगड़ गए।

वहीं नांगलोई में किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस सड़क पर बैठ गई। इनमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस ने किसानों से कह दिया है कि अगर उन्हें आगे बढ़ना है तो उन्हें उनके ऊपर से होकर गुजरना होगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेताओं ने कई बार अपील की, लेकिन किसान उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। वहीं दिल्ली पुलिस भी लगातार किसानों को समझा रही है कि अपने तय रूट पर मार्च निकालें, लेकिन किसानों ने आगे बढ़ना जारी रखा है। किसान लगातार आगे दिल्ली की ओर बढ़ते ही जा रहे हैं। सीमेंट से बने ब्लॉक्स तक उन्होंने तोड़ दिए हैं। किसान निर्धारित रूट से निकलकर दिल्ली में घुस चुके हैं। दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए रूट निर्धारित किया गया था। पुलिस रोड के साइड में खड़ी है।

मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैट ने कहा, “ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है। मेरी जानकारी में ये नहीं है कि किसान हंगामा कर रहे हैं। मैं गाजीपुर बॉर्डर पर हूं। यहां ट्रैफिक कंट्रोल कर रहा हूं। तिरंगा हमारी आन-बान-शान है। हमारा आंदोलन जारी रहेगा। दिल्ली से किसान वापस लौट जाएंगे।”

आदर्श नगर, विश्वविद्यालय, सिविल लाइंस, समयपुर बादली, आईटीओ, रोहिणी सेक्टर 18, 19, हैदरपुर, जहांगीरपुरी, जीटीबी नगर, आजादपुर, मॉडल टाउन, मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा लाल किला, ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, पंडित श्रीराम शर्मा, टिकरी बॉर्डर, टिकरी कलान, घेवरा, मुंडका इंडस्ट्रियल एरिया, मुंडका, राजधानी पार्क, नांगलोई रेलवे स्टेशन, नांगलोई मेट्रो स्टेशन पर निकासी बंद करके रखी गई है।

उधर, सिंघु बॉर्डर से लगभग एक लाख से अधिक किसान दिल्ली में घुसते हुए आईटीओ पार करके इंडिया गेट की ओर बढ़ गए। दिल्ली पुलिस ने मीडिया से गुजारिश की है कि वो अपील करे कि किसान नियमित रूट से आगे बढ़ें। खुद पुलिस कमिश्नर भीड़ के बीच पहुंच चुके हैं।

आईटीओ पर दिल्ली पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर, आंसू गैस के गोले दागे हैं। किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है। बावजूद इसके किसान रेले के सामने आईटीओ पर दिल्ली पुलिस तमाशबीन बनने के लिए मजबूर है। किसानों की बढ़ती संख्या के दबाव में पुलिस वाले किनारे खड़े हो गए हैं।

आईटीओ, कश्मीरी गेट, आनंद विहार, अक्षरधाम समेत दिल्ली की तमाम सड़कों पर किसानों का जत्था चल रहा है। फिल्हाल दिल्ली के हर इलाके पर किसान ही किसान दिख रहे हैं। दिल्ली की सड़कों पर किसानों की भीड़ की वजह से वाहनों की लंबी कतार लग गई है। वहीं दिल्ली पुलिस द्वारा लाल किला से आईटीओ जाने वाले रास्ते को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।

रिंग रोड से कनॉट पैलेस और सेंट्रल दिल्ली की तरफ आने वाले सभी रास्तों पर पुलिस तैनाती बढ़ा दी गई है। मिंटो ब्रिज से वाहनों की आवाजाही बंद कर बैरिकेड लगा दिए गए हैं। रेलवे स्टेशन जाने वाले यात्रियों को पैदल ही जाने को कहा जा रहा है। अग्रसेन ब्रिज पर भी बसें खड़ी कर पुलिस ने रास्ता ब्लॉक कर दिया है। आरएएफ की कंपनी भी तैनात की गई है।

वहीं किसान नेता कक्काजी ने बिगड़े हालात पर कहा है, “पुलिस को हमें तय रास्ते पर जाने देना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने हमें रोके रखा। जब प्रशासन अपनी बात पर अडिग नहीं रही, तो किसानों को भी थोड़ा रास्ता बदलना पड़ा। प्रशासन हमें लाइनअप नहीं करने दे रहा था, तो किसानों को तय समय से पहले आगे बढ़ना पड़ा। हम स्थिति कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। कोई वारदात नहीं होगी, सब कुछ काबू में है।”

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