किसान आंदोलन के समर्थन में उतरे गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री वाघेला नजरबंद

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गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने आज केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों को समर्थन देने का एलान किया। प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने के लिए वाघेला ने अहमदाबाद में ‘चलो दिल्ली’ अभियान शुरू कराया। पुलिस को उनके समर्थकों के जुटने की भनक लग गई, जिसके बाद बड़ी तादाद में पुलिस की गाड़ियां उनके पास जा पहुंचीं। पुलिस ने उन्हें घर पर नजरबंद कर दिया है।

भाजपा शासित राज्यों में भी किसान आंदोलन के समर्थन में आवाज़ें उठने लगी हैं। केंद्र सरकार द्वारा किसान आंदोलन को हरियाणा पंजाब दिल्ली तक सीमित रखने की कोशिशों के उलट अन्य राज्यों में भी “चलो दिल्ली” का नारा गूंजने लगा है। इसी कड़ी में आज गुजरात में हलचल देखी सुनी गई। 

गुजरात में भाजपा, कांग्रेस और एनसीपी जैसो दलों का नेतृत्व कर चुके गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने आज केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों को समर्थन देने का ऐलान किया है। दिल्ली सीमा पर महीन  भर से डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने के लिए 80 वर्षीय शंकर सिंह वाघेला ने अहमदाबाद में आज ‘चलो दिल्ली’ अभियान शुरू किया।

वहीं गुजरात पुलिस को बघेला समर्थकों के जुटने की भनक लगते ही मौके पर पहुंचकर पुलिस ने वाघेला के समर्थकों को आगे बढ़ने से रोक दिया। कइयों को हिरासत में भी लिया।

इस बीच हरियाणा में आज भी सभी टोल फ्री करवाकर रखा गया। बता दें कि 25, 26, 27 दिसंबर तीन दिन के लिए हरियाणा के सभी टोल को फ्री कराने का हरियाणा के किसान संगठनों ने आह्वान किया था।  दूसरी ओर राजस्थान में राजस्थान शिक्षक संघ भी किसान आंदोलन के समर्थन में उतर आया है।

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में राजस्थान शिक्षक संघ शामिल हुआ। संगठन के एक प्रतिनिधि ने बताया, “हमारे संगठन ने सरकार के खिलाफ राजस्थान में जगह-जगह प्रदर्शन किए हैं। इन कानूनों का प्रभाव पूरे मध्यम वर्ग पर पड़ेगा।” 

वहीं पंजाब से 15 हजार किसानों ने आज दिल्ली कूच किया है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ़ दिल्ली के बॉर्डर पर एक माह से चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए शनिवार की सुबह करीब 15 हजार किसानों का काफिला पंजाब के संगरूर के खनौरी बॉर्डर से रवाना हुआ। 15 हजार किसानों का ये काफिला 27 दिसंबर को डबवाली बॉर्डर से दिल्ली में प्रवेश करेगा।

गाज़ीपुर बॉर्डर का हाल

गाजीपुर बॉर्डर पर आज सुबह पंजाब से 2000 किसान पहुंचे हैं। जबकि यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज सुबह सभी तरफ से वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी है। अब किसान केवल एम्बुलेंस को ही आने-जाने की इजाजत दे रहे हैं।

यूपी के किसानों ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे की सभी लाइनों को आज बंद कर दिया है। युवा किसान सड़क पर बैठकर लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। सरकार से कानूनों को वापस लेने की मांग उठ रही है। 

सरकार किसानों को भगाने पर लगी हुई है जबकि किसानों ने स्थायी डेरा डाल दिया है। गाज़ीपुर (दिल्ली-यूपी) बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए सिंघु बॉर्डर की तरह दूसरी टेंट सिटी तैयार की गई है। 

आज सुबह प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली गाजियाबाद बॉर्डर जिसे यूपी गेट भी कहा जाता है वहां पहुंचकर पूरे रूट को ब्लॉक कर दिया। जबकि किसान आंदोलन के चलते एनएच-9 और एनएच – 24 को आज भी बंद कर दिया है। 

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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