Thursday, April 18, 2024

एक पखवाड़े पहले ही एनएसओ ने जताई थी पेगासस के बेजा इस्तेमाल की आशंका

नई दिल्ली। वैश्विक खुलासे के एक पखवाड़े पहले ही इजराइल की स्पाइवेयर कंपनी एनएसओ ने पेगासस के बेजा इस्तेमाल की आशंका जताई थी। यह बात उसने अपनी तरफ से जारी एक पालिसी डाक्यूमेंट में कही थी।

30 जून को तैयार किए गए इस दस्तावेज में एनएसओ समूह ने बताया था कि उसके पास 40 देशों में कुल 60 कस्टमर हैं जिनमें राज्य और राज्य की एजेंसियां शामिल हैं। इनमें भी 51 फीसदी खुफिया एजेंसियां हैं, 38 फीसदी कानूनी और 11 फीसदी सेना से जुड़ी हैं।

‘पारदर्शिता और जवाबदेही रिपोर्ट 2021’ के नाम से जारी किए गए इस पालिसी दस्तावेज में एनएसओ समूह के स्पाईवेयर के राजनेताओं, एनजीओ, पत्रकारों, वकीलों के खिलाफ जासूसी के लिए इस्तेमाल किए जाने की सबसे ज्यादा आशंका जताई गयी थी।

एनएसओ की रिपोर्ट में इस बात को चिन्हित किया गया था कि इस तरह के मानवीय खतरों में राष्ट्रीय सुरक्षा या कानूनी एजेंसियों से इतर मामले भी शामिल हो सकते हैं। जैसे किसी याचिका के समर्थन के लिए या फिर कोई ऐसी सूचना हासिल करना जो किसी को व्यक्तिगत तौर पर अपमानित करने वाली हो या फिर स्टेट और उसकी एजेंसियों से जुड़ा कोई गैरअधिकृत शख्स इसका इस्तेमाल कर सकता है।

ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है कि “सरकार संचालित इस डिवाइस में विभिन्न किस्म के खतरे हैं जो हमारी टेक्नालाजी से निकल सकते हैं। इनमें मनमानी गिरफ्तारी से स्वतंत्रता और डिटेंशन और इसी तरह के दूसरे बेजा इस्तेमाल….जैसे लीगल और न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े अधिकार शामिल हैं। इसी के साथ इसमें सोचने, विवेक और धर्म की स्वतंत्रता पर हमला, आवाजाही की स्वतंत्रता या फिर नागरिक जीवन में भागीदारी पर रोक भी शामिल है।”

यह स्वीकार करते हुए कि गोपनीयता संबंधी कड़ी पाबंदियां और ज्यादा कुछ किए जाने लायक काम को सीमित कर देती है। रिपोर्ट कहती है कि कंपनी राज्यों को इस मामले में इस बात को सुनिश्चित करने की कोशिश करती है कि जब उसके अधिकार सीमा में कोई बेजा इस्तेमाल हो तो प्रभावित लोगों को उसके निदान का कारगर मौका मिलना चाहिए”।

इजराइली फर्म ने इस बात का दावा किया है कि 2020 में इसने 12 बेजा इस्तेमालों के रिपोर्ट की जांच की है। मई 2020 से अप्रैल 2021 के बीच तकरीबन 15 फीसदी नये मौके मानवाधिकार की चिंताओं के चलते खारिज कर दिए गए। इनमें 100 मिलियन डालर के पांच कस्टमर शामिल हैं जिन्हें जांच के गलत इस्तेमाल के चलते सिस्टम से अलग कर दिया गया था।

सुरक्षा कारणों के चलते ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कस्टमर के साथ होने वाले समझौतों में वह इस बात की प्रतिबद्धता हासिल करना चाहता है कि एनएसओ सिस्टम का इस्तेमाल वह केवल वैधानिक और कानूनी रोकों तथा आतंकवाद और अपराध से जुड़ी गंभीर जांचों के लिए ही करे।

हालांकि रिपोर्ट इस बात को स्वीकार करती है कि कस्टमर की गतिविधियों की निगरानी कर पाना बेहद चुनौतीपूर्ण है क्योंकि उसके उत्पाद के इस्तेमाल के बारे में तत्काल कोई जानकारी हासिल कर पाना मुश्किल होता है। इसके साथ ही उसने यह भी जोड़ा कि समझौते के तहत एक कस्टमर को यह सब जानकारी टैंपर प्रूफ कस्टमर सिस्टम लॉग में मुहैया कराना होता है। इसमें सहयोग न करने पर सिस्टम के इस्तेमाल का कस्टमर का अधिकार तुरंत रद्द हो जाता है।

इंडियन एक्सप्रेस ने इस सिलसिले में कंपनी के उपाध्यक्ष चैम गेलफैंड को पत्र लिखकर पूछा है कि पेगासस के बेजा इस्तेमाल की हालिया रिपोर्ट की क्या वह जांच कर रहे हैं। और क्या जांच की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा। एक्सप्रेस का कहना है उसके उत्तर का इंतजार किया जा रहा है।

यह दावा करते हुए कि पिछले तीन सालों में पेगासस सिस्टम के बेजा इस्तेमाल की घटनाएं 0.5 फीसदी से भी कम हैं, कंपनी ने कहा कि इसने पहले से ही मानवाधिकार, भ्रष्टाचार और रेगुलेटरी बाधाओं के चलते 55 देशों को बाहर कर दिया है।

ग्रुप रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि कंपनी पेगासस को लाइसेंस देने वाले रक्षा मंत्रालय के डिफेंस एक्सपोर्ट कंट्रोल एजेंसी की कड़ी निगरानी काम करती है। कुछ मामलों में उसके एक्सपोर्ट लाइसेंस के आवेदन को खारिज भी कर दिया गया है। कंपनी अपने उत्पादों को बुल्गारिया और साइप्रस से भी निर्यात करती है।

ग्रुप ने 2020 में बेजा इस्तेमाल की 10 से 12 रिपोर्टों की छानबीन की है। इनमें से तीन कार्रवाई करने योग्य थीं। जबकि दो में उसको सीमित करने के लिए अतिरिक्त उपाय करने पड़े। और एक मामले में कंपनी ने कस्टमर के साथ करार रद्द कर दिया। बाकी सात में ग्रुप को प्रारंभिक जांच में उसे जारी रखने का कोई उचित उद्देश्य नहीं दिखा। या फिर बेजा इस्तेमाल की उनकी रिपोर्ट ऐसी थीं जिनका पेगासस से कोई लेना-देना नहीं था।

बुधवार को मीडिया को जारी एक वक्तव्य में एनएसओ ने एक बार फिर दोहराया कि सूची (मीडिया हाउसेज की कंसोर्टियम की ओर से जारी) पेगासस के टारगेट या फिर संभावित टारगेट की सूची नहीं है।

रिलीज में कहा गया है कि अब बहुत हो गया। हाल के योजनाबद्ध और फारबिडेन स्टोरीज और स्पेशल इंट्रेस्ट ग्रुप्स के नेतृत्व में तैयार किए गए मीडिया अभियान जिसमें तथ्यों की पूरी अनदेखी की गयी है, के प्रकाश में एनएसओ इस बात की घोषणा करता है कि इस मामले में मीडिया द्वारा पूछताछ का वह कोई जवाब नहीं देगी।

(इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट का हिंदी अनुवाद।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles