Thursday, April 25, 2024

वैश्विक भूख सूचकांक: हम सोमालिया हो गए हैं, नेपाल और बांग्लादेश हमसे कहीं आगे

नरेंद्र दामोदर दास मोदी के नेतृत्व में भारत देश भुखमरी, ग़रीबी, कुपोषण, बाल मृत्यु दर में नित नई इबारत लिख रहा है। बता दें कि भूख और कुपोषण पर नज़र रखने वाली वैश्विक भुखमरी सूचकांक की वेबसाइट पर कल वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 की रिपोर्ट जारी की। 116 देशों के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत 101 वें स्थान पर है। जबकि चीन, ब्राजील और कुवैत सहित अठारह देशों ने पांच से कम के जीएचआई स्कोर के साथ शीर्ष स्थान साझा किया है।

पिछले साल की तुलना में भारत की स्थिति बद से बदतर हुई है। गौरतलब है कि पिछले साल भारत इस सूची में 94वें स्थान पर था। साल 2020 में भारत 107 देशों के वैश्विक भुखमरी सूचकांक में 94वें स्थान पर था।

सहायता कार्यों से जुड़ी आयरलैंड की एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी का संगठन वेल्ट हंगर हिल्फ द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को ‘चिंताजनक’बताया गया है। वर्ष 2020 में भारत 107 देशों में 94वें स्थान पर था। अब 116 देशों में यह 101वें स्थान पर आ गया है।

भारत का जीएचआई स्कोर भी गिर गया है। यह साल 2000 में 38.8 था, जो 2012 और 2021 के बीच 28.8 – 27.5 के बीच रहा। जीएचआई स्कोर की गणना चार संकेतकों पर की जाती है, जिनमें अल्पपोषण, कुपोषण, बच्चों की वृद्धि दर और बाल मृत्यु दर शामिल हैं।
चाइल्ड वेस्टिंग में भारत की हिस्सेदारी 1998-2002 के बीच 17.1 फीसदी से बढ़ कर 2016-2020 में 17.3 फीसदी हो गई। वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सबसे अधिक चाइल्ड वेस्टिंग वाला देश है जहां कोविड-19 महामारी और इसके चलते लगाए गए प्रतिबंधों से लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

यानि जिस पाकिस्तान के लिये तमाम मंचों से प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ‘कटोरा लेकर भीख मांग रहा है’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते आये हैं उस पाकिस्तान में भारत से कम भुखमरी है। वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 में पाकिस्तान, नेपाल, बंग्लादेश भारत से अच्छी स्थिति में हैं। वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, पड़ोसी देश जैसे नेपाल (76), बांग्लादेश (76), म्यांमार (71) और पाकिस्तान (92) भी भुखमरी को लेकर चिंताजनक स्थिति में हैं, लेकिन भारत की तुलना में अपने नागरिकों को भोजन उपलब्ध कराने को लेकर इन देशों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

भरत से खराब स्थिति में पपुआ न्यू गिनी (102), अफ़ग़ानिस्तान (103), नाइजीरिया (103), कांगो (105), मोजाम्बिक (106), सिएरा लियोन (106), तिमोर-लेस्ते (108), हैती (109), लाइबेरिया (110), मेडागास्कर (111), कांगो (112), चाड (113), मध्य अफ्रीकी गणराज्य (114), यमन (115) और सोमालिया (116) हैं।

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