संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि किसानों के दरवाजे भी सरकार से बातचीत के लिए हमेशा खुले हुए हैं। मोर्चे की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने सर्वदलीय बैठक में प्रदर्शनकारी किसानों के बारे में पीएम मोदी द्वारा संज्ञान लिए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी चुनी हुई सरकार को मनाने के लिए दिल्ली की चौखट पर आए हैं इसलिए, सरकार से बातचीत पर किसान संगठनों का दरवाजा बंद करने का कोई सवाल ही नहीं है। किसान तीनों कृषि कानूनों को पूर्ण रूप से निरस्त करना चाहते हैं और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर MSP की कानूनी गारंटी चाहते हैं।
गौरतलब है कि आज सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि किसानों के सामने सरकार का प्रस्ताव अभी भी बना हुआ है और कृषि मंत्री किसानों से एक फोन की दूरी पर हैं।
आज के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डॉ. पाल ने कहा कि सद्भावना दिवस मनाते हुए एक दिन का उपवास दिल्ली की सभी सीमाओं और पूरे भारत में रखा गया। किसानों ने महात्मा गांधी के शहीदी दिवस पर उनको श्रद्धांजलि दी। गांधीजी के जीवन से सीख लेते हुए, किसानों ने इस आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से लड़ते रहने का संकल्प लिया। किसानों ने इस आंदोलन के शहीद किसानों को भी दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। देशभर से सद्भावना दिवस की खबरें आ रही हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने आज के आयोजनों में भाग लेने वाले प्रत्येक नागरिक को धन्यवाद दिया।
विज्ञप्ति में मोर्चे की ओर से कहा गया है कि हम सुरक्षा बलों के गैरकानूनी उपयोग द्वारा इस आंदोलन को खत्म करने के लिए पुलिस के प्रयासों की निंदा करते हैं। पुलिस और भाजपा के गुंडों द्वारा लगातार हो रही हिंसा, सरकार की बौखलाहट को साफ रूप से दिखाती है। पुलिस अमानवीय ढंग से प्रदर्शनकारियों और पत्रकारों को धरना स्थलों से गिरफ्तार कर रही है। हम सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं। हम उन पत्रकारों पर पुलिस के हमलों की भी निंदा करते हैं जो लगातार किसानों के विरोध को कवर कर रहे हैं।