Friday, April 19, 2024

सरकार हर परिवार को छह महीने तक 7500 रुपये प्रति माह और 10000 रुपये कैश तत्काल मुहैया कराए: सोनिया गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। देश के लोगों के नाम जारी एक संदेश में उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने लोगों के दर्द और पीड़ा को महसूस नहीं किया। साथ ही वह अपनी जिम्मेदारियों पर खरी नहीं उतरी। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से हर परिवार को छह महीने के लिए 7500 रुपये देने तथा दस हजार रुपये तत्काल मुहैया कराने की मांग की है। 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 2 महीने से पूरा देश  कोरोना महामारी की चुनौती और लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी-रोजगार के गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देश की आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा कि लाखों मजदूर नंगे पांव, भूखे-प्यासे, बगैर दवाई और साधन के सैकडों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर घर वापस जाने को मजबूर हो गए। उनका दर्द, उनकी पीड़ा, उनकी सिसकी देश में हर दिल ने सुनी, पर शायद सरकार ने नहीं।

उन्होंने कहा कि करोड़ों रोजगार चले गए, लाखों धंधे चौपट हो गए, कारखाने बंद हो गए, किसान को फसल बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं। यह पीड़ा पूरे देश ने झेली, पर शायद सरकार को इसका अंदाजा ही नहीं हुआ।

उनका कहना था कि “पहले दिन से ही, मेरे सभी कांग्रेस के सब साथियों ने, अर्थ-शास्त्रियों ने, समाज-शास्त्रियों ने और समाज के अग्रणी हर व्यक्ति ने बार-बार सरकार को यह कहा कि ये वक्त आगे बढ़ कर घाव पर मरहम लगाने का है, मजदूर हो या किसान, उद्योग हो या छोटा दुकानदार, सरकार द्वारा सबकी मदद करने का है। न जाने क्यों केंद्र सरकार यह बात समझने और लागू करने से लगातार इंकार कर रही है”।

सोनिया गांधी के मुताबिक “कांग्रेस के साथियों ने फैसला लिया है कि भारत की आवाज बुलंद करने का यह सामाजिक अभियान चलाना है। हमारा केंद्र सरकार से फिर आग्रह है कि खज़ाने का ताला खोलिए और ज़रूरत मंदों को राहत दीजिये। हर परिवार को छः महीने के लिए 7,500 रुपये प्रतिमाह सीधे कैश भुगतान करें और उसमें से 10,000 रुपये फौरन दें। 

मज़दूरों को सुरक्षित और मुफ्त यात्रा का इंतजाम कर घर पहुंचाइये और उनके लिए रोजी रोटी का इंतजाम भी करें और राशन का इंतजाम भी करें। महात्मा गाँधी मनरेगा में 200 दिन का काम सुनिश्चित करें जिससे गांव में ही रोज़गार मिल सके। छोटे और लघु उद्योगों को लोन देने की बजाय आर्थिक मदद दीजिये, ताकि करोड़ों नौकरियां भी बचें और देश की तरक्की भी हो”।

आपको बता दें कि आज इसी कड़ी में देशभर से कांग्रेस समर्थक, कांग्रेस नेता, कार्यकर्ता, पदाधिकारी सोशल मीडिया के माध्यम से एक बार फिर सरकार के सामने यह मांगें दोहरा रहे हैं।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने भी कांग्रेस की इन चारों मांगों को दोहराया। जिसमें रुपया देने के साथ ही मनरेगा की अवधि को 100 से बढ़ाकर 200 दिन करने, छोटे और लघु उद्योगों के लिए विशेष प्रावधान तथा मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने की हर संभव कोशिश की जाए।

उन्होंने सभी से इस अभियान में जुड़ने और अपनी आवाज बुलंद करने की अपील की है।

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