Wednesday, April 24, 2024

संसद में किसानों को मुआवजे से मुकर गयी सरकार, कहा-मौत नहीं तो फिर कैसा मुआवजा?

शीत कालीन सत्र के तीसरे दिन आज दोनों सदनों में गतिरोध जारी रहा। जिसके बाद राज्यसभा को पहले 12 बजे फिर 2 बजे तक के लिये स्थगित कर दिया गया। 2 बजे के बाद 8 मिनट के लिये चले सदन में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र एस शेखावत ने सदन में विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच राज्यसभा में बांध सुरक्षा विधेयक, 2019 पेश किया। 2 बजे कार्यवाही शुरू होने के बाद 8 मिनट तक राज्यसभा की कार्यवाही चली। इसके बाद सदन 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 

700 शहीद किसानों के लिये लोकसभा में मुआवजे की मांग 

सदन में शून्य काल के दौरान विभिन्न सदस्यों ने जनहित के अलग-अलग मुद्दे उठाए

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और कुछ अन्य सदस्यों ने आंदोलनकारी किसानों की मांगों से जुड़ा मुद्दा लोकसभा में उठाया और कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत अन्य मांगें स्वीकार करनी चाहिए। कांग्रेस सांसद नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में कृषि कानूनों के विरोध के दौरान किसानों की मौत का मुद्दा उठाया। सदन में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसदों ने ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगाए। प्रश्नकाल के बीच कांग्रेस और द्रमुक सांसद लोकसभा से बाहर चले गए। 

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने किसान आंदोलन का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘700 से अधिक किसान काले कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन करते हुए शहीद हुए हैं। इनके परिवारों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। किसानों के साथ न्याय करना चाहिए और उनकी दूसरी मांगें स्वीकार की जानी चाहिए। 

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल और एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील ने भी कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत किसानों की अन्य मांगें सरकार को माननी चाहिए। 

सरकार ने कहा मुआवजे का सवाल ही नहीं  

कृषि कानून वापसी के ख़िलाफ़ आंदोलन में हुई किसानों की मौत और मुआवजे़ को लेकर विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछा था कि ‘सरकार के पास ऐसा कोई आंकड़ा है, जिसमें प्रभावित परिवारों का जिक्र हो या फिर उनकी मदद के लिए कोई प्रस्ताव हो।’ इस पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि ‘कृषि मंत्रालय के पास मौतों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में मुआवजे का सवाल नहीं उठता है। 

कोरोना से मरने वालों के लिये 4 लाख रुपये मुआवजा की मांग 

कांग्रेस के मणिकम टैगोर ने मांग उठाई कि कोराना वायरस महामारी में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बंद हुए विश्वविद्यालयों को खोला जाना चाहिए। 

वहीं कोरोना के नए वेरिएंट के बढ़ते खतरे और देश में कोरोना की मौजूदा स्थिति पर आज लोकसभा में चर्चा होनी है। इस चर्चा का जवाब स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया देंगे। इससे पहले कल मंगलवार को राज्यसभा में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि पिछले 2 वर्षों में आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के तहत लगभग 8.3 लाख कोविड मामलों का ईलाज किया गया। 

बांध सुरक्षा विधेयक भी आज राज्यसभा में पेश हो गया। ये बिल लोकसभा से 2019 में पारित हो गया था और राज्यसभा में अब भी लंबित है। इस बिल के तहत देश भर में बांधों की निगरानी, सुरक्षा, संचालन और रखरखाव से जुड़े प्रावधान हैं। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया आज लोकसभा में असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेगुलेशन) बिल, 2020 पेश करेंगे। इस प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य तकनीक समर्थित प्रजनन सेवाओं का नियमन करना है। कानून बनने के बाद सरकार एक राष्ट्रीय बोर्ड का गठन करेगी, जो लैब, मेडिकल उपकरण, क्लीनिक में रखे जाने वाले विशेषज्ञों के लिए न्‍यूनतम मानक तय करने के लिए आचार संहिता निर्धारित करेगा। सहायक प्रजनन तकनीक (ART) सेवाओं के नियमन का मुख्‍य उद्देश्‍य संबंधित महिलाओं और बच्‍चों को शोषण से संरक्षण प्रदान करना है।साथ ही इस तरह की तकनीक से जन्‍म लेने वाले बच्‍चों को किसी जैविक बच्‍चे की तरह ही समान अधिकार देने की ज़रूरत पर जोर दिया गया है।

समान नागरिक संहिता की मांग 

लोकसभा में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य ने समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कानून लाने की मांग की। शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि 1947 में धर्म के आधार पर देश का बंटवारा होने के बाद भी भारत धर्मनिरपेक्ष देश रहा है। उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि हम देश में आजादी के 75 साल बाद भी समान नागरिक संहिता लागू नहीं कर सके हैं और इसमें अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए संसद में कानून बनाया जाना चाहिए। 

जम्मू कश्मीर में 

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में जवाब देते हुए केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि अक्टूबर 2020 से लेकर अक्टूबर 2021 तक 32 सुरक्षाकर्मी और जम्मू कश्मीर के 19 पुलिसकर्मी शहीद हुए। उन्होंने आगे बताया कि पिछले 12 महीने में यानी दिसंबर 2020 से लेकर 26 नवंबर तक 14 आतंकियों को जिंदा पकड़ा गया जबकि 165 आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया। 

राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया कि जम्मू कश्मीर में 2018 के बाद से घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई है। सरकार ने कहा है बीते 1 साल में सबसे ज्यादा आतंकी घटनाएं कश्मीर में हुई हैं। सरकार ने कहा कि अक्टूबर महीने में 37 घटनाएं हुईं। जबकि अगस्त 2021 में 36 आतंकी घटनाएं हुईं ।गृह मंत्रालय ने कहा कि कुल आतंकी घटनाओं में साल 2018 से लगातार कमी आ रही है। साल 2018 में कुल आतंकी घटनाओं की संख्या 417 थी जो साल 2019 में 255, साल 2020 में 244 और इस साल अक्टूबर तक 200 तक सिमट चुका है। 

यूपी टीईटी पेपर लीक की जांच  की मांग 

बसपा की संगीता आजाद ने ‘यूपीटेट’ परीक्षा का पेपर लीक होने का मुद्दा उठाया और कहा कि इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और आगे इस तरह से पेपर लीक होने से रोका जाए। आम आदमी पार्टी के भगवंत मान ने कहा कि पंजाब में सेना की भर्ती की लिखित परीक्षा कराई जाए। तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, भाजपा के रमेश बिधूड़ी, तीरथ सिंह रावत, रामकृपाल यादव, सुनीता दुग्गल एवं विजय कुमार दुबे और कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने भी विभिन्न मुद्दे उठाए।

भाजपा के मनोज कोटक ने पिछले दिनों महाराष्ट्र के अमरावती में हुई हिंसा का मुद्दा सदन में उठाया और दावा किया कि इस घटना में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है।उन्होंने मांग की कि रजा अकादमी और पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाए, वहीं पुलिस और प्रशासन की भूमिका की भी जांच हो।

इससे पहले सुबह 11 बजे बैठक शुरू होने के बाद सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने जैसे ही शून्यकाल शुरू कराया, विपक्षी सदस्यों ने 12 सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग करते हुए गतिरोध शुरू कर दिया और अपने स्थानों से आगे आ गए। इस पर नायडू ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मैं इसकी (हंगामे की) अनुमति नहीं दे सकता। सदन में जो कुछ हो रहा है उसे लोगों को दिखाया जाना चाहिए। जिन सदस्यों ने सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई हैं, उन्हें कोई पश्चाताप नहीं है”। 

उपसभापति ने आगे कहा कि सदस्यों के निलंबन के बारे में सभापति पहले ही कह चुके हैं कि नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष आपस में चर्चा करके कोई रास्ता निकालें। उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने-अपने स्थानों पर लौट जाने का आग्रह किया। लेकिन जब उनके इस आग्रह को अनसुना कर दिया गया तो सदन की कार्यवाही स्थगित करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं विवश हूं। सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित की जाती है। लिहाजा, उच्च सदन में प्रश्नकाल भी नहीं हो सका। इससे पहले, गतिरोध की वजह से सदन में शून्यकाल भी नहीं हो सका था। 

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राज्यसभा के 12 निलंबित सदस्य अगर सदन में आना चाहते हैं तो उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए। उन्हें धरने पर बैठने दें। मैं प्रार्थना करता हूं कि महात्मा गांधी उन्हें ज्ञान दें। 

निलंबित सांसदों ने संसद परिषद में विरोध प्रदर्शन किया 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने संसद के शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए 12 राज्यसभा सदस्यों के निलंबन के विरोध में बुधवार को संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया और निलंबन रद्द करने की मांग की। संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, द्रमुक के टीआर बालू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले और कई अन्य सांसद भी मौजूद थे। विपक्षी सांसदों ने ‘वी वान्ट जस्टिस’, ‘निलंबन वापस लो’ के नारे लगाए। 

शीतकालीन सत्र से निलंबित टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा कि सांसदों का निलंबन बहुमत के अहंकार को दर्शाता है। जब वे विपक्ष में थे तो वे संसद की कार्यवाही को भी बाधित करते थे। न्याय नहीं मिलने तक हम अपना धरना जारी रखेंगे। 

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उच्च सदन के 12 सांसदों के निलंबन पर कहा कि किस बात की माफी मांगें। खड़गे ने कहा कि यह मामला पिछले सत्र का है। इस सत्र से उसका क्या वास्ता है? जब चेयरमैन के पास शक्ति है तो वह उसका इस्तेमाल कर निलंबन रद्द करें। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दल साथ बैठक करेंगे। 

संसद भवन के 59 नंबर कमरे में आग 

संसद भवन के रूम नम्बर 59 में आज सुबह 8 बजकर 10 मिनट पर आग लगने की कॉल दमकल विभाग को मिली। पार्लियामेंट परिसर में ही मौजूद दमकल की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और आग पर काबू पा लिया। आग चेयर और कंप्यूटर में लगी थी। हादसे में कोई घायल नहीं।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री किरेन रिजिजू और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी सहित वरिष्ठ कैबिनेट सदस्यों के साथ बैठक की।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।) 

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