Friday, March 29, 2024

गुजरात: सरकार के कोविड मामले छिपाने पर हाई कोर्ट बोला- आंकड़े बताने में शरमाओ मत

अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने सुमोटो अर्जी पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 13 निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा है कि कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े सार्वजनिक करने में सरकार को शरमाना नहीं चाहिए। मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायाधीश भार्गव कारिया की बेंच ने कहा कि महामारी की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार को कोरोना की संपूर्ण जानकारी प्रमाणिकता और पारदर्शिता के साथ लोगों के समक्ष रखना चाहिए। सही आंकड़ों से सरकार के प्रति जनता का विश्वास बढ़ेगा और लोग लड़ाई में सरकार को सहयोग देंगे। हाई कोर्ट ने राज्य के सभी जिले में RT-PCR टेस्ट लैब शुरू करने को भी कहा।

कोविड 19 की दूसरी लहर का सबसे घातक सप्ताह गुजरात ने देखा। घातक परिस्थिति को छुपाने के लिए सरकार आंकड़ों को ही छिपाने लगी, परंतु स्थानीय मीडिया ने सरकार का सारा खेल बिगाड़ दिया, जिससे सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी और गुजरात हाई कोर्ट ने सुमोटो लेकर सरकार को कड़ा निर्देश भी दिया। 12 अप्रैल को राज्य सरकार के अनुसार कोरोना से 20 मौत हुई थी। जबकि 12 अप्रैल को स्थानीय दैनिक संदेश के अनुसार अहमदाबाद सिविल अस्पताल के स्पेशल कोविड 19 हॉस्पिटल से 63 मृत देह श्मशान भेजे गए। संदेश ने अपनी रिपोर्ट में 17 घंटे का ब्योरा छापा कि किस एम्बुलेंस न. के साथ कब अस्पताल से मृत देह श्मशान के लिए निकली।

इससे पहले दिव्य भास्कर के शायर रावल ने अस्पताल से श्मशान जाने वाले शवों की गिनती कर सरकार द्वारा जारी आंकड़ों पर सवाल खड़ा किया था। रावल की रिपोर्ट के अनुसार, ‘10 अप्रैल रात 12 बजे से रविवार (11 अप्रैल) के 12 बजे के बीच अहमदाबाद के सिविल अस्पताल से 77 शवों को श्मशान भेजा गया, जबकि शव वाहन की कमी के कारण 35 मृत शव सिविल अस्पताल में ही थे। यानी कि 112 लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई, लेकिन जब स्वास्थ्य विभाग का बुलेटिन आया तो उसमें कोरोना से मारे गए लोगों की संख्या 19 थी।”

राज्य के मुख्य मंत्री ने दावा किया था कि सरकार कोविड मामले में किसी भी प्रकार से कोई आंकड़ा नहीं छिपा रही है। सरकार आईसीएमआर दिशा निर्देश का पालन कर रही है। Khabar Gujarat नामी न्यूज पोर्टल ने दावा किया था कि 10-11 अप्रैल को 24 घंटे में जामनगर में 100 से अधिक कोरोना से मौत हुई है। Jamnagar updates के अनुसार 24 घंटे में 54 मौतें हुई। जबकि सरकारी आंकड़ों में इस दिन केवल एक मौत हुई है।

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के एक डॉक्टर ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “जिस व्यक्ति की मौत का प्राथमिक कारण कोरोना है, उसी को कोरोना मृत माना जा रहा है। मृत्यु का सेकंडरी कारण कोरोना हो तो उसे कोरोना मृत नहीं माना जाता है।”

ऐसा करना आईसीएमआर की गाइड लाइन का उल्लंघन है। ऐसा लगता सरकार को आंकड़े कम करके दिखाना है। कारोना से मौत का नम्बर छिपाने के लिए सरकार को कोई न कोई बहाना चाहिए। गुजरात हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार हरकत में दिख रही है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के कलेक्टर को आदेश दिया है कि हरिद्वार कुंभ से आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोरंटीन किया जाए। साथ ही सभी के RT-PCR टेस्ट हों। कल हिरिद्वार से आई साबरमती एक्सप्रेस के 313 कुंभ श्रद्धालुओं का कोरोना रैपिड टेस्ट किया गया जिसमें 34 यात्री संक्रमित पाए गए।

17 अप्रैल 2021 को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार 9541 नए केस आए हैं, जबकि 3783 स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं। 17 अप्रैल 2021 को कोरोना से 97 लोगों की मृत्यु हुई। राज्य में कोरोना से अब तक 5264 लोगों की मौत हो चुकी है।

18 अप्रैल 2021 को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार नए केस को संख्या 10340 हो गई है। पिछले 24 घंटों में राज्य सरकार के अनुसार 110 लोगों की कोराना से मौत हुई है। मौत के आंकड़े लगतार बढ़ रहे हैं।

(गुजरात से कलीम सिद्दीकी की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles