Saturday, April 20, 2024

हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने हिला दिया अडानी का साम्राज्य

अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी के शेयरों में आ रही गिरावट का दौर थम नहीं रहा है। कारोबारी हफ्ते के शुरुआत में अडानी के शेयरों में थोड़ी तेजी देखने को मिली, लेकिन हफ्ते का आखिरी दौर में ये असर फिर से दिखने लगा। हिंडनबर्ग के बाद रेटिंग एजेंसियों, विदेशी निवेशकों से मिल रहे झटकों से अडानी के शेयरों और संपत्ति में भारी गिरावट आई है।

शुक्रवार को हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन अडानी के तीन शेयर 52 हफ्ते के लो पर पहुंच गए। शेयरों में गिरावट के चलते गौतम अडानी की निजी संपत्ति को भी नुकसान हुआ है। अडानी और उनके समहू के एक दिन में चार बड़े झटके लगे हैं।शनिवार और रविवार को शेयर बाज़ार बंद है। सोमवार को खुलने पर शेयर बाज़ार किस चाल चलेगा इस पर सबकी नजरें हैं।

मूडीज ने अडानी समूह को बड़ा झटका दिया है। मूडीज ने शुक्रवार को अडानी समूह की चार कंपनियों की रेटिंग स्थिर से घटाकर नकारात्मक कर दी। इन कंपनियों में अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ग्रीन एनर्जी रिस्ट्रिक्टेड ग्रुप, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई शामिल हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से इन कंपनियों के मूल्य में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। मूडीज ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में धोखाधड़ी और हेरफेर के आरोपों के बाद अडानी समूह से जुड़ी कंपन‍ियों के मार्केट कैप में भारी गिरावट आई है। इसी के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।

एकतरफ जहां मूडीज ने अंडानी समूह की कंपनियों की रेटिंग घटाई वहीं, दूसरी तरफ अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार को भी गिरावट जारी रही। अडानी समूह की कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट के चलते गौतम अडानी का नेटवर्थ गिरकर 58 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जो एक दिन पहले तक 60 अरब डॉलर के पार हो गया था।

अडानी को शुक्रवार को 2.4 अरब डॉलर यानी 1,97,98,78,80,000 रुपये का झटका लगा है। इस गिरावट के चलते वो फोर्ब्स के रियल टाइम बिलेनियर लिस्ट में 17वें नंबर से खिसककर फिर से 22वें नंबर पर पहुंच गए हैं। कभी 150 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के दूसरे सबसे अमीर अरबपति कहलाने वाले गौतम अडानी इस लिस्ट में पिछड़ते हुए 22वें नंबर पर पहुंच गए हैं।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अडानी इंटरप्राइजेज के 20 हजार करोड़ के एफपीओ से जुड़े दो एंकर निवेशकों की जांच शुरू कर दी है। जांच अडानी समूह के साथ इन निवेशकों के संबंधों को लेकर की जा रही है। कानूनों के संभावित उल्लंघन या शेयर बिक्री प्रक्रिया में किसी भी तरह के हितों के टकराव की सेबी जांच कर रहा है।

मॉरीशस की दो कंपनियों आयुष्मत लि. और ग्रेट इंटरनेशनल टस्कर फंड की अदानी के साथ संबंधों की जांच भी हो रही है। दोनों कंपनियों ने अडानी इंटरप्राइजेज के एफपीओ में एंकर निवेशक के रूप में अपना पैसा लगाया था। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बताया कि इस जांच के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय को जानकारी दी गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले का संज्ञान लेने और सेबी से जवाबतलब करने के कारण स्थिति और भी गंभीर हो गयी है।

कानूनों के संभावित उल्लंघन या शेयर बिक्री प्रक्रिया में किसी भी तरह के हितों के टकराव की सेबी जांच कर रहा है। मॉरीशस की दो कंपनियों आयुष्मत लि. और ग्रेट इंटरनेशनल टस्कर फंड की अडानी के साथ संबंधों की जांच भी हो रही है। दोनों कंपनियों ने अदानी इंटरप्राइजेज के एफपीओ में एंकर निवेशक के रूप में अपना पैसा लगाया था। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बताया कि इस जांच के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय को जानकारी दी गई है।

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि अडानी समूह की एक निजी कंपनी की मोनार्क में मामूली हिस्सेदारी थी। यह कंपनी पहले अडानी समूह के लिए एक बुक रनर के रूप में काम कर चुकी थी। हिंडनबर्ग के मुताबिक, यह साफ तौर पर हितों के टकराव का मामला है।

हिंडनबर्ग ने यह भी आरोप लगाया है कि एलारा के एक मॉरीशस स्थित फंड ने अदानी समूह की तीन कंपनियों के शेयरों में अपने बाजार मूल्य का 99 प्रतिशत निवेश किया है। यह बातें जांच में साबित हुईं तो अडानी समूह की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

कैपिटल एवं डिस्क्लोजर नियमों के अनुसार, अगर कोई संस्थान किसी कंपनी के संस्थापक या संस्थापक समूह से जुड़ा है, ऐसे में वह उस कंपनी में एंकर निवेशक नहीं हो सकता है। और इसी बात की जांच सेबी कर रहा है कि जो भी एंकर निवेशक हैं, क्या वे समूह संस्थापकों से जुड़े हैं या नहीं? सेबी की जांच में एलारा कैपिटल और मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल के नाम भी शामिल हैं। यह उन 10 निवेश बैंकर्स में शामिल हैं, जिन्होंने एफपीओ का प्रबंधन किया था।

25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के संबंध में 32 हजार शब्दों की एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के निष्कर्ष में 88 प्रश्नों को शामिल किया। रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी समूह दशकों से शेयरों के हेरफेर और अकाउंट की धोखाधड़ी में शामिल है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन साल में शेयरों की कीमतें बढ़ने से अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी की संपत्ति एक अरब डॉलर बढ़कर 120 अरब डॉलर हो गई है। इस दौरान समूह की 7 कंपनियों के शेयर औसत 819 फीसदी बढ़े। इसी रिपोर्ट के आने के बाद शेयर बाजार में भूचाल आ गया था और देखते ही देखते अडानी ग्रुप के शेयर धराशाई हो गए थे।

अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर 4.28 फीसदी तक गिर गए। हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट के बाद इंडेक्स प्रोवाइडर एमएससीआई ने अडानी के चार शेयरों के फ्री फ्लोट स्टेटस में कटौती कर दी। जिसके कारण इंडेक्स में उनका वेटेज कम हो सकता है। इस खबर के आने के बाद शेयर गिरने लगे। इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी समूह का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर से अधिक गिर गया। खुद गौतम अडानी की संपत्ति गिरकर आधी रह गई।

इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कान्फ्रेंस कर अडानी मुद्दे पर केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद में अडानी मुद्दे पर उठाई गयी संयुक्त संसदीय समिति की मांग को रिकॉर्ड से हटवाया गया है।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों के प्रमुख बिंदु को संबोधित किए बिना दोनों सदनों में भाषण दिया है। सरकार अहंकारी है और बेरोजगारी, महंगाई और अडाणी विवाद पर सवालों का जवाब नहीं देना चाहती।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पर यह अमृतकाल नहीं बल्कि मित्रकाल है। उन्होने कहा कि संसद में विपक्ष की ओर से उठाए गए तमाम मुद्दों को अनदेखा करके प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी भाषण दिया है। खड़गे ने कहा कि हम अडानी मुद्दे पर जांच चाहते थे, क्या संसद में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग करना गुनाह है? इसे क्यों रिकॉर्ड से हटाया गया?

कांग्रेस अध्यक्ष ने कई सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या अडानी मुद्दे पर जेपीसी द्वारा जांच नहीं होनी चाहिए? क्या एलआईसी के डूबते पैसे पर सवाल उठाना नहीं चाहिए? क्या एसबीआई द्वारा अडानी को दिए गए 82 हजार करोड़ के बारे में सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए? जनता के पैसे के बारे में सवाल करना गलत है? अडानी की कंपनियों में आने वाला पैसा कहां से आ रहा है? कांग्रेस अध्यक्ष ने और भी कई सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार को घेरा है।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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