Saturday, April 20, 2024

हरिद्वार में हिंदुत्ववादियों ने मुस्लिम नरसंहार का किया आह्वान! अभी तक कोई कार्रवाई नहीं

17-19 दिसंबर तक हरिद्वार उत्तराखंड में आयोजित धर्म संसद में ‘मुस्लिम जनसंहार’ के लिये लोगों से अपील की गई। तीन दिनों तक चली धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ नफ़रत भरे भाषण दिए गए और जनसंहार का समर्थन किया गया। इस धर्म संसद में दिल्ली भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय व उदिता त्यागी शामिल हुए थे। गौरतलब है कि पांच महीने पहले 8 अगस्त 2021 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की अगुआई वाले मार्च में भी मुस्लिम जनसंहार के नारे लगाये गये थे।

बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय के अलावा, यति नरसिंहानंद गिरि, धर्मांतरण से  जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बने वसीम रिजवी तथा हिंदू महासभा के लोग शामिल हुए थे। इस सम्मेलन का आयोजन यति नरसिंहानंद ने किया था। इसमें हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रमोदानंद गिरी, स्वामी आनंद स्वरूप, साध्वी अन्नपूर्णा आदि वक्ता के रूप में शामिल हुए। आखिरी दिन बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय भी पहुंचे थे। हालांकि, उन्होंने इससे अपने आप को अलग करते हुए कहा कि वह केवल 30 मिनट वहां रुके थे और उन्हें नहीं पता कि यहां क्या कहा गया। 

हालांकि कार्यक्रम के वीडियो में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय धर्म संसद में भगवा संविधान पेश करते हैं और यति नरसिंहानंद को भाई कहकर संबोधित करते हैं। 

हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने धर्म संसद में लोगों से कहा था कि – “हमें तैयारी करनी होगी, और मैं आपको बताऊंगा कि वे कौन सी तैयारी हैं। मैं अपने आप को स्पष्ट कर दूंगा, यही समाधान है, और यदि आप इस समाधान का पालन करते हैं, तो आपके लिए रास्ता बना है….म्यांमार में हिंदुओं को भगाया जा रहा था। राजनेता, सरकार और पुलिस बस खड़े होकर देख रहे थे। उन्होंने उनकी गर्दन काटकर उन्हें मारना शुरू कर दिया और इतना ही नहीं, वे उन्हें गलियों में काटकर खाने लगे। देखने वाले लोगों ने सोचा कि हम मरने वाले हैं, हम जीने वाले नहीं हैं।”

उसने आगे कहा कि “यह अब हमारा राज्य है। आपने दिल्ली सीमा पर यह देखा है, उन्होंने हिंदुओं को मार डाला और उन्हें लटका दिया। अब और समय नहीं है, स्थिति यह है कि या तो तुम अभी मरने की तैयारी करो, या मारने के लिए तैयार हो जाओ, और कोई उपाय नहीं है। इसलिए, म्यांमार की तरह, यहां की पुलिस, यहां के राजनेता, सेना और हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए और हमें यह स्वच्छता अभियान (सफाई अभियान) चलाना होगा। इसके अलावा कोई उपाय नहीं है।”

प्रबोधानंद के कई भाजपा नेताओं के साथ गहरे संबंधों को देखते हुए जातीय व सांप्रदायिक नरसंहार का आह्वान करने वाले बयान विशेष रूप से चिंताजनक हैं।

इसके अलावा धर्म संसद में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) ने कहा था कि -” भारत में इस्लामिक जिहादियों ने अगले 20 वर्षों में संपूर्ण हिंदुओं के नरसंहार की तैयारी पूरी कर ली है। उन्होंने इसी के लिए दिन रात भूखे रह कर अपनी जनसंख्या बढ़ाई है। इस कार्य के लिए उन्हें दुनिया भर के मुसलमानों से धन और साधन मिल रहा है। भारत पर इस्लामिक क़ब्ज़ा होने के बाद इस्लाम पूरी दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त होगा। इस्लाम के जिहादी पूरी दुनिया का नरसंहार करने में सक्षम होंगे”। 

निरंजिनी अखाड़े के महामंडलेश्वर और हिंदू महासभा के महासचिव अन्नपूर्णा उर्फ़ पूजा शकुन पांडे ने कहा, “अगर आप उन्हें खत्म करना चाहते हैं, तो उन्हें मार डालें … हमें 100 सैनिकों की ज़रूरत है जो इसे जीतने के लिए 20 लाख को मार सकें।”

पूजा शकुन पांडेय ने आगे कहा कि ” हम सब मिलकर इनके 20 लाख मार देंगे तो विजयी कहलाएंगे। कॉपी किताब रखो और हाथ में शस्त्र उठा लो।’ मां अन्नपूर्णा ने कहा ‘अगर हमारे धर्म पर हिन्दुत्व पर खतरा मंडराएगा तो मैं कुछ भी नहीं सोचूंगी। भले ही मुझे गोडसे की तरह कलंकित क्यों ना कर दो। मगर मैं शस्त्र उठाऊंगी और मैं हिन्दुत्व को बचाऊंगी। मेरे पास चाकू की औकात है तो चाकू लूंगी, मेरे पास तलवार की औकात है तो तलवार लूंगी।’

बिहार के धर्मदास महाराज ने कहा, “अगर मैं संसद में मौजूद होता जब पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय संसाधनों पर अल्पसंख्यकों का पहला अधिकार है, तो मैं नाथूराम गोडसे का अनुसरण करता, और उनके सीने में छह बार रिवॉल्वर से गोली मार दी होती।”

आनंद स्वरूप महाराज ने धर्म संसद में कहा कि “अगर सरकारें हमारी मांग नहीं सुनती हैं (उनका मतलब अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा के माध्यम से एक हिंदू राष्ट्र की स्थापना) है, तो हम 1857 के विद्रोह की तुलना में कहीं अधिक भयानक युद्ध छेड़ेंगे। “

सागर सिंधुराज महाराज ने जोर देकर कहा, “मैं बार-बार दोहराता रहता हूं कि 5000 रुपये मोबाइल ख़रीदने के बजाय 1 लाख रुपये का हथियार ख़रीदो। आपके पास कम से कम लाठी और तलवारें तो होनी ही चाहिए। ” 

‘शास्त्र मेव जयते’ का नारा देते हुए ग़ाज़ियाबाद काली मंदिर के नरसिंहानंद यति ने कहा, “आर्थिक बहिष्कार से काम नहीं चलेगा। हिंदू समूहों को खुद को अपडेट करने की ज़रूरत है। तलवारें मंच पर ही अच्छी लगती हैं। ये लड़ाई बेहतर हथियार वाले लोग ही जीतेंगे।”

कार्रवाई की मांग 

वीडियो वायरल होने के बाद आरटीआई कार्यकर्ता और तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले ने ट्वीट करके बताया है कि उन्होंने ज्वालापुर पुलिस स्टेशन में एसएचओ को शिक़ायत दी है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि ”24 घंटे में आयोजकों और वक्ताओं के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज़ न करने पर न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष वाद किया जाएगा।” 

सीपीआई (एमएल) पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन ने पीएमओ और गृहमंत्री अमित शाह को टैग करके हुए ट्विटर पर कहा है कि  ” प्रधानमंत्री व गृहमंत्री 

से सीधा सवाल कि हर अख़बार, हर चैनल, हर नागरिक को लगातार पूछना चाहिए – इन पुरुषों और महिलाओं के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई क्यों नहीं, जो खुले तौर पर भारत को हिंदू वर्चस्ववादी राष्ट्र बनाने, मुसलमानों को मारने के लिए सशस्त्र आतंकवाद का आयोजन करने का दावा करते हैं?”

सीपीएम के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया, ”कुछ सप्ताह पहले पीएम मोदी ने लोकतंत्र और संविधान की बात की, जबकि दक्षिणपंथी समूह हिंसा फैला रहे हैं और खुलेआम नरसंहार की बात कर रहे हैं। बीजेपी की राज्य सरकार ने इस तरह के सम्मेलन की अनुमति क्यों दी? इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ तुरंत मुक़दमा दर्ज़ हो।”

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने ट्वीट किया, ”मुनव्वर फारूकी को लगातार उन जोक्स के लिए दंडित किया गया, जो उन्होंने सुनाए भी नहीं थे, लेकिन धर्म संसद के उन सदस्यों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिन्होंने हरिद्वार में मुसलमानों के नरसंहार की अपील की। क्या भारत में अभी भी लोकतंत्र है।”  

कांग्रेस के सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर गौर पांधी ने ट्वीट किया, ”हरिद्वार में जुटे हिंदुत्ववादियों के एक समूह ने मुस्लिम, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ख़िलाफ़ सशस्त्र हिंसा और भारत के ख़िलाफ़ सशस्त्र विद्रोह की अपील की। उन्होंने आतंकवादी बनाने पर जोर दिया।’’

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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