नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शाहजहांपुर की एलएलएम छात्रा के उत्पीड़न के मामले की जांच के लिए यूपी की योगी सरकार को एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है। आप को बता दें कि छात्रा ने पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
एसआईटी जांच का आदेश जस्टिस बानुमती और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने दिया। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट कुछ वकीलों की गुजारिश पर इस मामले का स्वत संज्ञान लिया था।
बेंच ने इस बात को साफ किया है कि वह आरोपों के बारे में अपनी कोई राय नहीं बना रही है। न ही उसकी सत्यता की और न ही किसी और किस्म की।
पिछले शुक्रवार को यह छात्रा जयपुर में अपने एक दोस्त के साथ पायी गयी थी जिसे यूपी पुलिस शाहजहांपुर ले जा रही थी लेकिन इसी बीच जस्टिस बानुमती ने उसे चैंबर में पेश करने का आदेश दिया था। उसी शाम चैंबर में लड़की का पक्ष सुनने के बाद उन्होंने लड़की को उसके माता-पिता से मिलवाने का निर्देश दिया था। गौरतलब है कि उस दिन छात्रा ने अपने माता-पिता से राय मशविरा करने के बाद ही आगे की कार्यवाही पर फैसला लेने की बात कही थी। उसके बाद कोर्ट ने उसके माता-पिता को दिल्ली लाकर उससे मिलवाने का आदेश दिया था।
आपको बता दें कि 24 अगस्त को इस छात्रा ने एक वीडियो जारी कर पीएम मोदी और सीएम योगी से सहयोग की अपील की थी। जिसमें उसने एक संत के द्वारा खुद का उत्पीड़न किए जाने की तरफ इशारा किया था। साथ ही उसमें उसने कहा था कि वह कई लड़कियों की जिंदगियां खराब कर चुका है।
गौरतलब है कि छात्रा जिस कालेज से एलएलएम कर रही है। चिन्मयानंद ही उसके डायरेक्टर हैं।
इस वीडियो में उसने बताया था कि जब भी स्वामी के खिलाफ कोई लड़की शिकायत की बात करती है तो उसे धमकी दे दी जाती है कि उससे उनका कुछ नहीं होने वाला है। क्योंकि प्रशासन और पूरा पुलिस महकमा उनकी मुट्ठी में है।
इस वीडियो के सामने आने के साथ ही अचानक यह लड़की लापता हो गयी थी।
+ There are no comments
Add yours