Saturday, April 20, 2024

मिर्जापुर स्पेशल:फर्जी गिरफ्तारी के एक मामले में अदालत ने दिया पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश

मिर्जापुर। अक्सर अपनी कारगुजारियों को लेकर सुर्खियों में बनी रहने वाली मिर्जापुर की कटरा कोतवाली पुलिस को वायुनंदन मिश्रा अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम के न्यायालय से तगड़ा झटका लगा है। मादक द्रव्य पदार्थों की ज़ब्ती और गिरफ्तारी के मामले में पुलिसिया फार्मूले का दांव इस बार उल्टा पड़ गया है। कटरा कोतवाली पुलिस द्वारा मादक पदार्थ के साथ फर्जी गिरफ्तारी करने के मामले में एनडीपीएस मामलों की स्पेशल कोर्ट में जज वायुनंदन मिश्रा ने अभियोजन की कहानी को न केवल फर्जी करार देते हुए आरोपी को दोषमुक्त कर दिया, बल्कि कोर्ट ने मिर्जापुर पुलिस की कार्य प्रणाली पर भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश शासन को पत्र भी लिखा है कि जनपद मिर्जापुर की पुलिस नागरिकों के मूल अधिकारों का गंभीर हनन कर रही है।

दरअसल, मिर्जापुर जिले की कटरा कोतवाली पुलिस ने 29 जून, 2021 को जिस युवक को नशीला पाउडर “अल्प्राजोलाम” के साथ गिरफ्तार कर उसे गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने का काम किया था, उस मामले में न्यायालय ने पीड़ित को सुनने और पुलिस की गढ़ी हुई कहानी को देख सुन न केवल पुलिस कि थ्योरी को गलत करार दिया है, बल्कि इसे मूल अधिकारों का हनन, मानवाधिकार का उल्लंघन मानते हुए पीड़ित को न्याय देते हुए इस मामले में पुलिस कर्मियों को दंडित करने का आदेश भी जारी कर दिया है। जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। अभी तक मादक द्रव्य पदार्थों के साथ गिरफ्तारी दिखा कर अपनी पीठ थपथपाते आए पुलिस महकमे के लोगों को इस फैसले से ना केवल तगड़ा झटका लगा, बल्कि न्यायालय के फैसले को देख सुन जवाब भी देते नहीं बन रहा है।

गौरतलब है कि, बीते वर्ष 29 जून, 2022 की रात मिर्जापुर के थाना कटरा कोतवाली के उपनिरीक्षक हरिकेश राम आजाद ने मय हमराह हेड कांस्टेबल शौकत अली, आरक्षी पंकज कुमार दुबे के साथ मिलकर सुलेमान (24) पुत्र अजहर निवासी इमामबाड़ा, थाना कटरा कोतवाली को 79 ग्राम अल्प्राजोलाम नशीला पदार्थ के साथ गिरफ्तार होना दिखाकर जेल भेज दिया था। इस मामले में पुलिस द्वारा बनाए गए आरोपी के अधिवक्ता की तरफ से उसकी माता अफसाना बेगम द्वारा 6 ख के तहत प्रार्थना पत्र मय शपथ पत्र प्रस्तुत कर बताया गया कि वह और उनके पति व उनका लड़का सुलेमान मेहनत-मजदूरी करके अपना व अपने परिवार का जीवन-यापन करती हैं।

थाना कोतवाली कटरा व लाल डिग्गी चौकी पुलिस द्वारा उनके पुत्र सुलेमान को फर्जी तरीके से मुकदमा कायम कर तथा नशीला पदार्थ दिखाकर अभियुक्त बनाया गया था और उनके लड़के सुलेमान को छोड़ने के लिये 10 हजार रुपये की मांग की गयी थी। पैसा देने में असमर्थ होने के चलते उनके लड़के को पुलिस वालों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुये गलत बरामदगी दिखाते हुये मुकदमा कायम कर उपरोक्त में अभियुक्त बना दिया गया। पुत्र के जेल चले जाने के बाद पुलिस वालों द्वारा कई बार उनके घर आकर उन्हें (अफसाना बेगम) धमकी दी गयी कि उनको परिवार समेत जेल भिजवा दिया जाएगा।

कई बार पुलिस वाले उनके घर आते थे, उनमें नियाज व स्वरूप राय नाम के पुलिसकर्मियों को वह जानती भी हैं। अफसाना बेगम व उनके पति द्वारा पुलिस वालों को यह बयान नहीं दिया गया कि उनका लड़का गलत संगत में फंस गया है और नशा करता है, बल्कि यह बयान दिया गया था कि उनका लड़का किसी भी तरह का कोई नशा नहीं करता है, वह निर्दोष है। पुलिस द्वारा उनके लड़के को फंसाने के लिये गलत विवेचना कर गलत साक्ष्य एकत्रित कर न्यायालय में प्रेषित किया गया है। पुलिसकर्मियों द्वारा अपने पद का दुरुप्रयोग करते हुये उनके लड़के को निर्दोष होने के बावजूद गरीब, असहाय होने के कारण मुकदमा कायम कर अभियुक्त बनाया गया है। अफसाना बेगम द्वारा न्यायालय से निवेदन किया गया था कि कोतवाली कटरा व लाल डिग्गी पुलिस चौकी के तत्कालीन पुलिसकर्मी व विवेचक के विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही किये जाने की अनुमति प्रदान किया जाए।

एफटीसी प्रथम वायुनंदन मिश्रा ने इस मामले में उपनिरीक्षक हरिकेश राम आजाद, हेड कांस्टेबल शौकत अली, कांस्टेबल पंकज दुबे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके अलावा विवेचक और पर्यवेक्षण अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर एक महीने के अंदर न्यायालय को अवगत कराने को भी कहा है। एफटीसी प्रथम वायुनंदन मिश्रा ने उत्तर प्रदेश शासन को कार्रवाई हेतु पत्र भी भेजा है। जिसमें मिर्जापुर पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा है कि वर्तमान में नागरिकों के मूल अधिकारों का गंभीर हनन हो रहा है। विधि के शासन को पुलिस के शासन के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों को बार-बार अवगत कराने के बावजूद ऐसे कृत्यों की पुनरावृत्ति जारी है।

21 दिसंबर को जेल से रिहा होने के बाद भी पुलिस के खौफ से जहां सुलेमान सहमा हुआ नजर आता है तो दूसरी ओर अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम वायुनंदन मिश्र द्वारा उसे दोषमुक्त करार दिये जाने और रिहाई मिलने पर सुलेमान का परिवार अल्लाह से उनके लिए शुक्रिया अदा करता हुआ नजर आया है। वहीं सुलेमान का केस देख रहे अधिवक्ता आकाश प्रताप सिंह ने बताया कि पुलिस ने कोई भी साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत नहीं किया और ना ही एनडीपीएस एक्ट के प्रावधान का पालन किया। आकाश प्रताप ने बताया कि न्यायालय में ऐसे बहुत कम मामले देखने को मिलते हैं। एफटीसी प्रथम वायुनंदन मिश्रा द्वारा बहुत अच्छा निर्णय लिया गया है और एक बहुत ही गरीब परिवार को न्याय दिया है। जिसकी जितनी भी सराहना हो वह कम ही होगी।

अपने ही जाल में फंसती नजर आई है पुलिस

विवेचक द्वारा 27 सितंबर, 2021 को प्रस्तुत आरोप-पत्र संख्या के समर्थन में केस डायरी संख्या- 1 लगायत 30 प्रस्तुत किया गया है, जिसमें दर्शित है कि प्रथम केस डायरी 29 जून 21 में समय 10:30 से प्रारम्भ होकर 11:15 पर समाप्त हुई मात्र 45 मिनट की विवेचना में नकल तहरीर नकल रपट, सहमति पत्र, गिरफ्तारी मेमो का अवलोकन करने के साथ ही साथ बयान वादी, बयान प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखक बयान अभियुक्त दर्ज करते हुये 12:40 पर उसी दिन न्यायालय के समक्ष समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करते हुये रिमाण्ड हेतु प्रस्तुत कर दिया गया। 29 जून, 21 के प्रथम रिमाण्ड आदेश में ही न्यायालय द्वारा यह उल्लेख किया गया है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुपालन में गिरफ्तारी के स्थल पर पुलिस की स्वीकृति के अनुरूप तमाम स्वतन्त्र साक्षी उपलब्ध होने के बावजूद किसी भी स्वतन्त्र गवाह के हस्ताक्षर गिरफ्तारी मेमो या फर्द बरामदगी पर नहीं कराये गये।

अभियुक्त की गिरफ्तारी की सूचना समय सहित पुलिस कन्ट्रोल रूम व परिवारीजन को दिये जाने की आज्ञापक विधि की अपेक्षायें पूर्ण नहीं की गयीं बल्कि विवेचक द्वारा खुले न्यायालय में अभियोजन प्रपत्र में लिखित घटना की तिथि व समय के विपरीत एक दिन पूर्व 28 जून 21 को ही अभियुक्त को गिरफ्तार किया जाना स्वीकार कर लिया गया। इस प्रकार इस प्रकरण में मात्र 45 मिनट की विवेचना में ही विवेचक द्वारा वह सभी कार्यवाहियां पूर्ण कर ली गयी जो सामान्यतया अन्य विवेचनाओं में 24 घण्टे की निर्धारित समयावधि में की जाती हैं। विवेचक द्वारा जल्दीबाजी में पूर्ण की गयी औपचारिकताओं के दृष्टिगत अभियुक्त से पूछताछ पर अभियुक्त द्वारा भी 28 जून, 2021 को गिरफ्तार किये जाने का कथन खुले न्यायालय में किया गया जिससे विवेचक की उक्त स्वीकारोक्ति की पुष्टि हो गयी।

मुफिलिसी के बीच गुजर बसर कर रहा है सुलेमान का परिवार

सुलेमान को भले ही न्यायालय से राहत मिली है, लेकिन देखा जाए तो उसका परिवार आज भी पुलिस के खौफ से सहमा हुआ है। सुलेमान का परिवार मेहनत मजदूरी करता है। खुद सुलेमान की बूढ़ी मां पास-पड़ोस के घरों में बर्तन साफ करती हैं। वह बताती हैं कि बेटे के जेल जाने की खबर उन्हें लगभग 10 दिनों बाद मिली थी। जिसके बाद काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। घर में इतने भी पैसे नहीं थे कि वह अपने बेटे की जमानत करा पातीं। कहती हैं कि रोज का कमाना है, रोज का खाना है।

कर्ज लिया है तब जाकर बेटे की जमानत करवाया। सुलेमान के परिवार की माली हालत को करीब से देख खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है। वह और उसका परिवार कैसे जीवन व्यतीत करता है। एक कमरे में सुलेमान के परिवार के सभी सदस्य जमीन पर बिछौना डालकर सोते हैं। घर अंधेरे में रहता है क्योंकि उनके पास बिजली का बिल देने के लिए पैसे नहीं हैं, ऐसे में रात अंधेरे में कटती है। घर के दरो दीवार, ईंट का चूल्हा, टूटे-फूटे बर्तन आदि खुद ही गरीबी, बेबसी की कहानी बयां करने के लिए काफी हैं।

(मिर्जापुर से संतोष देव गिरि की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट: रोजी-रोटी, भूख, सड़क और बिजली-पानी राजनांदगांव के अहम मुद्दे, भूपेश बघेल पड़ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी पर भारी

राजनांदगांव की लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय के बीच मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। मतदाता सड़क, पानी, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं, जबकि युवा बेरोजगारी और रोजगार वादों की असफलता से नाराज हैं। ग्रामीण विकासपरक कार्यों के अभाव पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।

Related Articles

अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट: रोजी-रोटी, भूख, सड़क और बिजली-पानी राजनांदगांव के अहम मुद्दे, भूपेश बघेल पड़ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी पर भारी

राजनांदगांव की लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय के बीच मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। मतदाता सड़क, पानी, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं, जबकि युवा बेरोजगारी और रोजगार वादों की असफलता से नाराज हैं। ग्रामीण विकासपरक कार्यों के अभाव पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।