Friday, April 19, 2024

टीआरपी स्कैम में रिपब्लिक टीवी के सीईओ गिरफ्तार

लगता है रिपल्बिक टीवी के लिए कभी ख़ुशी कभी गम का दौर चल रहा है। इधर मुंबई की एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज किए गए फर्जी टीआरपी घोटाला मामले में रिपब्लिक टीवी की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) प्रिया मुखर्जी को अग्रिम जमानत दे दी उधर मुंबई क्राइम ब्रांच ने इसी मामले में उसी चैनल के सीईओ विकास खानचंदानी को गिरफ्तार कर लिया है। विकास को रविवार को उनके घर से गिरफ्तार किया गया। वह अभी तक इस केस में गिरफ्तार होने वाले 13वें व्यक्ति हैं।

रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी  ने गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए मुंबई पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। अर्णब ने कहा कि जब यह मामला ट्राई के तहत आता है, तो फिर मुंबई पुलिस हमारे सीईओ को कैसे गिरफ्तार कर सकती है। टीआरपी स्कैम में मुंबई पुलिस की जांच रोकने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी लगा चुके अर्णब ने उच्चतम न्यायालय से संज्ञान लेने की अपील की है। गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने अक्तूबर में टीआरपी रेटिंग के फर्जीवाड़े में रिपब्लिक टीवी और दो अन्य क्षेत्रीय चैनलों के शामिल होने का आरोप लगाया था।

मुंबई कोर्ट ने शुक्रवार को मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज किए गए फर्जी टीआरपी घोटाला मामले में रिपब्लिक टीवी की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) प्रिया मुखर्जी को अग्रिम जमानत दे दी। सत्र अदालत ने मुखर्जी को हर हफ्ते एक बार संबंधित पुलिस स्टेशन के सामने पेश होने का निर्देश दिया। यदि मुखर्जी को गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे 50,000 रुपये के जमानत बॉन्ड पर रिहा किया जा सकता है। इससे पहले, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मुखर्जी को जमानत दे दी थी क्योंकि वह बेंगलुरु में थी और मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की जा रही थी। उच्च न्यायालय ने 20 दिनों की अवधि के लिए जमानत दी थी, जिस अवधि में मुखर्जी को आगे की राहत के लिए संबंधित न्यायिक अदालत से संपर्क करने के लिए कहा गया था। मुंबई लौटने के बाद, उसने अग्रिम जमानत के लिए सत्र न्यायालय का रुख किया था।

मुंबई पुलिस ने इस मामले में 6 अक्तूबर को प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की थी और हंसा रिसर्च के अधिकारी नितिन देवकर की शिकायत के बाद जांच शुरू की थी। मुंबई पुलिस ने कथित टीआरपी घोटाले में नवंबर में यहां की एक अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया था।’ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (बार्क) ने कुछ चैनलों द्वारा टीआरपी में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए हंसा रिसर्च एजेंसी के जरिए शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने कथित घोटाले की जांच शुरू की थी। टीआरपी में कुछ घरों में मशीनों को लगाकर दर्शकों की संख्या का पता लगाया जाता है। इसकी रेटिंग विज्ञापन देने वालों को आकर्षित करने के लिए अहम होती है।

बार्क ने कुछ घरों में टीवी के दर्शकों की संख्या रिकॉर्ड करने वाले बैरोमीटर लगाने और उनकी देख-रेख करने का जिम्मा हंसा को दिया हुआ है। आरोप है कि जिन कुछ घरों में बैरोमीटर लगाए गए थे, उनमें से कुछ परिवारों को रिश्वत देकर टीवी पर कुछ विशेष चैनल चलाने के लिए कहा गया ताकि उनकी टीआरपी बढ़े।

हाल में दायर किए गए आरोप पत्र में पुलिस ने आरोप लगाया है कि हंसा के एक अधिकारी ने बैरोमीटर वाले घरों को टीवी पर बॉक्स सिनेमा, फक्त मराठी, महा मूवी और रिपब्लिक टीवी चलाने के लिए पैसे दिए हैं। रिपब्लिक टीवी ने कुछ भी गलत करने की बात से इनकार किया है। पुलिस इस मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। टीआरपी घोटाले मामले की जांच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा कर रही है। अपराध शाखा ने इस मामले में रिपब्लिक टीवी के सीईओ विकास खानचंदानी और डिस्ट्रिब्यूशन हेड समेत 13 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है।

विकास खानचंदानी उस वॉट्सऐप ग्रुप का हिस्सा थे, जिसमें एलसीएन (लैंडिंग चैनल नंबर) से संबंधी डिस्कशन हुआ था। क्राइम ब्रॉन्च ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि बार-ओ-मीटर में गड़बड़ी कर टीआरपी में छेड़खानी के अलावा केबिल ऑपरेटर्स से संपर्क कर एलसीएन और एलसीएन प्रोमोशन को फिक्स करने की भी कोशिश रिपब्लिक टीवी द्वारा की गई। खानचंदानी की गिरफ्तारी रिपब्लिक टीवी के डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम सिंह को मिली जमानत के कुछ दिन बाद हुई है। अक्तूबर में क्राइम ब्रांच ने खानचंदानी को पूछताछ के लिए बुलाया था।

इसके अलावा 20 नवंबर को इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मनी लॉन्डरिंग का एक केस दर्ज किया था। ईडी को मुंबई पुलिस ने जानकारी दी थी कि इस केस में मनी लॉन्डरिंग एंगल की संभावना है, जिसके बाद एजेंसी ने एफआईआर दर्ज की थी।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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