Thursday, March 28, 2024

बीजेपी कार्यकर्ता थे सिंघु बॉर्डर के नकाबधारी हमलावर

सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बार्डर से लगे आस-पास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। ताकि सोशल मीडिया के जमाने में सोशल मीडिया के जरिये बॉर्डर पर हो रहा कुचक्र आम लोगों तक न पहुंच सके। सरकार की साजिशों का पर्दाफाश न हो सके। बाकी मीडिया तो वही दिखायेगी जो सरकार चाहेगी। लेकिन लोगों की मीडिया समानांतर मीडिया, आंदोलन में शामिल किसान अपने सोशल मीडिया एकाउंट फेसबुक, ट्विटर पर भाजपाई हमलों को लाइव न कर सकें, वॉट्सअप पर घटनाओं की रियल तस्वीरें और वीडियो न जा सकें। किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने बताया है कि “हम जहां बैठे हैं वहां पर सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है, हरियाणा में भी इंटरनेट बंद कर दिया है। कई बार पानी, बिजली बंद कर देते हैं।”

वहीं भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने ट्वीट करके बताया है कि “गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट बंद कर दिया है सरकार ने, उन्हें लगता है कि इससे आंदोलन को वो कमजोर कर देंगे तो ये उनका वहम है। किसानों की आवाज़ को कुचलने के वो जितना प्रयास करेंगे ये आंदोलन उतना बड़ा होता जाएगा।”

वहीं आम आदमी पार्टी (पंजाब) ने प्रेस कान्फ्रेंस करके बताया है कि लाल किले पर हमला भाजपा के लोगों ने दीप सिद्धू की अगुवाई में किया था। ये सब पहले से तय था और दिल्ली पुलिस उनको सेफ रास्ता मुहैया करवा रही थी। प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि “26 जनवरी के पहले सिंघु बॉर्डर पर किसानों का दूसरा जत्था खड़ा किया जाता है। भाजपा के लोगों का जत्था। और बैरिकेडिंग के दूसरी तरफ दिल्ली वाली तरफ उनको जगह दी जाती है। उसमें दीप सिद्धू की अगुवाई में भाजपा आरएसएस के लोग बैठते हैं। 26 जनवरी को किसानों का ट्रैक्टर मार्च शुरू होने के पहले दीप सिद्धू की अगुवाई में ये जत्था ट्रैक्टर लेकर दिल्ली में घुस जाता है। क्यों पुलिस ने उसे नहीं रोका। वो लालकिले तक चला जाता है। भाजपा के लोग तोड़-फोड़ करते हैं। निशान साहिब का झंड़ा लगाने के बाद नैरेटिव सेट किया जाता है। किसानों को उग्रवादी, बिचौलिये, कांग्रेस एजेंट, खालिस्तानी बताने का नैरेटिव सेट किया जाता है सरकार की ओर से। और बॉर्डर के आस पास इंटरनेट बंद कर दिया जाता है ताकि आप सच न पहुंचा सकें लोगों तक ट्विटर, फेसबुक, वॉट्सअप बंद कर दिया ताकि सच्चाई लोगों तक न पहुंचे।

प्रेस कान्फ्रेंस में कहा गया कि “मीडिया में दिखाया जा रहा है कि स्थानीय लोगों की पंचायत हो रही है और स्थानीय लोग किसानों को बॉर्डर से भगाने के लिए जुटे हैं। आखिर कौन हैं ये तथाकथित स्थानीय लोग जो टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर पहुंचते हैं। किसानों पर लाठी डंडे पत्थर से हमला करते हैं। कैसे पहुंचे ये लोग। जबकि सिंघु बॉर्डर पर चारों ओर से आधा किलोमीटर तक पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखा है। ढाई हजार पुलिस आरएएफ थी। उनकी मौजूदगी में कल भाजपा के 200 लोग किसानों तलक पहुंचते हैं पुलिस उनको रास्ता देती है। पुलिस देखती रही। 2 ट्रक पत्थर मौजूद हैं। कहां से आया ये पत्थर। पत्थरबाजी पुलिस ने करवाई। टिकरी बॉर्डर पर पहुंचे”।  

सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर पर स्थानीय आदमी बनकर हमला और मीडिया से बात करते हैं।

सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय आदमी बनकर नारेबाजी करने और मीडिया से बात करते हैं। एक बुजुर्ग व्यक्ति एक न्यूज चैनल से बात करते हुए बताता है कि “40 गांव के पंचायतों के लोग आज खाली कराने के लिए आये हैं। हम इनको छोड़ेंगे नहीं। हम हिंदू इन खालिस्तानियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम तिरंगे का अपमान नहीं सहेंगे। हम इनकी मां-बहन करके 12 घंटे में आज इन्हें यहां से खाली करा देंगे।”

दूसरे वीडियो में पता चला कि वो विष्णु गार्डेन कॉलोनी में रहता है। वीडियो में वही शख्स माफी मांगते हुए कहता है हम सिख भाइयों के साथ मिलकर रहते हैं। प्यार से रहते हैं। कल की घटना के लिए माफी चाहता हूँ।

वहीं एक और स्थानीय आदमी बनकर सिंघु बॉर्डर किसानों पर हमला करने वाला प्रदीप खत्री ठोलेदार भाजपा जिला प्रभारी (किसान मोर्चा) है कल वह भी सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय नागरिक बनकर लड़ने गया।

इन दोनों के अलावा सुदामा सिंह नामक भाजपाई भी स्थानीय व्यक्ति बनकर मीडिया से बात करता है। अमन डबास नामक भाजपाई जिसकी गृहमंत्री अमित शाह के साथ तस्वीर उसके फेसबुक पर मौजूद है और जिसकी पत्नी अंजू देवी भाजपा पार्षद है वो भी कल सिंघु बॉर्डर पर स्थानीय लोग बनकर पहुंचा था किसानों को मारने-पीटने, टेंट उखाड़ने। 

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles