झारखंड। झारखंड विधानसभा के पहले चरण का मतदान 13 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होना है। जिसे लेकर राज्य में चुनाव प्रचार जोरों पर है। सभी दल के लोग अपने-अपने तरीके से मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए हर तरह के मर्यादित व अमर्यादित हथकंडे अपना रहे हैं।
जहां इंडिया गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन सरकार के पिछले पांच सालों की उपलब्धियों की बखान करने में लगे हैं, वहीं एनडीए के खासकर भाजपा के स्टार प्रचारक जहां एक तरफ भाजपा की सरकार बनने पर राज्य के लिए कुबेर का खजाना खोलकर जनता पर लुटाने का ऐलान कर रहे हैं वहीं धार्मिक ध्रुवीकरण का काफी भयानक खेल भी खेल रहे हैं।
कहने की जरूरत नहीं कि उनके भाषणों में परोक्ष रूप से राज्य के मुसलमान निशाने पर हैं।
धार्मिक ध्रुवीकरण के इस खेल को असम के मुख्यमंत्री व भाजपा नेता हिमंत विस्वा सरमा काफी आक्रामक और नफरती अंदाज में खेल रहे हैं।
23 अक्टूबर 2024 को पलामू (जपला) के हुसैनाबाद में भाजपा की एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने हुसैनाबाद गांव के नाम पर सवाल उठाते हुए कहा कि हुसैनाबाद क्या नाम है? हमारे बगल के राज्य में राम एवं कृष्णा जन्मभूमि है, तो हुसैन यहां कहां से आ गया?
झारखण्ड वीरों का भूमि है, अगर ज़िला बनेगा तो वीरों के नाम का बनेगा, ऐसे नाम का नहीं जिसका यहां से कोई लेना देना नहीं है, कोई परिचय नहीं है, कहां से आया, कैसे आया? कोई नहीं जानता है, ऐसा नाम में हमें जिला नहीं बनाना सही है।
भारतीय जनता पार्टी का सरकार बनेगा तो कानून के रास्ते से हम झारखण्ड में NRC बनायेंगे और एक एक करके घुसपैठियों को कानून के रास्ते से लात मार के भगा दूंगा। यह हमारा सबसे प्राथमिक काम होगा। यह चुनाव किसी को विधायक बनाना नहीं, किसी को मुख्यमंत्री बनाना नहीं, यह चुनाव घुसपैठियों को लात मारकर भगाने का यह चुनाव है।”
वहीं 24 अक्टूबर 2024 को जमशेदपुर के बिष्टुपुर में भाजपा उम्मीदवार के नामांकन सभा में हिमंता बिस्वा सरमा ने मुसलमानों के विरुद्ध पुनः सांप्रदायिक भाषण दिया। हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने भाषण में कहा कि हम पहले ही कहा है कि “यहां पर हुसैनाबाद कहां से आ गया? मैं ऐलान करके आया हूं हमारा सरकार बनेगा तो पहले कैबिनेट में ही हुसैनाबाद नाम को हम मां गंगा में अर्पित कर देंगे।
हमारे झारखण्ड में हुसैनाबाद वाला नाम और आगे चलने वाला नहीं है। आज जमशेदपुर पश्चिम में क्या हो रहा है, धीरे-धीरे जमशेदपुर का जो डेमोग्राफी है, कैसे परिवर्तन हो रहा है, यह आप लोगों ने अपने सामने देखा है। आज झामुमो का कैडर क्या है, कांग्रेस का कैडर क्या है, आप लोगों का वोट उन्हें नहीं चाहिए, वो एक विशेष वर्ग के लोगों के वोट से ही चुनाव जीतना चाहते हैं।
इसीलिए यह लोग आपके लिए काम नहीं करते हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि अयोध्या में जैसे हमने बाबर को भगा कर राम मंदिर बनाने का काम किया है, वैसे ही हम लोग झारखण्ड में भी करेंगे देश के कोने-कोने में अभी भी जो बाबर बसा हुआ है, उसको हम लोगों को लात मार-मार कर निकलने का समय आ गया है।”
1 नवम्बर 2024 को हिमंता बिस्वा सरमा ने सारठ में अपनी चुनावी भाषण में फिर से मुसलमानों के विरुद्ध भड़काऊ भाषण दिया और धर्म विशेष के नाम पर वोट मांगा।
अपने भाषण में सरमा ने कहा कि “यह चुनाव सनातन को बचाने का चुनाव है। यह चुनाव सनातन को रक्षण-वेक्षण देने का चुनाव है। क्या आप लोग मानते हैं कि हेमंत सोरेन कभी भी यहां से घुसपैठियों को हटाएगा? आज आप लोग देखिये एक विशेष समुदाय होते हैं, एक वोट भी कोई इधर-उधर नहीं होते हैं।
जैसे आर्डर आता है वैसे ही गिरता है। लेकिन हमारे समाज में हिन्दू बंटें रहते हैं। कई उम्मीदवार खड़े होते हैं और वोट डिवाइड हो जाते हैं। कांग्रेस JMM दोबारा आते हैं और लाखों घुसपैठियों को बुला कर लाते हैं।
और यह चलता रहेगा, तब तक नहीं ख़तम नहीं होगा जब तक हिन्दू समाज एक नहीं होगा। हिन्दू जगा तो राम मंदिर बना और अगर यह हिन्दू फिर से जाग जाएगा तो संथाल परगना में यह घुसपैठिये नहीं रह सकते।”
यह भाषण स्पष्ट रूप से मुसलमानों के विरुद्ध साम्प्रदायिकता फ़ैलाने और चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण करने के उद्देश्य से दिया गया है।
हुसैनाबाद के नाम को लेकर हिमंता बिस्वा सरमा के साम्प्रदायिक भाषण पर पूर्व विधायक सह हुसैनाबाद से बसपा प्रत्याशी ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेदिनीनगर के न्यायालय में असम के मुख्यमंत्री सह झारखंड सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा पर परिवाद दर्ज कराया है।
बावजूद इसके हिमंता बिस्वा सरमा का नफरती और सांप्रदायिक भाषण आज भी उसी रफ्तार से जारी है।
इसकी एक बानगी और हैं, जैसे-सरमा ने बहरागोड़ा में एक महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि “झारखंड की राजनीति धीरे-धीरे घुसपैठियों के हाथ में जा रही है। संथाल परगना में भारी संख्या में दाखिल हो चुके घुसपैठियों ने वहां का सामाजिक वातावरण खराब कर दिया है।
झारखंड में भाजपा की सरकार बनते ही बांग्लादेश से आए इन घुसपैठियों को कानून बनाकर निकाल बाहर किया जाएगा। यहां दिनों-दिन हिंदुओं व आदिवासियों की संख्या घटती जा रही है। आलमगीर आलम और इरफान अंसारी जैसे नेता घुसपैठियों को बढ़ावा दे रहे हैं।”
हिमंता बिस्वा सरमा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसमें साफ तौर पर वह मुसलमानों को निशाना बनाते हुए वीडियो में कहते सुने जा सकते हैं, “हम हारेंगे, तो ये पीताम्बर, नीलाम्बर, सिद्धू, कान्हू, बिरसा मुंडा की भूमि को अरफान, इरफ़ान, अंसारी, आलम गीर आलम लूट लेगा।
हमारी बेटियों को लूटा, हमारी जमीन को लूटा, हमारी सरकार को लूटा, हमारे अंहकार को लूटा। हमें आवाज उठाना होगा। हमें एक होना है।… हम बंटे तो ये इरफ़ान, अंसारी, आलम हमें लूट ले जाएंगे।”
हिमंता विस्वा सरमा द्वारा अपने भाषणों में केवल मुस्लिम अल्पसंख्यकों को निशाना बनाते हुए विभाजनकारी और नफरती शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। जैसे वे कहते हैं कि “वो लोग (मुसलमान) एक ही जगह पर वोट डालते हैं लेकिन हमारा हिंदू आधा वोट इधर डालेगा आधा उधर’ और ‘ये सरकार घुसपैठियों को बुलाती है क्योंकि विशेष समुदाय उनको वोट देता है।”
हिमंता बिस्वा सरमा के चुनावी भाषणों को ‘बेहद विभाजनकारी’ और ‘घृणास्पद’ क़रार देते हुए ‘इंडिया’ गठबंधन ने चुनाव आयोग से हिमंता बिस्वा सरमा के सांप्रदायिक चुनावी भाषण के विरुद्ध कार्रवाई की मांग है और कहा है कि यदि चुनाव आयोग अगले 24 घंटों में कार्रवाई नहीं करता है तो वे अदालत का रुख़ करेंगे।
(विशद कुमार वरिष्ठ पत्रकार हैं और झारखंड में रहते हैं।)
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