केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बयान से हुये तिकोनिया कांड से खट्टर ने लिया सबक, मांगी माफ़ी

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पीएम मोदी की अगुवाई वाले कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के एक धमकी भरे बयान ने तिकोनिया जनसंहार की पटकथा लिखी थी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने तिकोनिया कांड से सबक लेते हुये अपने 3 अक्टूबर के विवादित बयान के लिये माफ़ी मांग ली है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों से माफ़ी मांगते हुए अपने उस बयान को वापस ले लिया है। उन्होंने कहा है कि वह समाज में किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहते। प्रदेश में किसी भी सूरत में कानून-व्यवस्था न बिगड़े, यही उनका उद्देश्य है। मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा है कि उन्होंने वो बयान आत्मरक्षा के दृष्टि से दिया था, न कि किसी दुर्भावना से।

बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर आज पंचकूला के श्री माता मनसा देवी मंदिर शक्तिपीठ में दर्शन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा है कि शक्तिपीठ में आभास हुआ कि माता रानी हम सब की सुरक्षा करेंगी, इसीलिए मैं अपने उस बयान को वापस लेता हूं, जिसमें मैंने ज़रूरत होने पर आत्मरक्षा की अपील की थी। उन्होंने आगे कहा कि पूरे प्रदेश में किसान संगठनों, किसान नेताओं और लोगों द्वारा जो विरोध किया जा रहा है, इसके चलते वे अपना बयान वापस लेते हैं।

क्या कहा था खट्टर ने

3 अक्टूबर रविवार को भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा की एक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा था कि कुछ नए किसानों के संगठन उभर रहे हैं, उनको अब प्रोत्साहन देना पड़ेगा। उनको आगे लाना पड़ेगा खासकर उत्तर और पश्चिम हरियाणा में, दक्षिण हरियाणा में यह समस्या ज्यादा नहीं है, लेकिन उत्तर पश्चिम हरियाणा के हर जिले में अपने 500 या 700 या 1000 किसान या फिर एक हजार लोग खड़े करो, उनको वालंटियर बनाओ।

फिर जगह-जगह शठे शाठयम समाचरेत… की बात कहते हुए मुख्यमंत्री खट्टर ने सामने बैठे भाजपाईयों से पूछा था कि इसका क्या मतलब है। जिसके बाद भीड़ से आवाज़ आती है कि ‘जैसे को तैसा’। इसके बाद खट्टर ने वहां मौजूद लोगों से कहा था, ‘उठालो लठ। उग्र किसानों को तुम भी जवाब दो। देख लेंगे। दो चार महीने जेल में रह आओगे तो कुछ सीखोगे। बड़े नेता बन जाओगे। खट्टर ने अपने बयान में 500 से 1000 लोगों का समूह बनाने और जेल जाने के लिये भी तैयार रहने को कहा था’।

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बयान का तगड़ा विरोध हुआ था

खट्टर के इस हिंसक बयान का तगड़ा विरोध हो रहा था। संयुक्त किसान मोर्चा ने खट्टर की टिप्पणियों की निंदा की थी। किसान संगठनों के अलावा तमाम राजनीतिक दलों ने भी खट्टर के बयान की निंदा की थी।

बसपा अध्यक्ष मायावती ने खट्टर के बयान की निंदा करते हुए कहा था कि हरियाणा के सीएम खट्टर द्वारा आन्दोलित किसानों के प्रति लाठियों-डण्डों से जैसे को तैसा जवाब देकर जेल जाने व नेता बन जाने का भाजपा कार्यकर्ताओं को दिए गए भड़काऊ निर्देश का वीडियो वायरल, हिंसा बढ़ाने वाले सीएम के इस बयान की जितनी भी निन्दा व भर्त्सना की जाए वह कम है। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री द्वारा यूपी के लखीमपुर खीरी ज़िले में किसानों को दो मिनट में देख लेने की धमकी के बाद वहाँ कल हुई व्यापक हिंसा में 8 लोगों की मौत व इसी बीच हरियाणा के सीएम का ऐसा घिनौना बयान भाजपा सरकार की घोर जनविरोधी व तानाशाही प्रवृति को साबित करता है।

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्वीट करके खट्टर के बयान की निंदा की थी। उन्होंने कहा था- “भाजपा समर्थक लोगों को आंदोलनकारी किसानों पर लट्ठ से हमला करने, जेल जाने और वहां से नेता बनकर निकलने का आपका (खट्टर का) ये गुरुमंत्र कभी कामयाब नहीं होगा।”

उन्होंने आगे कहा, “संविधान की शपथ लेकर खुले कार्यक्रम में अराजकता फैलाने का ये आह्वान देशद्रोह है। मोदी -नड्डा जी की भी सहमति लगती है।”कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा, “अगर प्रदेश का मुख्यमंत्री ही हिंसा फैलाने, समाज को तोड़ने और क़ानून व्यवस्था को ख़त्म करने की बात करेंगे, तो प्रदेश में क़ानून और संविधान का शासन चल ही नहीं सकता।”

सुरजेवाला ने आगे कहा, “आज भाजपा के किसान विरोधी षड्यंत्र का भंडाफोड़ हो ही गया। ऐसी अराजक सरकार को चलता करने का समय आ गया है।” इंडियन नेशनल लोक दल के नेता अभय सिंह चौटाला ने आरोप लगाया था कि खट्टर ‘‘हिंसा की भाषा बोलकर’’राज्य में अराजकता फैलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ राजद्रोह का मामला दर्ज़ किया जाना चाहिए।’’

तिकोनिया जनसंहार का बीज बोने वाले मंत्री टेनी का बयान

लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने एक सभा के दौरान संबोधित करते हुये किसान आंदोलन कर रहे किसान नेताओं के ख़िलाफ़ बयान दिया। मंत्री टेनी ने कहा था कि ’10 या 15 आदमी वहां बैठे हैं, अगर हम उधर जाते तो भागने के लिए रास्ता नहीं मिलता।
अजय मिश्रा ने आगे धमकाते हुये कहा था कि— ‘हम आप को सुधार देंगे 2 मिनट के अंदर.. मैं केवल मंत्री नहीं हूं, सांसद विधायक नहीं हूं। सांसद बनने से पहले जो मेरे विषय में जानते होंगे उनको यह भी मालूम होगा कि मैं किसी चुनौती से भागता नहीं हूं और जिस दिन मैंने उस चुनौती को स्वीकार करके काम करना शुरू कर दिया उस दिन पलिया नहीं लखीमपुर तक छोड़ना पड़ जाएगा यह याद रखना’।

टेनी के इसी बयान के बाद किसानों में आक्रोश बढ़ गया। प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय सांसद विरोधी नारे लगाए।

कृषि कानून वापस नहीं लेने तक अपना आंदोलन जारी रखने की बात कही। इस बीच मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा का काफिला किसानों पर पीछे से गाड़ी चढ़ाते हुये ले गया जिसमें चार किसान और एक पत्रकार की मौत हो गयी थी।
(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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