उन्नाव रेप केसः बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को उम्र कैद

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उन्नाव रेप केस में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को उम्र कैद की सजा हुई है। दिल्ली की तीस हज़ारी अदालत ने यह सज़ा सुनाई है। सज़ा के मुताबिक कुलदीप सेंगर को पूरी जिंदगी जेल में काटनी होगी।

उसे आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की 5 सी और 6 धारा के तहत सज़ा सुनाई गई। अदालत ने उस पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसमें से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश कोर्ट ने दिया है। कुछ दिन पहले ही अदालत ने उसे अपहरण और बलात्कार के मामले में दोषी क़रार दिया था। इस मामले में सह अभियुक्त शशि सिंह को अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।

जून 2017 में कुलदीप पर एक युवती ने अपहरण और बलात्कार का आरोप लगाया था। पीड़िता सेंगर के घर नौकरी के लिए बात करने गई थी, तभी उसके साथ विधायक सेंगर ने रेप किया था। 2017 में जिस वक्त यह घटना हुई थी वह नाबालिग थी।

इस घटना का पता लोगों को तब चला जब पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह करने की कोशिश की। वरना सत्ता और सेंगर के रसूख के आगे पूरी व्यवस्था नतमस्तक थी। पीड़िता के परिवार ने कहा था कि बलात्कार के बाद विधायक और उसके साथियों ने पुलिस में शिकायत नहीं करने के लिए उन पर दबाव बनाया था। परिवार ने कहा था कि विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता के साथ मारपीट की थी और इसके बाद पुलिस हिरासत में पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी। मौत से पहले पीड़िता के पिता का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। वीडियो में उन्होंने कहा था कि विधायक के भाई और उसके गुर्गों ने उन्हें पीटा था।

बलात्कार के मामले की सुनवाई की पूरी रिकॉर्डिंग की गई और इस मामले में पीड़िता के पक्ष से कुल 13 गवाह पेश किए गए, जबकि बचाव पक्ष के नौ गवाहों ने बयान दर्ज कराए। पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए दिल्ली के एम्स अस्पताल में एक ख़ास अदालत बैठी थी।

उप्र की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। अदालत ने नौ अगस्त को विधायक और सिंह के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, बलात्कार और पॉक्सो कानून से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। कुलदीप सेंगर को 14 अप्रेल 2018 को गिरफ्तार किया गया था।

पीड़ित युवती की कार को 28 जुलाई को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। दुर्घटना में युवती की दो रिश्तेदार मारी गईं थीं। उसके बाद पीड़िता के परिवार ने षड्यंत्र होने के आरोप लगाए थे। इस हादसे के बाद उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में दर्ज सभी पांच मामलों को एक अगस्त को उत्तर प्रदेश में लखनऊ की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित किया था। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि रोजाना आधार पर सुनवाई की जाए और इसे 45 दिनों के अंदर पूरा किया जाए।

बता दें कि इस मामले में कुल पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसमें से एक पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। बाकी में अभी भी सुनवाई इसी कोर्ट में चल रही है, जिस में पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई मौत, सड़क दुर्घटना में उसके परिवार से मारे गई दो महिला और पीड़िता के साथ किए गए गैंग रेप और उसके चाचा के खिलाफ कथित रूप से झूठे मुकदमे दर्ज करने से जुड़े मामले शामिल हैं।

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