Thursday, April 18, 2024

वामपंथी दलों ने लिया अनुच्छेद 370 के खात्मे के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प

नई दिल्ली। वामपंथी दलों ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के विरोध में आज अपने राष्ट्रव्यापी विरोध कार्यक्रम के तहत दिल्ली में भी प्रदर्शन किया। इस मौके पर दलों ने एक मार्च निकाला जो दिल्ली के मंडी हाउस से जंतर मंतर तक गया। इस मार्च में दिल्ली के तमाम न्यायपसन्द, लोकतंत्र पसन्द लोगों व संगठनों के भी हिस्सा लिया। मार्च का नेतृत्व कामरेड दीपंकर के अलावा सीपीआई केमहासचिव डी राजा, सीपीएम की पोलित व्यूरो सदस्य बृंदा कारत, भाकपा (माले) पोलित व्यूरो सदस्य कविता कृष्णन आदि नेता कर रहे थे। इस मौके पर सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने सरकार के इस कदम की जमकर निंदा की।

 भकपा (माले) महासचिव कामरेड दीपंकर भट्टाचार्य कश्मीर में धारा 370/2-3, 35ए की बहाली और गिरफ्तार नेताओं की रिहाई के साथ कर्फ्यू हटाने की मांग की।

दिल्ली में मार्च।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।

केरल में ईवीएम के मॉक ड्रिल के दौरान बीजेपी को अतिरिक्त वोट की मछली चुनाव आयोग के गले में फंसी 

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग को केरल के कासरगोड में मॉक ड्रिल दौरान ईवीएम में खराबी के चलते भाजपा को गलत तरीके से मिले वोटों की जांच के निर्देश दिए हैं। मामले को प्रशांत भूषण ने उठाया, जिसपर कोर्ट ने विस्तार से सुनवाई की और भविष्य में ईवीएम के साथ किसी भी छेड़छाड़ को रोकने हेतु कदमों की जानकारी मांगी।

Related Articles

शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के बावजूद महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं

महाराष्ट्र की राजनीति में हालिया उथल-पुथल ने सामाजिक और राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। भाजपा ने अपने रणनीतिक आक्रामकता से सहयोगी दलों को सीमित किया और 2014 से महाराष्ट्र में प्रभुत्व स्थापित किया। लोकसभा व राज्य चुनावों में सफलता के बावजूद, रणनीतिक चातुर्य के चलते राज्य में राजनीतिक विभाजन बढ़ा है, जिससे पार्टियों की आंतरिक उलझनें और सामाजिक अस्थिरता अधिक गहरी हो गई है।

केरल में ईवीएम के मॉक ड्रिल के दौरान बीजेपी को अतिरिक्त वोट की मछली चुनाव आयोग के गले में फंसी 

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग को केरल के कासरगोड में मॉक ड्रिल दौरान ईवीएम में खराबी के चलते भाजपा को गलत तरीके से मिले वोटों की जांच के निर्देश दिए हैं। मामले को प्रशांत भूषण ने उठाया, जिसपर कोर्ट ने विस्तार से सुनवाई की और भविष्य में ईवीएम के साथ किसी भी छेड़छाड़ को रोकने हेतु कदमों की जानकारी मांगी।