पेगासस जासूसी कांड: ममता बनर्जी ने गठित की दो सदस्यीय न्यायिक जांच कमेटी

Estimated read time 2 min read

पेगासस जासूसी कांड में आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग की घोषणा की।  इस जांच आयोग में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज शामिल होंगे। ऐसा करने वाला बंगाल दूसरा राज्य है। इसके पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने जांच की घोषणा की थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को जासूसी कांड की जांच करने वाले आयोग का एलान किया। इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए जासूसी के मामले की जांच पश्चिम बंगाल का आयोग करेगा। जिसकी कमान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मदन बी लोकुर और पूर्व चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्‌टाचार्य को सौंपी गई है।

बता दें कि पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए आयोग के गठन का फैसला ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई विशेष कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा, “हम चाहते थे कि पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए केंद्र आयोग बनाए, लेकिन केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धर कर बैठी है, इसलिए हमने इस मामले की पड़ताल के लिए जांच आयोग गठित कर दिया। दो सदस्यों वाले इस पैनल की अध्यक्षता कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य करेंगे। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मदन भीमराव लोकुर भी इस पैनल में शामिल होंगे।”

पत्रकारों से ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल पहला राज्य बन गया है, जो जासूसी कांड की जांच करेगा। हमें उम्मीद थी कि केंद्र इस मामले में कोई सख्त कार्रवाई करेगा या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इजराइली सॉफ्टवेयर के जरिए नागरिकों से लेकर न्यायपालिका तक को सर्विलांस पर रखा गया। बंगाल के लोगों के नाम पेगासस की टारगेट लिस्ट में मिले हैं। केंद्र सरकार सबकी जासूसी करना चाहती है। आयोग इस अवैध हैकिंग के बारे में पता लगाएगा।”

गौरतलब है ममता बनर्जी उनके भतीजे और टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम भी उन संभावितों की सूची में आया है, जिनका फोन पेगासस स्पाइवेयर से हैक किया गया है। सूची में कई मौजूदा मंत्रियों, नेताओं और पत्रकारों के नाम होने का दावा किया गया है। 

4 सदस्यीय कमेटी का गठन

इससे पहले 21 जुलाई को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार के अपर मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी बनायी थी। इस कमेटी में पुलिस महानिदेशक, आईजी इंटेलिंजेंस और जनसंपर्क आयुक्त शामिल हैं।

जांच कमेटी का एलान करते हुये मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल ने पत्रकारों से पेगासस जासूसी मामले  में कहा था कि उन्हें जानकारी मिली थी कि पेगासस कंपनी के लोग यहां आए हुए थे और कुछ लोगों से संपर्क किया था। हम लोगों ने इसकी जांच कमेटी गठित की है और यह बात तो निश्चित है कि वह लोग आए थे, लेकिन किससे मिले? क्या बात हुई? क्या डील हुई? इसकी जानकारी अभी नहीं हो पा रही है? इसको रमन सिंह को बताना चाहिए कि कौन है? किससे मिले? क्या डील हुई?

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि भारत सरकार को यह बताना चाहिए कि इस मामले में किससे डील हुई? कितने की डील हुई? मंत्रियों की जासूसी करा रहे हैं, पत्रकारों की जासूसी कराए, सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी कराए। आखिर जासूसी कराने का उद्देश्य क्या था? जासूसी कराने का पूरे देश को जानने का हक है कि आखिर उससे डील हुई कि नहीं हुई?

बता दें कि पेगासस साफ्टवेयर के जरिए जासूसी मामले में छत्तीसगढ़ से भी चार से अधिक नाम सामने आये हैं। जिनमें बस्तर के कार्यकर्ता शुभ्रांशु चौधरी, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कार्य करने वाली बेला भाटिया, और छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन समिति के आलोक शुक्ला सहित अन्य का नाम शामिल है।

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author