संसद के भीतर आक्सीजन की कमी से एक भी कोरोना मरीज की मौत न होने का सरकार का बयान सुनकर पूरा देश सन्न है। यह सुनकर लोगों के जेहन में गुजरे दो महीनों के भयावह दौर की न केवल पीड़ा उभर आयी बल्कि सरकार किस स्तर तक निर्लज्ज और संवेदनहीन हो सकती है यह बात भी समझ में आ गयी। सरकार एक ऐसे मुद्दे पर जिसको जनता ने खुद भुगता है, संसद के भीतर सरेआम झूठ बोल रही है। यह घटना बताती है कि अब सरकार से किसी सच की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। कोरोना पर राज्यसभा के भीतर चर्चा के दौरान आरजेडी के सांसद मनोज कुमार झा ने एक बार फिर अपने भाषण से सत्ता पक्ष के जमीर को जगाने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि मसला सिर्फ मौतों के आंकड़ों का नहीं है। वह सत्ता नहीं बताएगी तो ऐसा नहीं है कि लोग उसे नहीं जानते हैं। सदन से लेकर सड़क पर मौजूद हर शख्स ने उन स्थितियों को झेला है और अपनी ताकत भर उसका मुकाबला किया है। लोगों के दिलो-दिमाग पर वह एक ऐसी अमिट लकीर बन गयी है जिसे किसी के लिए अपने जीवन में भुला पाना मुश्किल है। मसला यह है कि जो लोग चले गए हम उन्हें गिनती में शामिल करने लायक भी नहीं समझते। इससे बड़ी त्रासदी और क्या हो सकती है। इस बात के लिए मैं उन सभी मृत आत्माओं से माफी मांगता हूं। पेश है राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा का पूरा भाषण: