Tuesday, March 19, 2024

देश भर में जले रावण के रूप में मोदी और कुंभकर्ण के तौर पर अमित शाह के पुतले

दशहरा के दिन देश के हिंदी पट्टी में रावण के पुतले जलाये जाते हैं। अबकी बार किसानों ने निर्णय लिया कि दशहरा पर नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, मनोहर लाल खट्टर के पुतले जलाये बावजूद इसके कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 14 अक्टूबर को अपना निर्णय बदलकर दशहरा के बजाय दशहरा के अगले दिन यानि 16 अक्टूबर को पुतला जलाने का दिन नियत किया।

हालांकि मोदी और कार्पोरेट अडानी और अंबानी का पुतला किसानों ने पिछले साल भी दशहरा के दिन ही जलाया था। अबकी बार ये सिलसिला दूर दराज के छोटे-छोटे गांवों तक पहुंच गया। किसान आंदोलन ने ये जनचेतना विकसित कर दी है कि मोदी शाह की जोड़ी फासीवाद और लुटेरे कार्पोरेट के प्रतिनिधि हैं। किसानों ने मोदी शाह का पुतला फूंककर एक साथ कार्पोरेट और फ़ासीवाद दोनों की चिता जलायी है।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज नवाबगंज चौराहा जनपद  फर्रुखाबाद में प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा का पुतला दहन के दौरान किसानों और यूपी पुलिस के बीच नोकझोंक हुई।

हरियाणा के खटकड़ टोल पर मोदी का 70 फ़ीट ऊँचा पुतला बनाकर किसानों द्वारा विरोध के तौर पर अग्निभेंट किया गया। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड आदि राज्यों के अंबाला, भटिंडा, होशियार पुर जयपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, इटावा, लखनऊ, उज्जैन, भोपाल, जबलपुर, आदि शहरों के साथ-साथ दूर दराज के गांवों में भी किसानों ने नरेंद्र मोदी, अमित शाह, आरएसएस चीफ मोहन भागवत और कार्पोरेट अडानी, अंबानी के पुतले फासीवाद, पूंजीवाद महंगाई, भ्रष्टाचार आदि के प्रतीक के तौर पर फूंके।

संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को दशहरे के अवसर पर जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनेक-सिर वाला रावण जैसा पुतला जलाया जिसके अन्य चेहरों में गृह मंत्री अमित शाह और अन्य के फोटो भी लगे थे।

पुतले के अनेक चेहरों पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के अलावा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मोहन लाल खट्टर और व्यवसायी मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के फोटो लगाए गए थे।

पुतले पर हिंदी में ‘मैं नरेंद्र दामोदरदास मोदी हूं, मैं किसान विरोधी हूं’ जैसी लाइनें भी लिखीं थीं। मोर्चा के कार्यकर्ता हाथरोई में स्वामी कुमारानंद भवन में इकट्ठे हुए। वहां से उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा और केंद्र द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों के विरोध में प्रधानमंत्री मोदी और अन्य के खिलाफ नारे लगाते हुए गवर्नमेंट हास्टल के पास शहीद स्मारक की ओर मार्च निकाला।

संयुक्त किसान मोर्चा के राज्य संयुक्त सचिव संजय माधव ने कहा,’ बुराई पर अच्छाई की जीत के त्योहार की भावना को ध्यान में रखते हुए हमने भाजपा, आरएसएस, प्रधानमंत्री मोदी और अन्य को बुराई के प्रतीक के रूप में उनका पुतला जलाया। केंद्र सरकार सभी लोकतांत्रिक मूल्यों को भूल गई है और चुनिंदा व्यापारियों के हित में और किसानों के खिलाफ काम कर रही है।’ उन्होंने कहा कि मोर्चे के राष्ट्रीय आह्वान के तहत यहां पुतला दहन किया गया।

रावण के रूप में मोदी और कुंभकर्ण के रूप में अमित शाह का पुतला जलाया

संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान पर गांधी प्रतिमा, बालसन चौराहें पर शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से कोविड दिशा निर्देश का पालन रावण के रूप में नरेन्द्र मोदी व कुम्भकर्ण के रूप अमित शाह का पुतला जलाया गया, पुतला दहन के बाद गांधी प्रतिमा पर नुक्कड़ सभा की गई, सभा में वक्ताओं ने संयुक्त रूप से कहा कि लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर 2021 को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे द्वारा गाड़ी से कुचलकर चार किसान व एक पत्रकार सहित नौ लोगों की निर्ममता पूर्वक की गई हत्या भारतीय संविधान और लोकतंत्र की हत्या है।

पुतला दहन के बाद वक्ताओं ने कहा कि अब यह स्प्ष्ट हो गया है कि योगी-मोदी की फ़ासीवादी तानाशाही ने भारतीय संविधान और लोकतंत्र को पूरी तरह से ख़त्म कर दिया है, किसानों की ऐसी निर्मम हत्या तो अंग्रेजों ने भी नहीं की थी, मोदी सरकार जब तीनों काले कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ नई दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को दबा नहीं पा रही है तो अब किसानों को गाड़ियों से कुचलकर उनकी हत्या कर रही है, भगत सिंह के वारिस डॉ भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान पर चलते हुए किसानों की शहादत की भावना योगी- मोदी की तानाशाही को खत्म कर देगी।

वक्ताओं ने कहा किसानों का आंदोलन भारत के आम आदमी की रोजी-रोटी बचाने की लड़ाई है इसमें किसानों, मजदूरों, छात्रों, नौजवानों की भागीदारी सुनिश्चित करने की हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। छात्र, किसान, मजदूर, किसान, नौजवान मिलकर ही भारत के संविधान और लोकतंत्र को बचाएंगे, आज असत्य पर सत्य की जीत दशहरे के दिन रावण के रूप में नरेंद्र मोदी और कुंभकर्ण के रूप में अमित शाह का पुतला जलाया गया। पुतला दहन के बाद लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों की याद में दो मिनट का मौन रखकर शहीद किसानों को विनम्र श्रद्धांजलि दी गई, पुतला दहन के बाद नुक्कड़ सभा की गई।

इलाहाबाद व कौशांबी में कई गांव में आज पुलिस के बावजूद पुतला दहन

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के नेतृत्व में कल प्रयागराज व कौशाम्बी के कई गाँवों में सरकार की जन विरोधी नीतियों का पुतला दहन किया गया।

सभी गाँवों में खेती के तीन काले कानून, नया बिजली बिल 2021, 24 जून 2019 का बोट से खनन रोकने का आदेश, पहाड़ में क्रेशर व लोडर से पर्यावरण की बर्बादी, कारपोरेट लूट, माफिया लूट एवं रसोई गैस, पेट्रोल, खाद, डीजल की मंहगाई का पुतला दहन किया गया।

नदी किनारे के गाँव, बीकर, लवायन, जलालपुर, खुर्द, मैनापुर, अमिलिया आदि मे 24 जून 2019 बोट से खनन रोकने का आदेश पर विशेष जोर रहा।

बीकर में पुतला दहन के दौरान पुलिष के द्वारा पुतले को छीना झपटी के दौरान एक कांस्टेबल ने महिलाओं पर हाथ लगा दिया जिससे महिलाओं मे आक्रोष आ गया और पुलिष की गाड़ी को घेर लिया। जब एसओ ने पुलिस की तरफ से माफी मांगी तो महिलाओं का गुस्सा शांत हुआ।

पहाड़ के गाँव, ओडगी, गन्ने व दुबहा आदि में क्रेशर व लोडर का पुतला दहन प्रमुख रहा।

इसके अलावा जारी, उजिहिनी, रेही, कुल्हाड़िया आदि करीब 15 गाँव में पुतला दहन का कार्यक्रम किया गया। जिस तरह से मोदी-योगी की सरकार जनता के रोजगार को छीनकर मंहगाई बढ़ा रही है। उसमें एक ओर वह जनता को निराश्रित छोड़ रही है और दूसरी ओर कह रही है कि उसने जनता को आत्मनिर्भर बना दिया है।

राजस्थान विश्वविद्यालय में फूंका पीएम मोदी का रावण जैसा पुतला

राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर में जलाए गए पुतले में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और अन्य के चेहरे थे। शुक्रवार को दशहरे के अवसर पर राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर में रावण जैसा पुतला जलाया, जो केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहा है। इस पुतले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य मंत्रियों के चेहरे भी थे। कार्यकर्ताओं ने महंगाई और ईंधन की कीमतों में बढ़ोत्तरी के चलते इन चेहरों को लगाया था।

वहीं सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर कल और आज हैशटैग “#आज_का_रावण_नरेंद्र_मोदी” ट्रेंड किया।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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