Saturday, April 20, 2024

नागरिकता कानून पर चेन्नई से लेकर आक्सफोर्ड तक गरम, विपक्ष ने खटखटाया पहले नागरिक का दरवाजा

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आग देश से बाहर निकल कर आक्सफोर्ड तक पहुंच गयी है। जहां भारी तादाद में छात्र-छात्राओं ने एकजुट होकर भारत के विभिन्न परिसरों में आंदोलनरत छात्रों के साथ खड़े होने का संकल्प लिया।

इस बीच, देश में विपक्षी दलों के तमाम शीर्ष नेताओं ने राष्ट्रपति से मिलकर उनसे सीएए को वापस लेने की मांग की। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर लोगों की आवाज बंद करने की कोशिश का आरोप लगाया। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने मंसूबों में सफल नहीं होगी।

आंदोलन के मोर्चे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज फिर सबसे आगे रहीं। उन्होंने आज फिर कोलकाता की सड़कों पर निकल कर संसद से पारित नये कानून का विरोध किया। उनके साथ भारी तादाद में लोग चल रहे थे। उन्होंने कहा कि वह देश के विभिन्न परिसरों में चल रहे छात्रों के आंदोलन के साथ खड़ी हैं।

दिल्ली एक बार फिर सीएए के खिलाफ आंदोलन का सबसे बड़ा केंद्र बनी रही। जामिया के बाद इस आंदोलन ने आज उत्तर-पूर्वी दिल्ली में स्थित सीलमपुर को भी अपनी चपेट में ले लिया। यहां सुबह ही हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर गए। कोई संगठित नेतृत्व न होने के चलते कुछ तोड़फोड़ हुई और फिर पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गयी। जिसमें तकरीबन 21 लोग घायल हुए हैं। पुलिसकर्मी भी इसमें शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में भी लिया है।

उधर जामिया में आज फिर आंदोलन जारी रहा। भारी तादाद में छात्रों का परिसर के बाहर सड़क पर जमावड़ा हुआ और उन्होंने एक सुर में नये कानून का विरोध किया। उनका कहना था कि पुलिस का कहर उनके हौसले को नहीं तोड़ सकता है। और कानून के वापस होने तक विरोध का यह सिलसिला जारी रहेगा। और वे किसी भी कीमत पर उससे पीछे नहीं लौटने वाले हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय में आज फिर छात्रों ने विरोध किया। शाम को भारी तादाद में छात्रों ने परिसर में मशाल जुलूस निकाला। छात्रों की इस एकजुटता के कारण उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। आपको बता दें कि कल उनके प्रदर्शन के दौरान न केवल दिल्ली पुलिस गलत तरीके से पेश आयी थी बल्कि उसकी शह पर विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने प्रदर्शनकारियों के साथ बेहद बुरा व्यवहार किया था।

इस बीच, एम्स, लेडी हार्डिंग और सफदजंग के छात्रों ने खुला पत्र लिखकर जामिया और एएमयू के छात्रों के साथ एकजुटता जाहिर की है। दक्षिण में बंगलुरू, हैदराबाद, केरल के बाद अब चेन्नई भी गरम हो गया है। आज मद्रास विश्वविद्यालय में भारी तादाद में छात्रों ने इस काले कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। चेन्नई पुलिस यहां भी परिसर में घुसकर छात्रों के प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट: रोजी-रोटी, भूख, सड़क और बिजली-पानी राजनांदगांव के अहम मुद्दे, भूपेश बघेल पड़ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी पर भारी

राजनांदगांव की लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय के बीच मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। मतदाता सड़क, पानी, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं, जबकि युवा बेरोजगारी और रोजगार वादों की असफलता से नाराज हैं। ग्रामीण विकासपरक कार्यों के अभाव पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।

Related Articles

अपरेंटिसशिप गारंटी योजना भारतीय युवाओं के लिए वाकई गेम-चेंजर साबित होने जा रही है

भारत में पिछले चार दशकों से उठाए जा रहे मुद्दों में बेरोजगारी 2024 में प्रमुख समस्या के रूप में सबकी नजरों में है। विपक्षी दल कांग्रेस युवाओं के रोजगार पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वहीं भाजपा के संकल्प पत्र में ठोस नीतिगत घोषणाएँ नहीं हैं। कांग्रेस हर शिक्षित बेरोजगार युवा को एक वर्ष की अपरेंटिसशिप और 1 लाख रूपये प्रदान करने का प्रस्ताव रख रही है।

ग्राउंड रिपोर्ट: रोजी-रोटी, भूख, सड़क और बिजली-पानी राजनांदगांव के अहम मुद्दे, भूपेश बघेल पड़ रहे हैं बीजेपी प्रत्याशी पर भारी

राजनांदगांव की लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में पूर्व सीएम भूपेश बघेल और वर्तमान सांसद संतोष पांडेय के बीच मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है। मतदाता सड़क, पानी, स्वास्थ्य, महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों को प्रमुखता दे रहे हैं, जबकि युवा बेरोजगारी और रोजगार वादों की असफलता से नाराज हैं। ग्रामीण विकासपरक कार्यों के अभाव पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।

वामपंथी हिंसा बनाम राजकीय हिंसा

सुरक्षाबलों ने बस्तर में 29 माओवादियों को मुठभेड़ में मारे जाने का दावा किया है। चुनाव से पहले हुई इस घटना में एक जवान घायल हुआ। इस क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माओवादी वोटिंग का बहिष्कार कर रहे हैं और हमले करते रहे हैं। सरकार आदिवासी समूहों पर माओवादी का लेबल लगा उन पर अत्याचार कर रही है।