नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर में दर्ज 49 नामचीन शख्सियतों के खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे को पुलिस ने वापस ले लिया है। गौरतलब है कि इन सभी लोगों ने मॉब लिंचिंग के खिलाफ पीएम मोदी को पत्र लिखा था।
जिसके बाद इसके खिलाफ मुजफ्फरपुर की स्थानीय अदालत में एक वकील ने केस कर दिया था। उसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने इन सभी के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया था। इसको लेकर पूरे देश में हंगामा खड़ा हो गया था।
मुजफ्फरपुर के एसएसपी मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि केस को बंद करने के लिए उन्होंने आदेश जारी कर दिया है। जैसा कि पता चला है कि आरोपियों के खिलाफ लगाए आऱोपों में कोई दम नहीं है और उसके पीछे मंशा भी शरारतपूर्ण थी।
केस को बिल्कुल झूठा करार देते हुए पुलिस के प्रवक्ता जितेंद्र कुमार ने एनडीटीवी को बताया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
कुमार ने बताया कि “एसएसपी ने केस को समाप्त कर बगैर किसी कारण के झूठा केस दर्ज कराने के लिए शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। जांच करने वाले अफसर स्थानीय कोर्ट में एक या दो दिन में फाइनल रिपोर्ट फाइल कर देगा।”
अक्तूबर को 50 शख्सियतों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी थी। इसमें रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम, अदूर गोपालकृष्णन और अपर्णा सेन शामिल हैं। इन सभी ने पीएम मोदी को लिंचिंग और और सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ पत्र लिखा था। इस घटना के विरोध में सैकड़ों की तादाद में दूसरे लोगों ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखा। कल तक यह संख्या बढ़ कर 1389 हो गयी थी।
हाल में जिन लोगों ने पत्र लिखा है उसमें अरुंधति राय, प्रताप भानु मेहता, असगर वजाहत, पंकज बिष्ट, कलाकार अतुल डोडिया, जर्नलिस्ट हरीश खरे आदि शामिल थे।
This post was last modified on October 9, 2019 11:23 pm