हेग। सीएए के खिलाफ विदेशों में बसे भारतीय नागरिकों के प्रदर्शन का सिलसिला लगातार जारी है। नीदलैंड्स में भी पिछले दस दिनों के भीतर इस तरह के पांच प्रदर्शन हो चुके हैं। इसका पांचवां प्रदर्शन 30 दिसंबर सोमवार को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के हेड क्वार्टर हेग के सामने हुआ। इससे पहले हेग, अमस्टर्डम और ख्रोनिंगन में प्रदर्शन आयोजित किए गए थे।

स्थानीय समय के अनुसार सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक चले इस विरोध प्रदर्शन में बेहद सर्द मौसम के बावजूद प्रदर्शनकारी डटे रहे और “इंक़लाब ज़िन्दाबाद”, “सुन रहा है -आईसीजे, पेशी होगी – आईसीजे”, “लेके रहेंगे आज़ादी- सीएए से आज़ादी-एनआरसी से आज़ादी” जैसे नारे लगाते रहे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वे सीएए का विरोध कर रहे भारतीय छात्रों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए एकत्रित हुए हैं। उनके अनुसार अधिकतर लोग एक-दूसरे से पूर्व-परिचित नहीं हैं, बहुत सारे इस से पहले किसी भी प्रकार के प्रदर्शन या आंदोलन में शामिल नहीं रहे, मगर धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक समानता के संवैधानिक मूल्य पर आघात करने वाले इस क़ानून के ख़िलाफ़ उन्होंने आवाज़ उठाना ज़रूरी समझा।

प्रदर्शनकारियों के अनुसार इस क़ानून के ख़िलाफ़ होने वाले प्रदर्शनों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई क्षुब्ध करने वाली है और भारत सरकार द्वारा किए जा रहे मानवाधिकार उल्लंघन का अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष पर्दाफाश करने की वे कोशिश कर रहे हैं।
(एमस्टर्डम से प्रतिमा दीक्षित की रिपोर्ट।)
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