Tuesday, April 16, 2024

ओमिक्रॉन शायद अधिकांश देशों में फैल चुका है: डब्ल्यूएचओ

“ओमिक्रॉन उस दर से फैल रहा है जिसे हमने किसी पिछले संस्करण के साथ नहीं देखा है। हम चिंतित हैं कि लोग ओमिक्रॉन को हल्के में लेते हुए उसे ख़ारिज़ कर रहे हैं … भले ही ओमिक्रॉन कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है, संक्रमितों की भारी संख्या एक बार फिर से बिना तैयार स्वास्थ्य प्रणालियों को प्रभावित कर सकती है। 77 देशों ने अब ओमिक्रॉन के मामले दर्ज़ किए हैं, वास्तविकता यह है कि ओमिक्रॉन शायद अधिकांश देशों में फैल चुका है, भले ही इसका अभी तक पता नहीं चला है।”- दुनिया को आगाह करने वाली उपरोक्त बातें कल एक प्रेस कांफ्रेंस में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्रेएसस ने कहा है। 

मंगलवार को, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्रेएसस ने कोविड-19 पर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान आगाह करते हुए कहा कि 77 देशों ने अब ओमिक्रॉन के मामलों की सूचना दी है, वास्तविकता यह है कि ओमिइक्रॉन शायद अधिकांश देशों में है, भले ही उन्होंने सूचित न किया हो। 

टेड्रोस ने आगे कहा, “ओमिक्रॉन उस दर से फैल रहा है जिसे हमने किसी पिछले संस्करण के साथ नहीं देखा है। हम चिंतित हैं कि लोग ओमिक्रॉन को हल्के में लेते हुए उसे ख़ारिज़ कर रहे हैं … भले ही ओमिक्रॉन कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है, मामलों की भारी संख्या एक बार फिर से बिना तैयार स्वास्थ्य प्रणालियों को प्रभावित कर सकती है। 

बूस्टर डोज से वैक्सीन की जमाखोरी बढ़ेगी 

बूस्टर डोज के बारे में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा, ‘मैं फिर से स्पष्ट कर दूं कि डब्ल्यूएचओ बूस्टर डोज के खिलाफ नहीं है। हम असमानता के ख़िलाफ़ हैं। हमारी मुख्य चिंता हर जगह लोगों की जान बचाना है। 

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ को इस बात की चिंता है कि इस तरह के कार्यक्रम कोविड वैक्सीन जमाखोरी को दोहराएंगे जो हमने इस साल देखी है, और इससे असमानता बढ़ेगी”।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के डीजी डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्रेएसस ने कहा, WHO को इस बात की चिंता है कि इस तरह के कार्यक्रम COVID19 वैक्सीन जमाखोरी को दोहराएंगे, जो हमने इस साल देखी थी, और असमानता को बढ़ाएगी। यह स्पष्ट है कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, बूस्टर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो गंभीर बीमारी से मृत्यु के उच्चतम जोखिम में हैं।

WHO ने कहा है कि “वर्तमान उपलब्ध आंकड़ों को देखते हुए ये संभावना है कि ओमिक्रॉन डेल्टा वेरिएंट से आगे निकल जाएगा। डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन वैरियंट पर नवीनतम तकनीकी ब्रीफिंग में कहा है कि वर्तमान सीमित साक्ष्यों के आधार पर, ऐसा प्रतीत होता है कि नए वैरिएंट को डेल्टा वैरिएंट पर पर ग्रोथ एडवांटेज मिला है।

डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा कि-“संभावना है कि जहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन होता है, वहां ओमिक्रॉन वैरियंट डेल्टा वैरिएंट से आगे निकल जाएगा। हालांकि अभी भी सीमित डेटा है… जबकि दक्षिण अफ्रीका के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि यह डेल्टा की तुलना में कम गंभीर हो सकता है, और यूरोपीय संघ/ईईए में अब तक रिपोर्ट किए गए सभी मामले हल्के या माइल्ड हैं, यह स्पष्ट नहीं है कि ओमिक्रॉन किस हद तक स्वाभाविक रूप से कम विषैला हो सकता है”। 

बेअसर हो सकती हैं हमारी वैक्सीन

नीति आयोग के सदस्य व कोविड कार्यबल के प्रमुख वी के पॉल ने कल मंगलवार को उद्योग संगठन सीआईआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत में कोविड-19 महामारी, स्थानिकता की दिशा में बढ़ रही है, जहां कम और मध्यम स्तर का संक्रमण जारी है। 

उन्होंने कहा, ‘संभावित परिदृश्य है कि उभरती परिस्थितियों में हमारे टीके अप्रभावी हो सकते हैं। ओमिक्रॉन के सामने आने के बीच पिछले तीन सप्ताह में, हमने देखा कि किस तरह कई तरह के संदेह सामने आए, जिनमें से कुछ वास्तविक भी हो सकते हैं, अब भी हमारे समाने अंतिम तस्वीर नहीं है। इसलिए, हमारे लिए यह आवश्यक है कि हमें त्वरित अनुकूलनीय टीका मंच होने को लेकर सुनिश्चित होना चाहिए। हमें ऐसी स्थिति के लिए खुद को तैयार रखना होगा, जहां हम बदलती परिस्थिति के अनुसार टीके में सुधार कर सकें। ऐसा हर तीन महीने में नहीं किया जा सकता हालांकि, ऐसा हर साल करना संभव हो सकता है’। 

गौरतलब है कि वर्तमान में, कोविशील्ड , कोवैक्सिन और स्पुतनिक-V के टीके भारत में लगाए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कल बताया कि भारत का कुल COVID-19 टीकाकरण कवरेज 134 करोड़ से अधिक हो गया है।

भारत में ओमिक्रोन के 61 केस 

भारत में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के अबतक 61 केस दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के सबसे ज्यादा 28 मामले मिले हैं। दिल्ली में ओमिक्रॉन के 6 केस मिले हैं। राजस्थान में 17 और गुजरात में 4 मामले मिले हैं। 

देश के किस राज्य में ओमिक्रोन के वैक्सीन ले चुके लोगों को भी ओमिक्रॉन का संक्रमण

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को कहा कि राज्य में ओमिक्रॉन स्वरूप के आठ नए मामले दर्ज किए गए और इनमें से किसी भी मरीज ने हाल में विदेश यात्रा नहीं की है। स्वास्थ्य विभाग ने एक बुलेटिन में बताया कि नए मामलों के साथ ही सार्स-सीओवी-2 के नए स्वरूप से संक्रमित होने वालों की संख्या राज्य में बढ़कर 28 हो गई है। इनमें से सात मामले मुंबई में सामने आए हैं और संक्रमितों में तीन महिलाएं शामिल हैं। 

स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया, ‘पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) द्वारा आज दी गई रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में आठ और मरीज ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए गए। इनमें से सात मरीज मुंबई के हैं और एक मरीज वसई-विरार का है। इसमें कहा गया कि इन आठ लोगों में सात को कोविड-19 रोधी टीका लग चुका है और उनके नमूने दिसंबर के पहले हफ्ते में जांच के वास्ते लिए गए। विभाग ने बताया कि सभी संक्रमित 24 से 41 आयु के हैं। इसने बताया कि आठ में से तीन में लक्षण नहीं दिख रहे हैं, जबकि पांच में संक्रमण के हल्के लक्षण हैं। बुलेटिन में कहा गया, ‘प्रारंभिक सूचना के मुताबिक, इनमें से कोई भी दूसरे देश से नहीं लौटा है।’ इसमें कहा गया है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों में से एक ने बेंगलुरु की यात्रा की थी, जबकि अन्य ने नई दिल्ली का दौरा किया था।

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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