नई दिल्ली। किसानों का रेला बुधवार को शंभू और खनौरी सीमा से दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़कर उन्हें पीछे हटने को मजबूर कर दिया। पुलिस के बल प्रयोग से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और कई किसान घायल हो गए है। पाट्रान अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के अनुसार, प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि प्रदर्शनकारी की खनौरी सीमा पर सिर में चोट लगने से मौत हुई है।
किसी प्रदर्शनकारी के मौत पर पहले हरियाणा पुलिस मना करती रही। लेकिन बाद में एक युवक के मरने की पुष्टि हुई। खनौरी बॉर्डर पर मरने वाले प्रदर्शनकारी की पहचान शुभकरण सिंह के रूप में हुई है। उसकी उम्र करीब 23 साल थी। वह बठिंडा जिले के बल्लो गांव के चरणजीत सिंह का बेटा है और उसकी दो बहनें हैं। किसानों का कहना है कि शुभकरण की मौत पुलिस की लाठी से हुई है।
वहीं हरियाणा पुलिस का कहना है कि खनौरी सीमा पर प्रदर्शनकारियों द्वारा लाठियों, पत्थरों से किए गए हमले में लगभग 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। हरियाणा पुलिस का आरोप है कि खनौरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों ने पराली में मिर्च पाउडर डालकर पुलिस को चारों तरफ से घेर लिया, पथराव करने के साथ ही लाठी-डंडों से पुलिसकर्मियों पर हमला किया। जिसमें करीब 12 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।
आंसू गैस के गोले, लाठीचार्ज और कथित तौर पर पत्थरबाजी के बीच केंद्र सरकार औऱ किसानों के बीच बातचीत भी होने की चर्चा है। कहा जा रहा है कि किसान नेताओं और केंद्र सरकार के अधिकारियों के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई। लेकिन इस बातचीत का कोई अर्थ नहीं निकला है। दरअसल, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर प्रधानमंत्री या गृह मंत्री द्वारा एमएसपी कानून पर एक बयान देने पर जोर दे रहे हैं। लेकिन अधिकारियों की तरफ से उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला।
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसान अपने ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर बठिंडा-डबवाली बॉर्डर पर इकट्ठा होने लगे हैं।
पटियाला रेंज के डीआइजी एचएस भुल्लर ने बुधवार को कहा कि जब किसानों ने शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया तो हरियाणा पुलिस ने बिना किसी उकसावे के 14 आंसू गैस के गोले दागे। भुल्लर ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने हरियाणा पुलिस के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराया है। इस बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को एक बार फिर किसान नेताओं को एमएसपी मुद्दे पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा, “चौथे दौर के बाद सरकार पांचवें दौर में एमएसपी मांग, फसल विविधीकरण, पराली मुद्दा, एफआईआर जैसे सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।”
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि “हम आगे गए, सरकार ने हमें बातचीत का न्यौता दिया। लेकिन सरकार हमारे खिलाफ प्रचार करती है, अफवाह फैलाती है। उन्होंने कहा कि किसान का दावा है एक 23 साल के बच्चे की मौत हो गई है। दिल्ली बाद में चले जाएंगे, पहली हमारी जिम्मेदारी उस बच्चे के प्रति है, जो शहीद हो गया है।”
खबरों के मुताबिक फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसानों ने घोषणा की थी कि वे बुधवार सुबह 11 बजे अपना विरोध फिर से शुरू करेंगे, क्योंकि सरकार के साथ उनकी चौथे दौर की वार्ता इस मुद्दे को हल करने में विफल रही।
जैसे ही उनमें से कुछ ने हरियाणा के अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर बहुस्तरीय बैरिकेड्स की ओर बढ़ने की कोशिश की, पुलिस ने आंसू गैस छोड़कर उन्हें तितर-बितर कर दिया।
शंभू बॉर्डर में विरोध स्थल पर एक ड्रोन भी देखा गया। ऐसी ही स्थिति पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में देखी गई जब किसानों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने बैरिकेड की ओर बढ़ने पर कई राउंड आंसू गैस छोड़ी।
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने कहा कि सभी 23 फसलों के लिए एमएसपी के माध्यम से फसलों की गारंटीकृत खरीद सुनिश्चित करने वाले कानून बनाने के लिए संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। उन्होंने आज दोपहर जारी एक बयान में कहा, किसान प्रदर्शनकारी किसानों की लोकतांत्रिक आवाज को दबाने के लिए केंद्र सरकार के आक्रामक कदमों को खारिज करते हुए चल रहे संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की मांग करते हैं।
(जनचौक की रिपोर्ट।)
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