Saturday, March 25, 2023

हिंदू देवता में आस्था रखने वाले किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति को भी मंदिर में प्रेवश से नहीं रोका जा सकता: मद्रास हाईकोर्ट

जेपी सिंह
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मद्रास हाईकोर्ट ने धार्मिक असहिष्णुता के वर्तमान माहौल में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है जिसमें कहा गया है कि किसी अन्य धर्म का व्यक्ति यदि उस हिंदू देवता में आस्था रखता है तो उसे मंदिर में प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता। यह सामान्य ज्ञान की बात है कि जन्म से एक ईसाई डॉ केजे येसुदास के भक्ति गीत विभिन्न हिंदू भगवानों के मंदिरों में बिना किसी रोक के बजाए जाते हैं। वास्तव में नागौर दरगाह और वैलंकन्नी चर्च में हिंदू जाते हैं।

मद्रास हाईकोर्ट ने थिरुवट्टर में अरुल्मिघू आदिकेशव पेरुमल थिरुकोविल के कुंभबीशेगम उत्सव में गैर-हिंदुओं को भाग लेने की अनुमति नहीं देने का निर्देश देने की मांग करने वाले एक याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई और कहा कि किसी भी धर्म से संबंधित व्यक्ति को मंदिर में प्रवेश करने से न तो रोका जाना चाहिए और न ही उसके प्रवेश पर रोक लगाई जानी चाहिए।

याचिका एक सी. सोमन द्वारा कुंभबीशेगम उत्सव के आयोजन के लिए प्रसारित एक निमंत्रण के विरोध में दायर की गई थी जिसमें एक मंत्री के नाम का भी उल्लेख है जो एक ईसाई है।

जस्टिस पीएन प्रकाश और जस्टिस आर हेमलता ने इस मुद्दे पर व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए विचार किया। अदालत ने यहां तक ​​कि मंदिरों में जन्म से ईसाई डॉ. केजे येसुदास द्वारा गाए गए गीतों का उदाहरण दिया और बताया कि कैसे हिंदू उपासक नियमित रूप से वेलंकन्नी चर्च और नागौर दरगाह जाते हैं।

खंडपीठ ने यह भी बताया कि जब किसी मंदिर के कुंभाभिषेघम जैसा सार्वजनिक समारोह किया जाता है तो अधिकारियों के लिए मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने के लिए प्रत्येक व्यक्ति की धार्मिक पहचान की जांच करना असंभव होगा। इस प्रकार अदालत ने याचिका को योग्यता से रहित बताते हुए खारिज कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि हमारी सुविचारित राय में जब किसी मंदिर के कुमाबाभिषेगम जैसा सार्वजनिक उत्सव मनाया जाता है तो अधिकारियों के लिए मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने के उद्देश्य से प्रत्येक भक्त की धार्मिक पहचान की जांच करना असंभव होगा। इसके अलावा यदि कोई एक अन्य धर्म से संबंधित व्यक्ति यदि किसी विशेष हिंदू देवता में विश्वास रखता है, तो उसे रोका नहीं जा सकता और न ही किसी मंदिर में उसका प्रवेश प्रतिबंधित किया जा सकता है।

यदि किसी अन्य धर्म के व्यक्ति की किसी हिंदू देवता में आस्था है तो यह सामान्य ज्ञान है कि जन्म से ईसाई डॉ के जे येसुदास के भक्ति गीत विभिन्न मंदिरों में गाए जाते हैं। ये गीत मंदिरों में भगवान बिना किसी आडंबर के बजाये जाते हैं।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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