एक ओर पावर प्लांट्स में कोयले की कमी की वजह से पूरे देश में बिजली कटौती गंभीर समस्या बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर मंत्रालय लगातार कोयले का पर्याप्त स्टॉक होने का दावा कर रहा है।
30 अप्रैल की सुबह तृतीय पाली का काम समाप्त होने के बाद मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि कोल इंडिया के पास अभी 57 मिलियन टन कोयला स्टॉक है।
बताना जरूरी होगा कि गर्मी जैसे-जैसे बढ़ रही है झारखण्ड समेत पूरे देश में बिजली की खपत बढ़ती जा रही है। ऐसे में बीसीसीएल ने कोल इंडिया के दिशा-निर्देश पर डब्ल्यूपीडीसीएल को कोयला सप्लाई करने पर फिलहाल रोक लगा दी है, वहीं डीवीसी, एनटीपीसी, उत्तर प्रदेश और पंजाब को हर माह करार से अधिक कोयला बीते 19 अप्रैल तक भेजा गया है।
कोयले की कमी की वजह से बिजली संकट गहराने की आशंका के मद्देनजर मांग को पूरा करने के लिए बिजली उत्पादन बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है, लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि देश के 173 में 53 बड़े पावर प्लांटों में कोयले का स्टॉक 10 दिन से कम का बचा है। लिस्ट में दामोदर घाटी निगम के झारखंड – बंगाल के पावर प्लांट भी शामिल हैं।
वहीं इलेक्ट्रिसिटी आथॉरिटी फ्यूल मैनेजमेंट लगातार पावर प्लांटों में कोयले की स्थिति को लेकर जानकारी ले रही है।
कोल इंडिया के पास मौजूदा समय में 58.09 मिलियन टन कोयले का स्टॉक है। इसमें बीसीसीएल के पास 1.75, ईसीएल के पास 2.48 व सीसीएल के पास 6.82 मिलियन कोयले का स्टॉक है। कोयला डिस्पैच बढ़ाने के लिए कोल इंडिया ने प्रतिदिन 336 रैक कोयला डिस्पैच करने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल 274 रैक कोयला सप्लाई हो रहा है। इसमें से 90 प्रतिशत पावर प्लांटों को प्राथमिकता के आधार पर भेजा जा रहा है।
बीसीसीएल सेल्स विभाग के अनुसार कोयला सप्लाई की स्थिति प्रत्येक दिन कुछ इस प्रकार है –
डीवीसी: करार – 7.5 रैक, सप्लाई- 8.65 रैक, 114 प्रतिशत
एनटीपीसी: करार – 2.47 रैक, सप्लाई- 4.89 रैक, 197 प्रतिशत
उत्तर प्रदेश पावर: करार – 1.91 रैक, सप्लाई- 1.76, 92 प्रतिशत
पंजाब पावर प्लांट: करार – 0.24 रैक, सप्लाई- 0.42, 171 प्रतिशत
इस संबंध में बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता ने कहा है कि करार के तहत पावर प्लाटों को कोयला सप्लाई किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पावर प्लांटों को कोयला सप्लाई प्राथमिकता में है। सेल्स विभाग की टीम को विशेष नजर रखने लिए कहा गया है।
28 अप्रैल को सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी फ्यूल मैनेजमेंट डिविजन द्वारा कोयला मंत्रालय, कोल इंडिया व इसकी सहायक कंपनियों को भेजी गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि डीवीसी के बोकारो, चंद्रपुरा, कोडरमा, दुर्गापुर पावर प्लांट में सात से लेकर 10 दिन का कोयला का स्टॉक बचा है।
बताया जाता है कि यह रिपोर्ट सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी फ्यूल मैनेजमेंट डिविजन ने ऊर्जा मंत्रालय को भेजते हुए कोयला सप्लाई में तेजी लाने की बात कही है। वहीं ऊर्जा मंत्रालय ने रेल मंत्रालय से रैक से कोयला ढुलाई में तेजी लाने को लेकर विशेष अभियान चलाने की बात कही है।
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी फ्यूल मैनेजमेंट डिविजन के अनुसार, पावर प्लांटों में कम से कम 21 दिन का कोयला स्टॉक होना चाहिए। इससे कम दिन का स्टॉक होना पावर प्लांटों के लिए चिंता का विषय माना जाता है। गौरतलब है कि अगर कोयले की आपूर्ति नहीं हुई तो पूरे देश में अंधेरा छा जाएगा। समस्या को देखते हुए पावर प्लांटों में कोयला स्टॉक में तेजी लाने के लिए कहा गया है।
इधर, इलेक्ट्रिसिटी अथारिटी फ्यूल मैनेजमेंट की रिपोर्ट के आधार पर पावर प्लांटों में कोयले की स्थिति को लेकर टीम गठित की गई है, जो हर दिन की स्थिति पर निगरानी रखते हुए रिपोर्ट तैयार कर उचित सुझाव दे रही है।
एक ओर पावर प्लांट्स में कोयले की कमी की वजह से पूरे राज्य में बिजली कटौती गंभीर समस्या बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर मंत्रालय लगातार कोयले का पर्याप्त स्टॉक होने का दावा कर रहा है।
30 अप्रैल की सुबह तृतीय पाली का काम समाप्त होने के बाद मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि कोल इंडिया के पास अभी 57 मिलियन टन कोयला स्टॉक है।
इसमें झारखंड के बीसीसीएल के पास 1.71 मिलियन टन, ईसीएल के पास 2.47 व सीसीएल के पास 6.38 मिलियन टन उत्पादित कोयला पड़ा है। बताया जाता है कि कोयला डिस्पैच बढ़ाने के लिए कोल इंडिया ने प्रतिदिन 336 रैक कोयला डिस्पैच करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें 286 रैक कोयला सप्लाई किया जा रहा है। इसमें 90 प्रतिशत पावर प्लांटों को प्राथमिकता के आधार पर भेजा जा रहा है।
कोयला मंत्रालय का दावा है कि अगर आज की तारीख में सभी कोयला खदानों से उत्पादन बंद भी कर दिया जाए, तब भी यह 57 मिलियन टन का स्टॉक पावर प्लांटों के लिए काफी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, इसी स्टॉक से एक से डेढ़ महीने तक पावर प्लांटों को निर्बाध कोयले की आपूर्ति की जा सकती है। बताया जाता है कि कोल इंडिया प्रतिदिन करीब 18 लाख टन कोयले का उत्पादन करता है, जबकि पावर प्लांटों की कुल जरूरत करीब 14 से 16 लाख टन प्रतिदिन की है। इस हिसाब से कोल इंडिया के उत्पादन और स्टॉक में कोई कमी नहीं है।
कोल इंडिया प्रबंधन ने अपनी सहायक कंपनियों को पावर प्लांटों में प्राथमिकता के आधार पर कोयला सप्लाई करने का निर्देश दिया है। उसने कहा है कि सभी कंपनियों के पास कोयले का पर्याप्त स्टॉक है। इस लिहाज से कोयला सप्लाई को लेकर किसी तरह की परेशानी न हो, इसको लेकर विशेष निगरानी रखने के लिए कहा गया है।
पावर सेक्टर में कोयले का स्टॉक कुछ इस प्रकार है-
बोकारो थर्मल पावर प्लांट- 07 दिन
चंद्रपुर थर्मल पावर प्लांट- 08 दिन
कोडरमा थर्मल पावर प्लांट- 13 दिन
दुर्गापुर स्टील पावर प्लांट- 12 दिन
दुर्गापुर थर्मल पावर प्लांट- 03 दिन
मिझिया थर्मल पावर प्लांट- 33 दिन
रघुनाथपुर थर्मल पावर- 14 दिन
बजबज पावर प्लांट- 10 दिन
हल्दिया पावर प्लांट- 11 दिन
पानीपत पावर प्लांट- 12 दिन
राजीव गांधी टीपीएस- 10 दिन
युमनानगर टीपीएस- 10 दिन
हरिद्वारगांज पावर प्लांट- 09 दिन
रोपड़ टीपीएस- 09 दिन
परिचा टीपीएस- 12 दिन
बांडिल टीपीएस- 04 दिन
डीपीटीपीएस- 04 दिन
बोकेश्वर टीपीएस- 12 दिन
कोलाघाट- 07 दिन
बाढ़ टीपीएस- 09 दिन
संथालडीह- 09 दिन
दादरी- 28 दिन
तेनुघाट- 05 दिन
सिंगरौली- 27 दिन
रिहंद- 39 दिन
सागरदीघी- 17 दिन
सूरतगढ़- 08 दिन
इंदिरा गांधी एसटीपीपी- 23 दिन
रोपड़- 07 दिन का है
रिपोर्ट के अनुसार, कोल इंडिया की कोयला कंपनियों के पास 30 अप्रैल तक कोयले का स्टॉक (मिलियन टन में)
ईसीएल- 2.47
बीसीसीएल- 1.71
सीसीएल- 6.38
एनसीएल-6.28
डब्ल्यूसीएल-7.08
एसईसीएल-16.38
एमसीएल-15.71
एनईसी- 0.03
इधर, बीसीसीएल के तकनीकी निदेशक (संचालन) संजय कुमार सिंह ने कहा है कि कंपनी के पास कोयले का पर्याप्त स्टॉक है। पावर प्लांटों को कोयला सप्लाईकिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डिस्पैच बढ़ाने को लेकर रेल से भी बातचीत हो रही है। पावर प्लांटों पर भी कोयला कंपनियां नजर बनाए हुए हैं।
(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)
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