प्रकाश सिंह बादल ने पद्म विभूषण लौटाया, पंजाब के 150 खिलाड़ी कतार में

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पंजाब और केंद्र में एनडीए के लंबे समय तक सहयोगी रहे प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के मुद्दे पर अपना पद्म विभूषण पुरस्कार वापस कर दिया है। प्रकाश सिंह बादल को इस पुरस्कार से मोदी सरकार ने साल 2015 में नवाजा था। प्रकाश सिंह बादल 8 दिनों से जारी किसान आंदोलन से निपटने के केंद्र सरकार के तरीके से नाराज़ हैं। साथ ही वो केंद्र सरकार द्वारा लाए इन तीन कृषि कानूनों के भी खिलाफ़ हैं। 

इससे पहले मंगलवार 1 दिसंबर को पंजाब के पूर्व खिलाड़ियों ने प्रेस कान्फ्रेंस करके किसान प्रदर्शनकारियों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए किए गए पानी की बौछार और आँसू गैस के इस्तेमाल पर नाराज़गी जताई। पंजाब के अर्जुन और पद्म पुरस्कार विजेताओं ने अब प्रदर्शनकारी ‘किसानों’ के साथ एकजुटता दिखाने के लिए अपना पुरस्कार वापस करने की चेतावनी दिया है। पद्म श्री और अर्जुन अवार्डी पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवार्डी बास्केटबॉल खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा और अर्जुन अवार्डी हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर उन लोगों में से हैं जो अपने पुरस्कार वापस करना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक ये खिलाड़ी 5 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन जाएँगे और अपना पुरस्कार वापस कर देंगे।

बता दें कि मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक वक्ता ने दावा किया कि पंजाब से 150 पुरस्कार वापस किए जाएँगे।

द ग्रेट खली भी आए किसानों के समर्थन में

डबल्यू डबल्यू एफ चैंपिनयन रेसलर द ग्रेट खली यानि दिलीप सिंह राणा ने भी अपने स्टाग्राम एकाउंट पर एक वीडियो शेयर करके किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।

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ग्रेट खली ने देश के नागरिकों से किसान आंदोलन में साथ देने की अपील करते हुए कहा– “नए कृषि सुधार कानून से किसानों के साथ आम लोगों पर भी बहुत बड़ा बोझ पड़ेगा। नए कानून से खरीदार किसानों से फसल दस रुपए किलो लेंगे और आपको 200 रुपए किलो बेचेंगे। सबसे ज्यादा नुकसान उनका है, जो दिहाड़ी करते हैं, रेहड़ी लगाते हैं और आम इंसान हैं। सभी लोगों से मैं विनती करता हूं कि किसानों के साथ खड़े हों, कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ दें, ताकि सरकार को किसान की मांग मानने के लिए मजबूर होना पड़े।”

ग्रेट खली ने केंद्र की मोदी सरकार को आगे चेताते हुए कहा- “यह पंगा पंजाबियों व हरियाणवियों से पड़ा है, केंद्र सरकार को इनसे निपटना बहुत मुश्किल होगा। एक जत्था छह महीने का राशन लेकर जा रहा है। जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होती, तब तक वापस नहीं आएंगे।”

इस बीच, किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए आज पंजाब की महिला कबड्डी टीम सिंघु बॉर्डर पहुंची है। महिला कबड्डी खिलाड़ी सिंघु बॉर्डर पहुंचकर सड़क पर बैठी और कृषि कानून के खिलाफ़ अपना विरोध दर्ज़ करवाया।

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