Wednesday, April 24, 2024

यूपी में उच्च शिक्षा के निजीकरण की भी हो गयी शुरुआत, पहले चरण में तीन सरकारी डिग्री कालेजों के मांगे गए प्रस्ताव

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश सरकार उच्चशिक्षा के निजीकरण की तैयारी में है। इसके लिए प्रारम्भिक चरण में प्रदेश के तीन राजकीय डिग्री कालेजों को पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) में देने की तैयारी है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने उत्तर प्रदेश शासन के पत्रांक संख्या-1973/सत्तर-5-2019-58/2019 दिनांक 06 सितम्बर, 2019 के सन्दर्भ में तीन राजकीय महाविद्यालयों को पीपीपी माडल पर संचालित किये जाने के लिए निजी क्षेत्र से प्रस्ताव मांगे हैं। जिन कॉलेजों के लिए उद्यमियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं इसमें राजकीय कृषि महाविद्यालय हरदोई, राजकीय महाविद्यालय रसूलपुर रूरी, उन्नाव और राजकीय महाविद्यालय चुग्घूपुर, जयसिंहपुर, सुल्तानपुर शामिल हैं। राजकीय कृषि महाविद्यालय हरदोई में बालक व बालिका छात्रावास भी बना हुआ है।

दरअसल सरकार पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में डिग्री कॉलेजों के संचालन की कवायद में जुटी है। इसके तहत जमीन, बिल्डिंग सहित दूसरे इन्फ्रास्ट्रक्चर सरकार के होंगे, वहां शिक्षक, स्टॉफ सहित पढ़ाई से जुड़े अन्य खर्च निजी क्षेत्र उठाएगा। इस संबंध में कार्यालय, उच्च शिक्षा निदेशालय, उप्र, प्रयागराज के संयुक्त निदेशक (उच्च शिक्षा) डॉ. राजीव पाण्डेय ने उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से कार्यालय ज्ञाप जारी कर रिपोर्ट मांगी है जिसे उप मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाना है।

 कार्यालय-उच्च शिक्षा निदेशालय, उ0प्र0, प्रयागराज

पत्रांक:- डिग्री प्लान/ 2732/2019-20

दिनांक 09/09/2019

कार्यालय ज्ञाप

शासन के पत्रांक संख्या-1973/सत्तर-5-2019-58/2019 दिनॉक 06 सितम्बर, 2019 के सन्दर्भ में तीन राजकीय महाविद्यालयों को पीपीपी माडल पर संचालित किये जाने हेतु शिक्षा के क्षेत्र में कार्य इच्छुक उद्यमियों से विभिन्न मॉडल पर विचार विमर्श कर संचालित किये जाने हेतु उनका अभिमत/प्रस्ताव प्राप्त करते हुए सम्यक परीक्षणोंपरान्त शैक्षिणक परिणाम की दृष्टि से उपयुक्त मॉडल के संबन्ध में स्पष्ट आख्या संस्तुति सहित शासन को दिनांक 11.09.2019 तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। इस सम्बन्ध में मा. उप मुख्यमंत्री जी के समक्ष प्रस्तुतीकरण शीघ्र किया जाना है।

पीपीपी मॉडल के अन्तर्गत निम्नलिखित तीन राजकीय महाविद्यालय प्रस्तावित है: 1. राजकीय कृषि महाविद्यालय, हरदोई (बालक एवं बलिका छात्रावास सहित निर्मित)। 2. राजकीय महाविद्यालय रसूलपुर रूरी, ब्लाक गंज मुरादाबाद, जनपद उन्नाव। 3.राजकीय महाविद्यालय, चुग्घूपुर, जयसिंहपुर सुलतानपुर ।

इच्छुक उद्यमी पीपीपी मॉडल पर संचालित किये जाने हेतु प्रस्तावित राजकीय महाविद्यालयों का स्थलीय निरीक्षण करते हुये अपना सम्पूर्ण विवरण यथा सोसाइटी/ ट्रस्ट, उपलब्ध वित्तीय सम्पतियां, ट्रस्ट की पृष्ठभूमि, शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव, संचालित किये जाने वाले पाठ्यक्रम, शैक्षिक, प्रशासनिक एवं गैर शैक्षिक पदों पर नियुक्तियों का विवरण सहित अभिमत के साथ अपना प्रस्ताव क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, लखनऊ की ई-मेल आईडी [email protected] पर तत्काल प्रेषित कराने के साथ ही एक प्रति उच्च शिक्षा निदेशालय का ई-मेल आईडी [email protected] पर दिनांक 12.09.2019 तक उपलब्ध कराने का कष्ट करें।

डॉ० (राजीव पाण्डेय) संयुक्त निदेशक (उशि) कृते शिक्षा निदेशक, (उशि) उप्र, प्रयागराज ।

गौरतलब है कि 2016-17 के लिए सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश के 36,852 कॉलेजों में से 64 प्रतिशत निजी गैर सहायता प्राप्त कॉलेज हैं, 14 प्रतिशत सरकारी निधि द्वारा समर्थित निजी कॉलेज हैं और 22 प्रतिशत सरकारी कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में नामांकित 2.64 करोड़ छात्रों में से 66 प्रतिशत निजी गैर सहायता या सहायता प्राप्त कॉलेजों में हैं और सरकारी कॉलेजों में केवल 33 प्रतिशत हैं। दरअसल वर्षों से बजट में सरकार द्वारा पैसे में लगातार की जा रही कमी, पहुंच वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के पतन का मुख्य कारण है।

1968 में कोठारी आयोग ने अनुमान लगाया था कि लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत खर्च किया जाना चाहिए। लेकिन सभी सरकारों ने लगातार होती इस कमी को नजरअंदाज कर दिया, जिससे गुणवत्ता और शिक्षा की पहुंच में लगातार गिरावट आई है। वर्तमान सरकार की बजटीय नीति ने शिक्षा के लिए धन में कटौती कर स्थिति को और बिगाड़ दिया है। केंद्र सरकार के कुल बजटीय व्यय के प्रतिशत के रूप में शिक्षा पर व्यय 2013-14 में 4.6 प्रतिशत से घटकर 2018-19 के बजट में 3.5 प्रतिशत हो गया है।

(लेखक जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल इलाहाबाद में रहते हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles