Thursday, April 18, 2024

राहुल गांधी ने संसद में कहा- आज इस देश को सिर्फ चार लोग चलाते हैं; हम दो-हमारे दो

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को संसद में कृषि कानूनों पर जमकर हमला बोला। दरअसल एक दिन पहले बुधवार को पीएम मोदी ने कहा था कि अच्छा होता कि कांग्रेस पार्टी नये कृषि कानूनों के रंग से ज्यादा उनके कंटेंट और इंटेंट पर चर्चा करती। राहुल गांधी ने पीएम की इसी बात का संसद में क्रमवार जवाब दिया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज लोकसभा में कहा, “बुधवार को इसी सदन में प्रधानमंत्री ने कहा था कि विपक्ष किसान आंदोलन की बात कर रहा है, लेकिन इन कानूनों की विषय वस्तु और इरादे पर बात नहीं कर रहा। आज मैंने सोचा कि मैं उन्हें खुश कर दूं, मैं आज विषय वस्तु और इरादे दोनों पर बोलूंगा। प्रधानमंत्री ने कल आप्शन की बात कही थी, मैं आपको बताता हूं ये तीन आप्शन भुखमरी, बेरोजगारी और आत्महत्या।”

उन्होंने आगे तीनों कृषि क़ानूनें पर विस्तार से बोलते हुए लोकसभा में कहा, “पहले कानून की सामग्री यह है कि देश में कहीं भी खाद्यान्न, फल और सब्जियों की असीमित खरीद हो सकती है। अगर देश में कहीं भी खरीद असीमित है तो मंडियों में कौन जाएगा, पहले कानून की सामग्री मंडियों को खत्म करना है।”

उन्होंने कहा कि दूसरे क़ानून की सामग्री यह है कि बड़े व्यापारी जितना चाहें उतना अनाज, फल और सब्जियां स्टोर कर सकते हैं। वे जितना चाहें उतना होर्डिंग लगा सकते हैं। दूसरे कानून की सामग्री आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करना है। यह भारत में असीमित जमाखोरी करेगा।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, “तीसरे कृषि क़ानून की सामग्री यह है कि जब कोई किसान अपनी फसलों की सही कीमत मांगने के लिए भारत के सबसे बड़े व्यापारी के सामने जाता है, तो उसे न्यायालय में जाने की अनुमति नहीं होगी।”

राहुल गांधी ने आज लोकसभा में बोलते हुए कहा कि ये क़ानून हम दो हमारे दो (अडानी, अंबानी) के लिए लाए हैं। पहले सरकार ने यह काम नोटबंदी के जरिए किया था। किसानों और मजदूरों का पैसा छीन लिया गया। सालों पहले फैमिली प्लानिंग में नारा था, हम दो और हमारे दो। आज क्या हो रहा है, जैसे कोरोना दूसरे रूप में आता है, वैसे ही ये भी नए रूप पर आ रहा है। अब चार लोग देश चला रहे हैं, उनका नारा है हम दो हमारे दो।

राहुल गांधी ने कहा कि हम दो और हमारे दो इस देश को चलाएंगे। पहली बार हिंदुस्तान के किसानों को भूख से मरना पड़ेगा। ये देश रोजगार पैदा नहीं कर पाएगा। ये पहली कोशिश नहीं है। ये काम प्रधानमंत्री ने हम दो हमारे दो के लिए पहले नोटबंदी में शुरू किया था। पहली चोट नोटबंदी थी। तब ये मंशा थी कि नोट निकालो और हम दो हमारे दो की जेब में डालो। लॉकडाउन के दौरान जब गरीबों ने बस और ट्रेन का टिकट मांगा तो मना कर दिया। उन्होंने कहा कि तुम पैदल घर जाओगे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रधानमंत्री मोदी के कल के भाषण पर आक्रामक रहेंगे इसका अंदाजा सत्ता पक्ष को भलीभांति था, तभी राहुल गांधी के भाषण की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष की ओर से हंगामा और नारेबाजी की गई। भाजपा सांसदों ने उनके भाषण के दौरान ही कहा कि ये कांग्रेस की बैठक नहीं है। इतना ही नहीं स्पीकर ने भी कई बार राहुल गांधी को टोकते हुए कहा कि आप बजट पर चर्चा कीजिए।

इन सबके जवाब में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “मैं बजट पर भी बोलूंगा, मैं फाउंडेशन बना रहा हूं अभी। पहले नोटबंदी फिर जीएसटी और फिर कोरोना के समय उन्हीं 8-10 लोगों का कर्ज़ा माफ़ कर दिया। हिंदुस्तान का रोज़गार का भी सिस्टम है। छोटे और मझोले उद्योग खत्म हो गए। आज नहीं, कल भी ये देश रोज़गार नहीं पैदा कर पाएगा, क्योंकि आपने किसान, मजदूर की और छोटे व्यापार की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी।”

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